वातावरण शुद्धि को जलाएं रोज एक दीया -नई मुहिम: 145 वां भलाई कार्य
देश को पर्यावरण संरक्षण में ‘हो पृथ्वी साफ, मिटे रोग अभिशाप’ जैसे महाअभियान की सौगात देने वाले डेरा सच्चा सौदा की साध-संगत ने अब देश की पुरातन विरासत यानी हवन सामग्री व घी द्वारा वातावरण को शुद्ध करने के तहत सुबह-शाम अपने घरों में दीये जगाने का प्रण लिया है।
पावन भंडारे के अवसर पर पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां के पावन आह्वान को सहर्ष स्वीकार करते हुए साध-संगत ने यह संकल्प लिया। पूज्य गुरु जी ने बरनावा स्थित शाह सतनाम जी आश्रम में अपने पावन कर-कमलों से 9 दीये प्रज्ज्वलित कर पर्यावरण संरक्षण की इस अनूठी मुहिम की शुरूआत की।
पूज्य गुरु जी ने इस दौरान फरमाया कि 3 दीये शाह सतनाम जी आश्रम बरनावा और 3-3 दीये शाह सतनाम जी धाम व शाह मस्ताना जी धाम सरसा में स्थापित होंगे और ये अखंड ज्योत की भांति हमेशा जगमगाते रहेंगे। यह कार्य अब डेरा सच्चा सौदा के मानवता भलाई के 145 वें कार्य के रूप में स्थापित हो गया है।
साध-संगत द्वारा अखंड जोत जगाने का प्रण करने के उपरांत पूज्य गुरु जी ने फरमाया कि जिस प्रकार ये अखंड दीये जगते रहेंगे तो मालिक आपके घरों में खुशियां जरूर भेजेंगे और उन दीयों की खुशबू से आपकी बुराइयां भी भाग जाएंगी।
वातावरण से बैक्टीरिया, वायरस भाग जाएंगे और वो शुद्ध होगा। गुरुकुल में दिन की शुरूआत घी या तेल के दीये जगाकर या यज्ञ की आहुति देकर की जाती थी। यह भी एक प्रकार से यज्ञ की आहूति है। अगर आप दीया जगाकर मालिक के नाम का जाप करेंगे तो और अच्छा महसूस होगा और मालिक की खुशियां मिलेंगी। बता दें कि यह अखंड दीये घी या तेल से जगाए जा सकते हैं।
पावन भण्डारे पर अखंड ज्योत प्रज्ज्वलित करते हुए पूज्य गुरु जी।