स्ट्रेस को कम करता है वॉकिंग मेडिटेशन Sachi Shikisha

मेडिटेशन वॉक मेडिटेशन का ही एक प्रकार है। मेडिटेटिव वॉक का मतलब है, चलते हुए मेडिटेशन या ध्यान करने से है। इसमें पूरा ध्यान चलने पर होता है और हर मूवमेंट को एनालिस करना पड़ता है। वॉकिंग मेडिकेशन पार्क या प्राकृतिक सौंदर्य में चलने से ज्यादा बेहतर होता है। मेडिटेटिव वॉक का मुख्य उद्देश्य चलना है, किसी डेस्टिनेशन तक पहुंचना नहीं। इस प्रकार का ध्यान आमतौर पर नियमित रूप से चलने की तुलना में बहुत धीमी गति से किया जाता है।

यह मुश्किल नहीं है, हर कोई इसे कर सकता है। इस विधि में न केवल ध्यान चलने पर होता है, बल्कि आगे बढ़ने के लिए एक पॉवर मिलती है। इस प्रकार के मेडिटेशन में सबसे ज्यादा मायने रखती है आपकी स्पीड, जो बहुत स्लो होनी चाहिए। इसके अलावा इसमें सांस के साथ समन्वय भी बैठाना होता है। हालांकि, बहुत से लोग मानते हैं कि सिटिंग मेडिटेशन की तुलना में वॉकिंग मेडिटेशन ज्यादा अच्छा है, लेकिन चलते हुए ध्यान करने के दौरान आपकी आंखें खुली रहती हैं और ध्यान के दौरान आपको हर कदम पर फोकस करना होता है, जिससे आपकी एकाग्रता बढ़ती है। वॉकिंग मेडिटेशन आपको चलने और सक्रिय ध्यान के स्वास्थ्य लाभ भी प्रदान करता है।

वॉकिंग मेडिटेशन के फायदे

वॉकिंग मेडिटेशन के कई फायदे हैं। वॉकिंग मेडिटेशन हमें आनंद और शांति की तरफ ले जाता है। जब हम चलते हैं, तो हमारा सारा तनाव गायब हो जाता है, ऐसा इसलिए क्योंकि इस वक्त हमारा ध्यान केवल हमारे चलने पर केंद्रित होता है।

चलते हुए ध्यान करने के कई फायदों के बारे में हम आपको बता रहे हैं

  • वॉकिंग मेडिटेशन करने से आपको लंबी दूरी तक चलने के लिए धैर्य रखने में मदद मिलती है।
  • यह हमारी शारीरिक फिटनेस और सहनशीलता को विकसित करता है।
  • वॉकिंग मेडिटेशन को अच्छे से किये जाने पर यह आपकी एकाग्रता में भी सुधार लाता है।
  • गठिया रोग को दूर करने के लिए मेडिटेटिव वॉक बहुत फायदेमंद है।
  • यह हर व्यक्ति को वर्तमान क्षण में जीने में मदद करता है साथ ही जागरूकता भी बढ़ाता है।
  • यह मन को शांति प्रदान करने के साथ मन में एकाग्रता लाने में मददगार है।
  • इस दौरान आप गुरुमंत्र का भी जाप कर सकते हैं। आपको बहुत शांति और खुशी मिलेगी।
  • भोजन के बाद मेडिटेटिव वॉक करने से पाचन क्रिया अच्छी होती है और खाने के बाद यह उनिंदापन को कम करता है।
  • मन और शरीर के बीच संबंध स्थापित करने के लिए वॉकिंग मेडिटेशन बहुत फायदेमंद है।
  • यह नए दृष्टिकोण और विचारों के लिए आपका दिमाग खोलता है।
  • वॉकिंग मेडिटेशन आपको पर्यावरण से अधिक गहराई से जोड़ता है।
  • इमोशन्स और स्ट्रेस को कम करने के लिए वॉकिंग मेडिटेशन अधिक लाभकारी है।
  • वॉकिंग मेडिटेशन करने से आपका स्टैमिना लंबे समय तक बना रहता है। साथ ही शारीरिक शक्ति भी बढ़ती है।
  • वैकल्पिक रूप से चलते हुए ध्यान करने से स्वास्थ्य में काफी सुधार होता है।
  • यह अच्छे स्वास्थ्य निर्माण में आपकी बहुत मदद करता है। चलने से आपके आसन में बदलाव होता है और सकुर्लेशन को भी बढ़ावा मिलता है।
  • मेडिटेटिव वॉक में न आपको केवल चलने पर, बल्कि अन्य मूवमेंट्स पर भी ध्यान देना होता है, इससे आपका मानसिक प्रयास बढ़ता है।
  • यदि आप काम में पूरा दिन मन लगाना चाहते हैं, तो सुबह के समय चलते हुए ध्यान करना बहुत अच्छा तरीका है।

