बीमार होने पर पति-पत्नी एक दूसरे का दें साथ Husband Care Tips
शादी अपने साथ कई प्रकार की चुनौतियां लेकर आती है और यदि पति, पत्नी में से किसी एक को गंभीर बीमारी हो जाए तो मामला पेचीदा हो जाता है। कुछ लोग एक-दूसरे का साथ देने की बजाय परेशान व हताश हो जाते हैं।
ऐसे में जब पति या पत्नी में से कोई एक बीमार हो जाता है तो उनके मन में कई तरह के सवाल आने लगते हैं कि यदि और ज्यादा तबीयत खराब हो गई तो मैं क्या करूंगी या करूंगा, ऐसा कितने समय तक चलेगा, घर का खर्चा किसके सिर पर चलेगा इत्यादि। एक-दूसरे के रिश्तों में भी असर पड़ने लगता है और छोटी-छोटी बात कभी-कभी बतंगड़ बन जाती है। जब जीवनसाथी अधिक समय तक बीमार रहते हैं तो वह स्थिति बहुत कष्ट देने वाली होती है। कुछ लोग एक-दूसरे से दूर भागने लगते हैं तो कुछ मैनेज कर लेते हैं।
दु:ख की ही बात है कि जब पति, पत्नी में से कोई एक गंभीर रूप से बीमार हो जाता है तो कई जोड़े यह सब बरदाश्त नहीं कर पाते और तलाक तक ले लेते हैं, लेकिन इसका यह मतलब नहीं कि आपकी शादी का भी यही अंजाम होगा। ऐसे बहुत से जोड़े हैं जो अपनी जिंदगी के मुश्किल दौर में भी एक-दूसरे का साथ देते हैं।
कुछ ऐसे भी होते हैं जो बीमारी से खुद तो परेशान रहते ही हैं, अपने साथी को भी परेशान करते हैं क्योंकि उनकी यह बीमारी तन के साथ मन की भी हो जाती है। लेकिन हिम्मत हारना और साथी को छोड़कर चले जाना इसका समाधान नहीं है, बल्कि आपको कुछ ऐसे तरीके अपनाने होंगे जिनसे आप सभी कुछ अच्छी तरह से मैनेज कर पाएं और बीमार व्यक्ति भी इसमें आप का पूरा सहयोग दे पाएं।
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आइए जानें, ऐसे ही कुछ तरीकों के बारे में :
बीमार से डील करें :
किसी भी युवा मरीज को बीमारी की अवस्था में जो सवाल सबसे ज्यादा परेशान करता है वह यह है कि यह मेरे साथ ही क्यों हुआ।सबसे पहले तो उसे इस लूप से बाहर निकालिए और सच्चाई से रूबरू करवाकर इस स्थिति को थोड़ा ठीक करने के बारे में सोचिए। इसके बाद एक लिस्ट बनाइए जिसमें उन तरीकों को लिखिए जिनसे आपका साथी मौजूदा हालत को सहना आसान महसूस कर सकता है। एक ऐसी ही लिस्ट साथी को भी बनाने के लिए कहें। फिर दोनों साथ मिलकर उनमें से कुछ सुझाव चुनिए जिन पर अमल किया जा सकता है।
भविष्य से जुड़ी बातें करें :
जिस प्रकार पहले आप भविष्य से जुड़ी बातें करते थे वैसा अभी भी करें। उनसे बच्चों, परिवार इत्यादि के भविष्य के बारे में बात करें। उनके और अपने सपनों से जुड़ी बातें करें। इससे उनका जिदंगी जीने का जज्बा बना रहेगा। उनका यह जज्बा उन्हें जल्द स्वस्थ होने में मदद करेगा।
साथी को व्यस्त रखें :
साथी लंबी बीमारी से जूझ रहा है तो हर वक्त बिस्तर पर खाली पड़े-पड़े उसका मन ऊब जाएगा, इसलिए उसे व्यस्त रखने की कोशिश करें। उसका यदि कोई शौक हो जैसे कि लिखना या फिर सांग गाना या फिर कोई अन्य, जो वह बीमारी के साथ भी आसानी से कर पाएं, उसे करने को प्रेरित करें। बच्चे के साथ व्यस्त रखें, टीवी देखने, अखबार पढ़ने आदि कार्यों में व्यस्त रखें।
नया करने की सोचें:
क्या आप दोनों ऐसा कोई काम कर सकते हैं जिसे करने पर आपको बीमारी से पहले खुशी मिलती थी यदि नहीं, तो कुछ नया करने के बारे में सोचिए। आप कोई ऐसा काम ढूंढिए, जिसमें बीमारी बाधा न बन सके, जैसे अंत्याक्षरी खेलना, एक-दूसरे को पुस्तक पढ़कर सुनाना, कोई नई भाषा सीखना आदि।
देखभाल की जरूरत :
