जूते-चप्पलों का चयन
मौसम के अनुरूप जूते-चप्पलों व सैंडिलों का चुनाव करना भी एक महत्त्वपूर्ण कार्य है क्योंकि अब पहले का जमाना तो रहा नहीं, जब एक जोड़ी जूते या चप्पल खरीद लिये जाते थे और जब तक वे टूटते नहीं थे, तब तक दूसरे की जरूरत नहीं समझी जाती थी। आज फैशन के साथ चलने के लिए घर के हर सदस्य के पास कई-कई जोड़ी जूते-चप्पल होते हैं।
आज बाजार में फुटपाथ से लेकर बड़ी-बड़ी दुकानों में तरह-तरह के जूते-चप्पलों व सैंडिलों की भरमार है। उनमें से मौसम के अनुरूप सुंदर, टिकाऊ व आरामदायक जूते चप्पलों का चुनाव करना मुश्किल काम है!
अत: जूते-चप्पल की खरीद करने की जानकारी होना अत्यंत आवश्यक है।
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जूते-चप्पल खरीदते समय निम्नांकित बातों का ध्यान अवश्य रखें:-
- जूते-चप्पल खरीदते समय उनकी खूबसूरती का ध्यान रखें ताकि पहनने पर व्यक्तित्व से मेल खाते लगें। जूते-चप्पल केवल पैरों को आराम ही नहीं देते, बल्कि पहनने वाले व्यक्ति के व्यक्तित्व में भी निखार लाते हैं। यदि ये व्यक्तित्व के अनुरूप व सुंदर होते हैं तो आपकी प्रतिष्ठा भी बढती है। कभी भी किसी का नाप ले जाकर जूते या चप्पल न खरीदें, क्योंकि नाप से खरीदे गए जूते-चप्पल अक्सर सही नहीं होते। कभी पंजा कसा रहता है तो कभी ढीला, या फिर कभी पैरों के आकार पर सुंदर नहीं लगते!
- जूते-चप्पल अच्छी विश्वसनीय दुकानों से ही खरीदें। खरीदते समय इनकी मजबूती का विशेष ध्यान रखें। हमेशा प्रतिष्ठित कंपनी के ही जूते-चप्पल खरीदें। सस्ते के चक्कर में घटिया माल न खरीदें। अच्छी किस्म के जूते-चप्पल सस्ते दाम के जूते-चप्पलों की अपेक्षा अधिक दिनों तक चलते हैं।
- जूते-चप्पलों की ऊपरी परिसज्जा को अच्छी तरह देख-परख लें। कभी-कभी ऊपरी परिसज्जा शीघ्र ही हट जाती है जिससे इनका रूप बिगड़ जाता है। फिर मजबूत होने के बावजूद भी इन्हें बाहर नहीं पहना जा सकता। अत: जिन जूतों या चप्पलों की परिसज्जा शीघ्र ही हट जाने की आशंका हो, उन्हें न खरीदें।
- जूते खरीदते समय खुद पहनकर और वहीं चलकर देख लें कि आराम मिल रहा है या नहीं। अधिक कसे जूते, चप्पल या सैंडिल कभी न खरीदें, क्योंकि इन से पैरों को तकलीफ होती है और साथ ही आपका चलने का ढंग भी बिगड़ जाता है। इसके अतिरिक्त जूते, चप्पल या सैंडिल की मजबूती, उसकी सजावट और साफ करने की विधि आदि को देख व समझकर ही उसकी खरीद करें।
- जूते-चप्पलों या सैंडिलों का चुनाव उनके रंग, परिसज्जा व डिजाइन को ध्यान में रखकर करें ताकि पहनने पर आपका व्यक्तित्व खिल उठे। फैशन के हिसाब से सूट या साड़ी से मेल खाती चप्पलें या सैंडिलें पहनना ठीक रहता है। ध्यान रहे कि कभी भी ऊंची एड़ी के सैंडिल या चप्पल न पहनें, क्योंकि इससे कमर दर्द होने की संभावना रहती है।