वॉकिंग मेडिटेशन कैसे करें

ध्यान रखें, कि साधारण चलना वॉकिंग मेडिटेशन नहीं होता। इसके लिए आपको निदेर्शों की आवश्यकता होती है। नीचे हम एक सरल प्रक्रिया के जरिए आपको बता रहे हैं, कि वॉकिंग मेडिटेशन कैसे करना चाहिए।

सबसे पहले एक आदर्श स्थान चुनें

एक लेन या एक मार्ग या आप अपने आंगन को चुनना भी अच्छा विकल्प है। व्यस्त सड़क या उबड़ खाबड़ लेन से बचना सबसे अच्छा है। ऐसी जगह चुनें, जहां आप दस से बीस मिनट चल सकते हों। लेकिन सुनिश्चित करें, कि यह स्थान खाली हो। क्योंकि आपका धीमी गति से चलना उन लोगों को आकर्षित करेगा, जो इस बारे में कुछ नहीं जानते।

अब सही ठहराव लें

वॉकिंग मेडिटेशन करने के लिए आपको एक पैटर्न बनाने की जरूरत है। इस तरह आपका मन और शरीर एक निश्चित तरीके से आदी हो जाएगा और आपके लिए ध्यान केंद्रित करना आसान हो जाएगा। 20 से 40 कदम तक चलें और फिर रुक जाएं। अब खड़े रहें और सांस लें। अब फिर से पीछे जाएं और इस प्रक्रिया को दोहराए, जब तक की आप इसके आदी न हो जाएं।

हर स्टेप का ध्यान रखें

वॉकिंग मेडिटेशन करने के लिए, चलने के लिए एक विशेष पैटर्न अपनाएं। आपके द्वारा उठाए जाने वाले हर कदम का अवलोकन करना बेहद महत्वपूर्ण है। चलते समय अलग-अलग घटक होते हैं, जिन्हें देखने की आपको जरूरत होती है। अपने पैरों को उठाने, इसे आगे ले जाने, जमीन पर रखने और अपने पैरों पर जमीन के स्पर्श को महसूस करने जैसे कदमों के बारे में जागरूक रहें। उसी तरह आपको यह भी देखना होगा, कि शरीर का वजन दूसरे पैर पर कैसे जाता है।

अपनी स्पीड को बनाए रखें

मेडिटेटिव वॉक में आपको फास्ट नहीं, बल्कि थोड़ा आराम से चलना है। जितना आमतौर पर हम चलते हैं, उससे थोड़ा धीमा। लेकिन जिस गति से चल रहे हैं, उसी गति से चलते रहें। बीच-बीच में गति को धीमा या तेज न करें। विशेषज्ञों की सलाह है, कि गति हमेशा धीमी रखें और अच्छे अनुभवों के लिए छोटे-छोटे कदम उठाएं।

अपने हाथों की पोजीशन पर ध्यान दें

जब आप माइंडफुल वॉक के लिए जाते हैं, तो आपको समझ नहीं आता कि आप अपने हाथों को कैसे रखें। इसे फ्री छोड़ दें , जैसे आप टहलते हैं या फिर इनके लिए कोई विशेष पोजीशन को अपनाएं। वैसे, आपको जो स्थिति आरामदायक लगे, उसे अपनाएं। आप अपने हाथों को पीठ के पीछे रखकर या फिर सामने की ओर लहराते हुए चल सकते हैं।

अपने ध्यान को संतुलित करें

वॉक करते समय फोकस किस जगह रहना चाहिए, ये देखना बेहद महत्वपूर्ण है। अपने ध्यान को संतुलित करें। वॉक करते समय आंखें नीचे की ओर रहनी चाहिए। नीचे का मतलब अपने कदमों में नहीं, बल्कि थोड़ा आगे देखकर चलें। लेकिन वहां पर घूरना नहीं है। बस कैज्युअली देखते जाएंगे और चलते जाएंगे। चलते हुए एक रिदम के साथ आप एक्टिविटी भी कर सकते हैं। अपनी चाल के साथ जोड़कर ये एक्टिविटी कर सकते हैं।

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