आपका पति यदि बीमार है तो उसे थोड़ी अतिरिक्त देखभाल की आवश्यकता होती है। मान लें, यदि आपके पति को किसी बीमारी के साथ डायबिटीज भी है तो उन्हें अलग केयर की आवश्यकता होगी। जैसे बिना चीनी वाली चाय बनाने के आलस में उन्हें चीनी वाली चाय न दें। यह उनकी सेहत के लिए ठीक नहीं है। यह आपको पता होना जरूरी है कि किन-किन वस्तुओं में डायबिटीज कंट्रोल होगी। यदि पति को डॉक्टर ने तेज मसाले व परहेज वाला भोजन खाने की सलाह दी है तो आप खाने में मसालों की मात्रा धीरे-धीरे कुछ इस तरह कम करें कि पति को पता ही न चले। धीरे-धीरे वे ऐसे भोजन के आदी हो जाएंगे। खाने में मसाले व घी-तेल की मात्रा यदि पति को बताकर कम करेंगी तो उन्हें अखरेगा।
नए-नए विषयों पर बातचीत करें:
घर में हर वक्त बीमार व्यक्ति की बीमारी की ही चर्चा नहीं होनी चाहिए। बातचीत के विषय को बदलें। करंट अफेयर्स से जुड़ें और रोजाना समाचार पत्र पढ़कर साथी से नए विषयों पर उनकी राय लेकर अपनी राय दें। इससे उनके मन में पॉजिटिव वेव का संचार होगा और वो जल्द बीमारी से रिकवर होंगे।
कहें कि तुम ठीक हो रहे हो:
यदि आपको महसूस हो कि आपके पति के सेहत में सुधार हो रहा है तो आप उनको जरूर बताएं। उनका हौसला बढ़ाते हुए उन्हें समझाएं कि वे ठीक हो रहे हैं और कुछ दिनों में ही वे पूरी तरह ठीक हो जाएंगे। ऐसा करने पर उन्हें बीमारी से लड़ने की हिम्मत मिलेगी।
घर का माहौल सामान्य बनाए रखें :
आपके पति के बीमार होने की वजह से यदि घर का माहौल गमगीन बना रहेगा तो यह उन्हें अच्छा नहीं लगेगा। घर के किसी भी सदस्य के माथे पर चिंता नहीं दिखनी चाहिए। साथी के बीमार होने की वजह से अपने जरूरी कार्यों को न टालें। बच्चों को स्कूल-कॉलेज भेजते रहें। शौपिंग पर भी जाएं, घर में मेहमानों का आनाजाना भी रखें। साथी को ऐसा नहीं लगना चाहिए कि उनकी वजह से आपकी जिंदगी भी रुक सी गई है। यदि ऐसा हुआ तो वे इसके लिए खुद को कसूरवार मानेंगे और खुद को कभी माफ नहीं कर पाएंगे।
मेहमानों से कहें कि वे मिलने आएं:
अक्सर देखने में आता है कि जब घर में कोई बीमार हो जाता है तो मेहमानों का आना बहुत बुरा लगता है कि बीमार की सेवा करूं या मेहमानों की, लेकिन ऐसा सोचकर लोगों से कट जाना भी सही नहीं है। इससे अकेलापन बढ़ता है और दिमाग पर बुरा असर पड़ता है। इसके विपरीत कभी-कभार लोगों से मिलने-जुलने से स्वास्थ्य पर काफी अच्छा प्रभाव पड़ता है। इसीलिए लोगों को अपने घर बुलाते रहें।
अपने काम स्वयं करने दें:
यदि आपका पति अपना नहाने, खाने-पीने और दूसरे आवश्यक कार्य खुद करना चाहता है तो उसे करने दें क्योंकि यदि बीमारी लंबी है तो आप भी ये सब काम करते हुए परेशान हो जाएंगे और साथी को भी दूसरों पर निर्भर होने की आदत पड़ जाएगी, इसलिए जरूरी है कि उनकी मदद के लिए हर समय तैयार रहें लेकिन जो काम वे खुद से कर सकते हैं उन्हें करने दें।
बाहर नहीं तो घर में मनोरंजन करवाएं:
यदि आपका पति बीमारी की वजह से बाहर जाने में असमर्थ हैं तो इसका यह मतलब नहीं है कि उन्हें मनोरंजन करने का अधिकार नहीं है। यदि वे बाहर मूवी देखने नहीं जा सकते तो क्या हुआ उनके लिए घर पर ही ऐसा माहौल तैयार करें कि वे थिएटर में मूवी देख रहे हैं।कोई अच्छी सी मूवी डीवीडी पर लगाएं और कमरे में अंधेरा कर सपरिवार उसे देखकर मनोरंजन करें।
साथी को डिप्रैशन से बाहर निकालें:
अपनी बीमारी से तंग आकर ऐसा समय भी आएगा जब साथी को अपनी जिंदगी बेमानी लगने लगेगी और उसे लगेगा कि वह बेवजह सब पर बोझ बना हुआ है। यहीं से उसके डिप्रैशन की शुरूआत होगी, लेकिन वह ऐसी स्थिति में आ ही नहीं पाए, इसका आपको पूरा ध्यान रखना होगा। यदि वह डिप्रैशन में आ गया तो उसकी बीमारी तन से ज्यादा मन की हो जाएगी और फिर उसे ठीक कर पाना पहले से भी बहुत ज्यादा कठिन हो जाएगा। उसकी नींद का पूरा ध्यान रखें, यदि वह थोड़ा भी डिप्रैस है तो उससे बात करें, उसकी समस्याओं का समाधान निकालें। उसे बताएं कि आपको उसकी कितनी जरूरत है।