- मेडिकल रिसर्च के लिए दान की पार्थिव देह Body Donating
- डेरा सच्चा सौदा से प्रभावित होकर भरा था देहदान करने का फार्म
डेरा सच्चा सौदा के अनुयायी उम्र के हर पड़ाव में इन्सानियत का जज्बा संजोये रहते हैं। इसका अनूठा उदाहरण पेश किया है माता उर्मिला इन्सां ने, जिनकी पार्थिव देह अब पूरी दुनिया के लिए नए रिसर्च का माध्यम बनेगी। 82 वर्षीय उर्मिला देवी ने जीवन के अंतिम पड़ाव में भी मानवता का दामन नहीं छोड़ा, उनकी इस सकारात्मक सोच का श्रेय डेरा सच्चा सौदा के पूज्य गुरु संत डा. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां की पावन प्रेरणाओं को जाता है, जिससे प्रभावित होकर माता उर्मिला देवी ने जीते-जी ही मरणोपरांत शरीरदान का लिखित में प्रण लिया हुआ था।
Body Donating जानकारी के अनुसार, माता उर्मिला इन्सां धर्मपत्नी सचखंडवासी श्री सुंदर लाल इन्सां निवासी दिड़बा(पंजाब) गत 2 सितंबर को सुबह दो बजे के करीब प्रभु-परमात्मा के चरणों में सचखंड जा विराजी। परिवारिक सदस्यों ने उनकी अंतिम इच्छानुसार उनकी पार्थिव देह को मेडिकल रिसर्च के लिए हिमालय आयुर्वेदिक (पीजी) मेडिकल कॉलेज देहरादून को दानकर दिया। सचखंडवासी माता जी के पार्थिव शरीर को फूलों से सजी गाड़ी में सजाकर अंतिम यात्रा निकाली गई, जिसे शाह सतनाम जी ग्रीन एस वेल्फेयर फोर्स विंग के सेवादारों, रिश्तेदारों व शहरवासियों ने ‘शरीरदानी माता उर्मिला देवी अमर रहे’ के नारे लगाकर विदाई दी। बता दें कि शरीरदानी माता उर्मिला इन्सां ने पूजनीय परमपिता शाह सतनाम सिंह जी महाराज से 1981 में नामशब्द की अनमोल दात प्राप्त की थी।
जिसके बाद उन्होंने पूरे परिवार को डेरा सच्चा सौदा के साथ जोड़ते हुए इन्सानियत के पथ पर अग्रसर किया।
गौरतलब है कि सचखंडवासी माता उर्मिला इन्सां के बेटे सतपाल टोनी इन्सां, जतिन्द्र इन्सां, राकेश इन्सां, रिंकू इन्सां व मोहन लाल इन्सां सहित पूरा परिवार डेरा सच्चा सौदा की शिक्षाओं का अनुसरण करते हुए हमेशा मानवता भलाई कार्यों में अग्रणी रहता है। पूज्य माता जी भी स्वयं नामचर्चा घर, ब्लॉक व सरसा दरबार में बढ़-चढ़कर सेवा करती रही हैं। उनके पुत्र सतपाल टोनी ने बताया कि माता जी ने हमेशा परिवार को डेरा सच्चा सौदा की शिक्षाओं को अपनाने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने स्वयं मरणोपरांत शरीरदान करने का फार्म भरा हुआ था।
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माता उर्मिला देवी द्वारा किया गया शरीरदान सराहनीय कार्य है, ऐसा जज्बा किसी-किसी व्यक्ति में देखने को मिलता है। मेडिकल क्षेत्र में नई-नई बीमारियों के इलाज के लिए रिसर्च हेतु मानव बॉडी की दरकार रहती है। आज के समय में शरीरदान करना अपने आप में गर्व की बात है।
– सुखविंद्र बबला, अधिकारी सिविल अस्पताल संगरूर।
मरणोपरांत भी इन्सानियत पर Body Donating
परोपकार कर गई माता उर्मिला इन्सां शरीरदानी माता उर्मिला इन्सां के नमित्त 4 सितंबर को ब्लॉक दिड़बा के नामचर्चा घर में श्रद्धांजलि कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस दौरान पंजाब विधान सभा में विपक्ष के नेता और हलका विधायक हरपाल सिंह चीमा ने माता उर्मिला देवी इन्सां को श्रद्धांजलि भेंट करते हुए कहा कि माता उर्मिला देवी एक महान समाजसेवी थीं। उन्होंने कहा कि यह बहुत बड़ी बात है कि माता जी ने अपने पाँचों पुत्र समाज सेवा को समर्पित किये हैं, जोकि बढ़-चढ़कर समाज सेवा में जुटे हुए हैं। उन्होंने कहा कि माता उर्मिला देवी से सीख लेकर हम सबको मरणोपरांत शरीर दान करना चाहिए ताकि आने वाली पीढ़ियों को लाभ मिल सके।
साध-संगत राजनीतिक विंग के सदस्य रामकरन इन्सां ने कहा कि माता उर्मिला देवी ने पूरे परिवार को डेरा सच्चा सौदा के साथ जोड़ा। पूरा परिवार हमेशा से ही डेरा सच्चा सौदा की दिन-रात सेवा करता है, जिसका कोई सानी नहीं। उन्होंने कहा कि माता जी ने जीते जी तो मानवता की सेवा की ही, बल्कि मरणोपरांत भी शरीरदान कर अमर हो गई।
इस दौरान 45 मैंबर रामकरन इन्सां, सुमेर सिंह इन्सां, जोगा सिंह इन्सां, डॉ. सुखविन्द्र सिंह (बबला) संगरूर, जसपाल सिंह उभ्भावाल 25 मैंबर, प्रेम सिंह 25 मैंबर, रणदीप सिंह दियोल जिला प्रधान बीजेपी संगरूर, इंद्रजीत मूनक ब्लॉक भंगीदास, करनैल इन्सां सहित सुजान बहनें, समितियों के जिम्मेवार व शाह सतनाम जी ग्रीन एस वेल्फेयर फोर्स विंग के सदस्यों ने अपने श्रद्धा सुमन भेंट किए।
नामचर्चा के उपरांत परिवार की तरफ से जरूरतमंद परिवारों में राशन भी वितरित किया गया।
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