प्रोफेशनल लाइफ Professional Life में कामयाबी के लिए जहां क्वालिफाइड और काम में एफिशियंट होना जरूरी है वहीं सॉफ्ट स्किल्स की अहमियत भी कम नहीं क्योंकि एक जरा सी बात को लेकर नासमझी दिखाने पर सारे किए कराए पर पानी फिर सकता है। आपकी प्रमोशन रुक सकती है।
अच्छा होगा आप अपने व्यवहार का समय-समय पर विश्लेषण करते रहें। अगर आप स्वभाव से हायपर सेंसिटिव हैं, जरा-जरा सी बात दिल से लगा बैठते हैं तो यह आपकी तरक्की की राह में बाधक बन सकता है। आॅफिस में आपको प्रोफेशनल बनकर रहना है।
इसके लिए अपनी भावनाओं पर नियंत्रण रखना सीखना होगा। आजकल बहुत सी वर्कशॉप्स, पर्सनेलिटी डेवलेपमेंट कोर्सेज यह सब भी सिखा रहे हैं। आप अपनी सुविधा से कोई क्रैश कोर्स इस विषय पर कर सकते हैं। इस विषय पर किताबें पढ़ सकते हैं। सेल्फ हैल्प बुक्स भी आपकी हैल्प के लिए हैं।
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डायरी मेंटेन करें
भावनाओं पर नियंत्रण रखना इतना मुश्किल भी नहीं है। इसे रैग्युलर प्रैक्टिस से सीखा जा सकता है। एक सरल और सुविधाजनक टेक्नीक है डायरी में अपने प्लस माइनस पॉइंट्स नोट करना। अपने गुस्से, इमोशनल आउटबर्स्ट को एनेलाइज करने के लिए उनका रेफेरेंस भी नोटिस में लें। उन स्थितियों को याद करें जिसके होने पर आप अपना आपा भूल जाते हैं। आगे से ऐसी स्थिति आने पर संभल जाएं। दिमाग में बज रही घंटी को सुनें और संभल जाएं।
बॉस इज आॅलवेज राइट
बॉस से उलझना जल में रहकर मगर से बैर करने जैसा है, इसलिए यह मानकर चलने में ही भलाई है कि बॉस इज आॅलवेज राइट। साथ काम करते हुए बॉस की साइकोलोजी को समझें और उन्हीं के अनुकूल चलते हुए उनके साथ अपना व्यवहार रखें। अगर आप उनकी बात से असहमत हैं, तब भी बगैर रूड हुए विनम्रता से ही पेश आएं।
Professional Life धैर्य रखें
कई बार कोई ऐसी बात हो जाती है जो आपको प्रोवोक कर जाती है लेकिन तीव्र प्रतिक्रिया देकर भी क्या होगा, सामने वाला समझ पायेगा, अगर समझदार होता तो ऐसी बात ही क्यों करता? उस समय धैर्य रखें और जरूरी समझें तो बाद में धैर्यपूर्वक उसे उसकी गलती का अहसास कराया जा सकता है।
Professional Life नापसंद होने पर
कई लोगों की स्ट्रांग लाइक्स और डिस्लाइक्स होती हैं मगर यह मानकर चलना चाहिए कि कोई भी व्यक्ति सेंट परसेंट अच्छा या बुरा नहीं होता। फिर आपके मन में किसी की कैसी भी बुरी इमेज क्यों न बनी हुई हो, उस पर कभी अपनी नापसंद जाहिर न होने दें। आॅफिस में ऐसे लोगों से भी अच्छे रिश्ते बनाकर रखें। इसी का नाम डिप्लोमेसी है जो आपको आनी चाहिए। हां, इतना कर सकती हैं कि उनसे केवल प्रोफेशनल बातचीत ही रखें और टू द पॉइंट बात करें।
पॉजिटिव अप्रोच रखें
जीवन में पॉजिटिव सोच बहुत महत्व रखती है। आपकी खुशियां, सुख, चैन व कामयाबी उस पर बहुत निर्भर करती हैं। आॅफिस में आपके साथ बहुत से लोग होते हैं। सब का स्वभाव बात करने का ढंग भिन्न होता है क्योंकि, यहां सभी काम के मकसद से ही आते हैं। इसलिये आप भी उसी को मद्देनजर रख कर चलें। प्रोफेशनल बातों को दिल पर न लें। आॅफिस की बात वहीं तक सीमित रहे। उसे घर तक न ले जाएं।
बुराई में भी अच्छाई छुपी होती है, यह मानते हुए सदा अच्छा ही सोचने का प्रयत्न करें। इससे आप जो ऊर्जा बचा पाएंगे, उसे अपने काम में इस्तेमाल करें। आप काम के प्रति ज्यादा फोकस्ड रह पाएंगे। इमोशनल फूल बनकर कुछ हासिल न होगा बल्कि सहकर्मियों की हंसी की पात्र बनेंगे। किस्मत या चांसेज और आपकी अपनी मेहनत लगन, एक्सपर्टाइज के साथ-साथ आपकी प्लीजिंग पर्सनेलिटी भी प्रोफेशनल लाइफ में कामयाबी के लिए उतनी ही इंपॉर्टेंट है।
– उषा जैन ’शीरीं‘