आचरण सुधारें, सभ्य बनें
आम जीवन में बहुत बार ऐसा देखने में आता है कि लोग छोटी-छोटी आदतों से असभ्य आचरण कर जाते हैं। हालांकि कहना गलत नहीं होगा कि उन्हें भी अपनी इन आदतों के बारे में ज्ञान नहीं होता, जिसकी वजह से वे ऐसा आचरण कर बैठते हैं।
सतगुरु जी ने अपने शिष्यों की मांग पूरी की
सन 1952 की बात है कि मेरे गांव के कुछ सत्संगी भाइयों ने डेरा सच्चा सौदा सरसा में पहुँच कर बेपरवाह मस्ताना जी के चरण-कमलों में विनती की कि शहनशाह जी हमारे गांव में सत्संग करो जी। बेपरवाह जी ने उनकी विनती मंजूर कर ली।
मेरा सतगुरु ‘मोया राम’ नहीं, वो ‘जिंदाराम’ है
फरवरी 1960 में मेरी शादी हुई। जब शादी हुई तो मेरे पति बीमार थे। वह इतने बीमार थे कि कुछ खाते-पीते नहीं थे। हर कोई कहता था कि ये बचेंगे नहीं, चोला छोड़ेंगे। उन दिनों में बेपरवाह मस्ताना जी महाराज डेरा सच्चा सौदा रानियां में पधारे हुए थे।
भयानक कर्म भी कट जाते हैं।
मेरा लड़का हरजिन्द्र सिंह उम्र 35 वर्ष मोटरसाइकिल पर गाँव से पीलीबंगा आ रहा था। अचानक उसकी आँख में मच्छर वगैरा कुछ पड़ गया। वह आँख मसलने लगा तो मोटर साईकिल का बैलेंस बिगड़ गया और वह पक्की सड़क पर जोर से गिर पड़ा। उसी समय मेरे पास पीलीबंगा से फोन आया कि आपके लड़के हरजिन्द्र का एक्सीडैंट हो गया है।
16% ज्यादा माइलेज वाली होंडा की बाइक बी-6
होंडा मोटरसाइकिल एंड स्कूटर इंडिया (एचएमएसआई) ने भारत चरण (छह) मानकों वाली मोटरसाइकिल एसपी 125 लॉन्च किया है। दिल्ली में इसकी कीमत 72,900 रुपये (एक्स-शोरूम) है।
कार्यालय में काम करने के दौरान
एक निजी स्कूल में अध्यापिका का काम करने वाली फाल्गुनी अक्सर अपनी बेढंगी वेशभूषा और बातूनीपन की वजह से अपने छात्र-छात्रओं और सहकर्मियों के बीच मजाक का विषय बन जाती है।
आत्मविश्वास आपकी पूंजी है | Confidence is your capital
आत्मविश्वास ऐसी भावना है जो व्यक्ति खुद के अंदर अपने ही प्रयास से उत्पन्न करता है किंतु यह बात हर व्यक्ति में नहीं होती कि वह आत्मविश्वास को उत्पन्न कर सके।
पूजनीय परमपिता शाह सतनाम जी महाराज के 101वें पावन अवतार दिवस पर विशेष
Special on the 101st Holy Avatar Day of His Holiness Shah Satnam Ji Maharaj
‘रब्बी जलाल खिल उठी फिजाएं,
प्यारे शाह सतनाम जी पधारे’
संत-सतगुरु कुल मालिक के प्रकट स्वरूप होते हैं। वे परम पिता परमात्मा के...
चल उठ भई! तुझे तो ड्यूटी पर टाईम से पहुंचना है
पूजनीय सार्इं शाह मस्ताना जी महाराज का रहमो-करम | सत्संगियों के अनुभव
मास्टर लीला कृष्ण उर्फ लीलाधर पुत्र श्री पुरुशोत्तम दास, नानक नगरी, मकान न.122, मोगा (पंजाब)। प्रेमी जी अपने पूजनीय सतगुरु परम संत शहनशाह मस्ताना जी महाराज के एक अलौकिक करिश्मे का इस प्रकार वर्णन करता है:-
वो ध्याता रहा नाम और टल गई मौत
वो ध्याता रहा नाम और टल गई मौत
पूज्य हजूर पिता संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां की अपार रहमत | सत्संगियों के अनुभव
प्रेमी केवल कृष्ण इन्सां पुत्र श्री रामचन्द चिलाना नजदीक टिब्बी...