'Ruhi' is in the headlines

सुर्खियों में है ‘रूही’ ‘Ruhi’ is in the headlines
69 इंची ऊंचाई वाली खास है यह घोड़ी मक्खन खाकर अपनी कद-काठी से बनाई अलग पहचान खास बातें

  •  किस्म: नुकरी घोड़ी
  • उम्र : 3 साल
  • कद : 69 इंच
  • मां का कद: 66 इंच
  • नामकरण: पूज्य गुरू जी द्वारा
  • विशेष खुराक: प्रतिदिन मक्खन
  • अभ्यास: प्रतिदिन एक घंटा कड़ी मेहनत
  • खूबी: रिंग रनिंग, स्टेट रनिंग व जम्प

घुड़सवारी किसी समय में राजा-महाराजाओं का शौक होता था,

लेकिन वर्तमान में गर बात करें तो आज युवाओं में घुड़सवारी का शौक एक फैशन बनता जा रहा है।

घुड़सवारी के इस दस्तूर में डेरा सच्चा सौदा का जिक्र लाजमी हो जाता है। डेरा सच्चा सौदा में इन दिनों ‘रूही’ घोड़ी बड़ी चर्चा का विषय बनी हुई है। ‘रूही’ अपनी कद-काठी और सुंदरता से हर किसी को अपनी ओर आकर्षित कर रही है। 69 इंच का विशाल कद लिए यह ‘रूही’ जब भी किसी मेले में प्रवेश करती है तो बरबस ही सबकी निगाहें उसकी ओर दौड़ पड़ती हैं। ‘रूही’ अवश्य ही बड़ी भाग्यशाली रूह है जो उसे पूज्य गुरु संत डॉ. एमएसजी का भरपूर आशीर्वाद मिला है।

खास बात यह है कि इस घोड़ी का ‘रूही’ नामकरण भी पूज्य गुरु जी ने स्वयं किया है।

पूज्य गुरु जी के पावन मार्गदर्शन में डेरा सच्चा सौदा के घोड़ा फार्म में पल रही नुकरी ब्रीड की इस ‘रूही’ के आज लाखों कदरदान हैं। अपने सफेद रंग से बेशक ‘रूही’ शांति और भाईचारे का संदेश देती प्रतीत होती है, लेकिन जब यह कदमताल करती है तो मैदान में दूर-दूर तक उसके साथ कोई टिकता नजर नहीं आता। माना जा रहा है कि ‘रूही’ घोड़ी अब तक की सबसे ऊंची घोड़ियों में से एक है। तीन साल की उम्र में ‘रूही’ ने 69 इंच की ऊंचाई को छु लिया है।

फार्म में पालक की सेवा कर रहे तेजेंद्र इन्सां का कहना है

कि अमूमन घोड़े की खुराक में एक रूटीन वर्क रहता है। लेकिन ‘रूही’ के लिए पूज्य गुरू जी ने उसके जन्म से ही विशेष डाइट के रूप में मक्खन खिलाने के बारे में फरमाया था। ‘रूही’ जब दस दिन की थी, तभी से उसे प्रतिदिन 10 ग्राम मक्खन खिलाया जाने लगा था। जैसे-जैसे वह बड़ी होती गई, मक्खन की मात्रा को भी वैसे-वैसे बढ़ाते गए। प्रतिदिन 700 ग्राम मक्खन तक इसकी खुराक में दिया जाता रहा है।

इन्सां के अनुसार,

‘रूही’ के सौंदर्य में निखार व मजबूत कदकाठ में अहम रोल रहता है ‘रूही’ के द्वारा किया जाने वाले कड़े अभ्यास का। प्रतिदिन एक घंटा ‘रूही’ को कड़ी मेहनत के दौर से गुजरना पड़ता है, जिसमें रिंग रनिंग, स्टेट रनिंग के अलावा जम्प का खूब अभ्यास करवाया जाता है।

‘रूही’ की मां का नाम भी रूही ही है, जिसका कद 66 इंच है। ‘रूही’ का एक छोटा भाई भी है, जो अभी साढ़े तीन महीने का हुआ है। इस फार्म में नुकरी नस्ल के अलावा मारवाड़ी नस्ल का रोमियो घोड़ा भी बड़ा प्रसिद्ध है। वहीं काठियावाडी, गुजराती, सिंधी घोड़े भी यहां की शान में शुमार हैं।

अभी और बुलंदी को छूएगी ‘रूही’

इन्सां ने बताया कि आमतौर पर घोड़े का कद अपनी उम्र के साथ-साथ बढ़ता जाता है। लेकिन शुरूआती 3 वर्ष घोड़े के लिए बहुत महत्वपूर्ण होते हैं, जिसमें सबसे तीव्र गति से कद में बढ़ोतरी होती है। हालांकि घोड़ा अपनी 5 वर्ष की आयु तक कद में इजाफा करता रहता है, लेकिन उसके बाद यह बढ़ोतरी न के बराबर होती है। ‘रूही’ घोड़ी अभी 3 वर्ष की हुई है, अभी दो साल और उसका कद बढ़ेगा। ऐसे में वह कई रिकार्ड तोड़ सकती है।

