Organic Turmeric: किसान जसवीर सिंह की 6 साल की मेहनत से ऑर्गेनिक हल्दी का हब बनने लगा नागौकी
कृषि : किसान मेले में मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने खेती नवाचार के लिए किया सम्मानित
गर खेती में मुनाफा कमाना है तो कुछ नया अवश्य करना होगा, क्योंकि बदलते सिस्टम में रूटीन की खेती अब बीते जमाने की बात हो चुकी है। कुछ ऐसा ही नया करने के प्रयास में जुटे गांव नागोकी, जिला सरसा के किसान जसवीर सिंह संधू ने खेती का जायका चेंज करते हुए आर्गेनिक हल्दी की खेती करने का मन बनाया।
हालांकि जसवीर के उधम को एक बारगी परिजनों का साथ नहीं मिला, किंतु उनकी छह साल की लगन और मेहनत ने आज गांव को हल्दी का हब बना दिया है। आस-पास के क्षेत्र के लोग आर्गेनिक हल्दी के लिए नागोकी गांव का रूख करते हैं। वहीं जसवीर संधू खेती के इस बदलाव से लखपति हो गया है। हल्दी की उत्तम खेती के लिए हाल ही में चौ. चरण सिंह कृषि विश्वविद्यालय हिसार में आयोजित किसान मेले में हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने जसवीर सिंह को विशेष तौर पर सम्मानित किया गया। उनके पुत्र गुरदीप सिंह इन्सां ने यह सम्मान प्राप्त किया।

अगले वर्ष उसने इसका दायरा बढ़ाते हुए 4 एकड़ में हल्दी की फसल बोई, जिसमें करीब सवा 100 क्विंटल उत्पादन हुआ। खास बात है कि जसवीर सिंह अब स्वयं का बीज तैयार करते हुए हल्दी का भंडारण भी करता है, ताकि किसी पर निर्भर न रहना पड़े। हालांकि उनका कहना है कि 10 महीने की इस खेती में अन्य फसलों के मुकाबले काफी मेहनत करनी पड़ती है और बीज भी काफी महंगा मिलता है। प्रति एकड़ में 6 क्विंटल बीज लगता है। जसवीर सिंह के अनुसार, एक फसल में हल्दी की 3 वैरायटी बनती है। जिसमें जड़ वाली हल्दी, लंबी हल्दी व बारीक हल्दी शामिल है। हल्दी की बिजाई अप्रैल माह में होती है और जनवरी माह में यह तैयार हो जाती है।
आजकल मार्केट में आर्गेनिक हल्दी की बहुत मांग है। इसे आॅर्गेनिक ढंग से बिना रसायनों के तैयार किया जाता है। उर्वरक के तौर पर वह इस खेती में गोबर की खाद का इस्तेमाल करता है। हालांकि हल्दी फसल में फंगस की शिकायत कुछ ज्यादा रहती है। इसलिए उसने घर पर ही देसी तकनीक से गौ मूत्र, नीम के पत्ते व कुछ अन्य चीजों का उपयोग कर दवा तैयार की है। आसपास के गाँवों के लोग व दुकानदार उसके यहाँ से हल्दी खरीदकर ले जाते हैं,
क्योंकि यह शुद्ध एवं आॅर्गेनिक है। इसके अलावा कुछ लोग साबुत हल्दी का अचार भी डालना पसंद करते हैं। आयुर्वेद में हल्दी को एक बड़ा एंटीबायोटिक बताया गया है। हल्दी कई भयानक रोगों में भी रामबाण का कार्य करती है। दूध के साथ हल्दी मिलाकर पीने से भी कई फायदे होते हैं।


































