पैर फिसल जाने पर पैर में मोच भी आ सकती है। गर्भवती महिला को सदैव ऊंची एड़ी वाली सैंडिल पहनने से बचना चाहिए। ज्यादा दूरी तय करते समय या जहां ज्यादा पैदल चलना पड़े, वहां ऊंची एड़ी वाली चप्पलें न पहनें, क्योंकि चलने में बहुत परेशानी होती है तथा समय भी अधिक लगता है।
रख रखाव :-
जूते-चप्पल या सैंडिल चाहे कितने भी महंगे खरीदे जाएं, यदि उनकी उचित देख-रेख नहीं होती तो वे शीघ्र ही अपनी सुंदरता खो देते हैं। इसलिए यदि आप चाहती हैं कि आपकी खरीदी गई चप्पलें या सैंडिल ज्यादा दिनों तक आपका साथ दें तो उनके रख-रखाव में पूरी सतर्कता बरतें।
- जिन सैंडिलों या चप्पलों को आप प्रयोग में नहीं ला रही हैं, उनमें रद्दी अखबार भरकर और अखबार में ही लपेट कर रख दें, ताकि उनमें धूल न पड़े।
- रूपहली चप्पलों या सैंडिलों की चमक कायम रखने के लिए उपयोग के बाद उन्हें पोंछकर पॉलिश करें व ‘टिशू पेपर’ में लपेट कर रखें। इन पर यदि किसी भी प्रकार के दाग-धब्बे लग गए हों, तो उन्हें पेट्रोल से छुड़ाएं।
- यदि जूते, चप्पल या सैंडिल नए होने पर काटते हैं तो उनके अंदर मोम रगड़ दें। चमड़े के जूते या चप्पल में मोम की जगह सरसों का तेल भी लगाया जा सकता है। कभी-कभी सैंडिल या चप्पल के टूट जाने पर उसे टूटा हुआ न छोड़ें। तुरंत मरम्मत करवा लें। कई दिनों तक टूटा पड़ा रहने पर उनका आकार बिगड़ जाता है।
- चप्पल, जूते गीले हो जाने पर अंदर अखबार भर दें, ऐसा करने पर वे जल्दी सूख जाते हैं। कभी भी जूते या चप्पल को सुखाने के लिए आग के पास न रखें, इससे चमड़े में दरारें पड़ जाती है।
- जूते-चप्पलों व सैंडिलों को ब्रश से नियमित साफ करें। कभी भी कीचड़ आदि को खुरच कर साफ न करें। सूख जाने पर ब्रश से ही झाड़ें अथवा गीले कपड़े पर थोड़ा-सा साबुन लगाकर साफ करें, और सूख जाने पर उन्हें पोंछ दें। पॉलिश करते समय एड़ी की ओर भी पॉलिश करें।
- जूते-चप्पलों की एड़ियों को कभी-कभी सरसों के तेल में भिगो देने से उनमें मजबूती आती है।
सावधानियां:-
- जूते, चप्पलों या सैंडिलों के कड़े हो जाने पर उन पर वैसलीन लगा दें, वे नर्म हो जाएंगे।
- जूते, चप्पलों या सैंडिलों में चमक लाने के लिए नींबू का रस लगा कर धूप में सुखाएं और बाद में पॉलिश करें।
- जूतों में कभी-कभी जरा सी ग्लिसरीन लगा देने से वे अधिक दिनों तक चलते हैं।
- पानी में ऐंठे जूते पर मिट्टी के तेल में थोड़ा-सा सरसों का तेल मिलाकर लगाने से वे नर्म हो जाते हैं।
- यदि चमड़े के जूते खराब हो गए हैं और उन पर पॉलिश नहीं चढती है तो पहले कच्चा आलू रगड़ कर सूखने दें और फिर पॉलिश करें, चमक उठेंगे।
- यदि पॉलिश सूख जाती है तो उसमें सिरके की 2-4 बूदें डाल दें, वह पुन: मुलायम हो जाएगी।
जूते चप्पल पैरों को आराम पहुंचाने के साथ-साथ आप के व्यक्तित्व को भी निखारते हैं,
अतएव उम्र और कद काठी के हिसाब से जूते खरीदें, भले ही वे महंगे ही क्यों न हों। – आर. सिंगला