उन्होंने बताया कि फार्म में 25 वर्ष का रूहसाद घोड़ा भी है, जिस पर पूज्य गुरु संत डॉ. एमएसजी ने कई बार घुड़सवारी की है। पूज्य गुरू जी ने इसके नाम को रूहसाद यानि आत्म+खुशी के रूप में परिभाषित किया है। रूहसाद का कद 62 इंच है। तेजेंद्र ने आगे बताया कि पहले 6 माह में दूध के दांत, सवा से डेढ़ साल के बीच चौकडी यानि चार दांत हो जाते हैं। इसके बाद ढ़ाई वर्ष तक घोड़े के दो दांत रहते हैं। अमूमन घोड़े की अधिकतम उम्र 45 से 50 वर्ष की होती है।

पूज्य गुरु जी ने स्वयं बनाया है पोषण का शेड्यूल

डेरा सच्चा सौदा, सरसा के घोड़ा फार्म के अश्व पालक तेजिन्द्र सिंह इन्सां ने बताया कि पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां द्वारा स्वयं नुकरी ब्रीड ‘रूही’ व मारवाड़ी घोड़े रोमियो के पालन पोषण का शैड्यूल बनाया गया है। पूज्य गुरु जी के मार्गदर्शन के अनुसार ही इनकी देखभाल की जाती है। उन्होंने बताया कि अमूमन पालक अपने घोड़ों को गेहूं खिलाने से परहेज करते हैं, क्योंकि गेहूं को घोड़े के लिए जहर की मानिंद माना जाता है।

लेकिन यहां के रिवाज कुछ हटकर हैं। पूज्य गुरु जी द्वारा बताए टिप्स के अनुसार यहां फार्म में रहने वाले हर मेल-फीमेल घोडेÞ को गेहूं खिलाया जाता है। खासकर नियमित खुराक के साथ-साथ सर्दियों में उनके लिए विशेष डाइट का प्रबंध किया जाता है। सर्दी के दिनों में इस डाइट में बाजरे का मिश्रण किया जाता है, जबकि गर्मी के दिनों में इस डाइट में से बाजरा हटा दिया जाता है।

बाजरा 700 ग्राम
चना 700 ग्राम
गेहूं 150 ग्राम
सोयाबीन 150 ग्राम
घी 100 ग्राम

दिनभर का चार्ट

रूही के लिए पूरे दिन का शैड्यूल बनाया हुआ है। उसकी हर गतिविधि समय के अनुसार पाबंद है। उसकी खुराक व अभ्यास के लिए टाइम निर्धारित किया हुआ है।
सुबह 6 बजे खरखरा
साढ़े 6 बजे खंडा(चना), कैल्सियम,
मिनरल पाउडर
साढ़े 7 बजे गर्म पानी
8 बजे चौकर व हरा चारा
10 बजे विशेष खुराक*
साढ़े 10 बजे अभ्यास
साढ़े 11 बजे इच्छानुसार जल
साढ़े 4 बजे चौकर व हरा चारा
सायं 5 बजे 300 ग्राम चना खंडा व
300 ग्राम मोठचुरी
6 बजे मसाज करीब 15 मिनट
साढ़े 7 बजे गर्मपानी व बोरिक एसिड
से आंखों को साफ किया
जाता है।
*विशेष खुराक: 500 ग्राम चनादाल, 200 ग्राम साबुत जिरी, 200 ग्राम चना स्वैज, 500 ग्राम मोठचुरी, 150 ग्राम कनक व 10 ग्राम तारामीरा, नमक, हल्दी व 10 ग्राम काली जिरी गर्म पानी में उबाल कर व बेसन और घी में तैयार की गई खुराक

आमतौर पर अरबी घोड़े/घोड़ी की ऊंचाई 57 से 61 इंच यानि 145 सेंटीमीटर से 155 सेंटीमीटर के मध्य होती है। जबकि मारवाड़ी घोड़ों की हाइट 56 से 64 इंच के बीच रहती है। वहीं नुकरी घोड़े 61 से 65 इंच हाइट में मिलते हैं। यहां फार्म में रूही नामक घोड़ी जिसकी ऊंचाई 69 इंच है, लगभग घोड़ियों में सबसे ज्यादा ऊंचाई है। इस तरह की घोड़ी इतनी ऊंचाई में बहुत कम मिलती है।  – डा. गणपत सिंह, पशु चिकित्सक।

अमूमन घोड़ी का 69 इंच कद बहुत कम मिलता है। अधिकतर घोड़े व घोड़ी की हाईट 65 से 66 इंच तक मिलती है। क्रॉस करवाने की वजह से इतनी हाईट हो जाती है। 69 इंच की हाईट अच्छी हाईट है। ऐसे घोड़े या घोड़ी ज्यादातर सफेद रंग में होते हैं और उसके दोनों कान मिले होते हैं। अच्छी देखभाल और खुराक की बदौलत ये अच्छी अचीवमेंट है।
-डा. बी.एन. त्रिपाठी  डायरेक्टर, अश्व अनुसंधान केंद्र हिसार।

 

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