bring Innovate in your life - Sachi Shiksha Hindi

कभी भी यह न सोचें कि इतने अल्प संसाधनों व अल्प ज्ञान से आप सफलता कैसे प्राप्त कर सकते हैं| यह बहुत छोटी छोटी बातें हैं पर यदि आप इन्हें बदलना शुरू कर देते हैं तो जीवन झंकृत व आनन्दित होने लगता है|

दिल्ली में एक घरेलू नौकर था| उसने 8वी कक्षा तक पढ़ाई की थी| पेट पालने के लिए वह घरों में काम करता था| किन्तु वह जीवन में कुछ नया करना चाहता था| उसने कवितायें लिखनी शुरू की| आज उसके पास ९ काव्य संग्र्रह हैं|

उसने साथ साथ कहानियां भी लिखनी शुरू की हैं| चूंकि वह घरेलू नौकर रहा है और उसने विभिन्न राज्य के लोगों के घर काम किया है तो वह विभिन्न राज्यों की संस्कृतियों से रूबरू रहा है, और उसकी कहानियों में उन प्रदेशों की झलक मिलती हैं| वह घरेलू काम भी आधे मन से नहीं करता है| और जब आप आपके काम को पूरे मन से करते हैं तो इसका फल जीवन में आपको अवश्य मिलता है|

उसने यह सब प्रयोग अपनी कहानियों में शुरू किये| नतीजा यह हुआ कि हर कोई उसकी कहानियों को पसंद करने लगा| एक परिवार जिनके घर में वह घरेलू नौकर था, एक बहुत बड़े पब्लिशर का था| उन्होंने उसकी कहानियों व कविताओं को छपवा दिया| आज वह आम से खास व्यक्ति बन गया| चूंकि उसने कुछ नवीनता के प्रयोग किये, खाली बैठकर, किस्मत को नहीं कोसा| अब उसे कई प्रसिद्द कार्यक्रमों से बुलावा आता है| जहाँ वह अपने कार्यक्रम प्रस्तुत करता है|

एक अन्य बात जो वह कभी नहीं छुपाता| कार्यक्रम प्रस्तुति में वह अपने उदबोधन में यह ज़रूर कहता है कि वह एक घरेलू नौकर है व उसने मात्र 8वी तक पढ़ाई की है| वह यह भी कहता है कि जीवन में कुछ नवीनता लाने के जनून ने उसे यहाँ तक पहुँचाया है| उसने अपने आत्मविश्वास से, अपनी वीरता से और अपनी लगन से अपने जीवन को अपने इच्छित रंगो से भरा है| हम अपने आस पास पाते हैं कि कुछ व्यक्ति सदैव नए नए सपने देखते हैं व उन्हें पूरा करने में जुट जाते हैं| वहीँ पर कुछ लोग सदैव अपनी असफलताओं के लिए भाग्य व दूसरों को कोसा करते हैं|

एक अन्य सत्य कथा के बारे में बताना चाहेंगे|

मुंशी प्रेमचंद के पोते गुड़गांव में रहते हैं| वे खुद एक प्रतिष्ठित लेखक हैं| एक बार उन्होंने एक घरेलू नौकरानी को रखा| एक दिन उन्होंने देखा कि वह कमरा साफ़ करते करते किताबों को खोल कर देखती हैं| जब वह अंदर गए तो वह सहम गई| उन्होंने पूछा कि क्या वह लिखना पड़ना जानती है| तो नौकरानी ने उत्तर दिया कि वह केवल बंगला भाषा जानती है| इन्होने उसे बोला कि वह बंगला में ही कुछ लिखना शुरू करें| उसने बंगला में लिखना शुरू किया|

प्रेम चंद जी के पोते उसका हिंदी में अनुवाद करते| धीरे धीरे पब्लिशर्स ने आगे आकर उन कहानियों को माँगा| एक घरेलू नौकरनी, आज विश्व स्तर की लेखिका है| आज संसार की विभिन्न भाषाओं में उनकी लेखनी का अनुवाद हो चुका है व आज विश्व के सभी बड़े पुस्तक मेलों में उन्हें आमंत्रित किया जाता है|

जानते हैं यह महिला कौन हैं? यह हैं बेबी हलदार| वह कश्मीर से पश्चिम बंगाल में स्थानांतरित हुईं | उनके पिता शराबी थे| माँ काम करती व रात को पति की मार व लांछन झेलती| एक दिन वह अपने बच्चों को वहीं छोड़ गई तो फिर वापिस नहीं आई| इधर शराबी पिता ने उसका विवाह दुगनी उम्र के व्यक्ति से कर दिया|

बेटी की किस्मत भी माँ से जुदा नहीं थी| पर यहां से उसने अपनी किस्मत के पन्ने स्वयं लिखने शुरू किया| वह अपने बच्चों को अपने साथ ले कर दिल्ली की गाडी में बैठ गई| दिल्ली से वह गुड़गांव पहुँच गई और शरण मिली मुंशी प्रेम चंद जी के पोते के घर में| जानते हैं| उसने अपनी माँ की गलती नहीं दोहराई| वह बच्चों को साथ ले गई| पुरुष केवल साहस कर सकता है पर स्त्री अपनी अस्मिता व बच्चों के लिए दुस्साहस भी कर सकती है| एक घरेलू महिला ने अंतर्राष्ट्रीय लेखिका बंनने का दुस्साहस किया|

फर्क यह था कि उसने कभी किस्मत को नहीं कोसा| जिंदगी की चुनौती को स्वीकार किया व उस राह पर निडर हो कर चल पड़ी| गिरी उठी, फिर गिरी पर यात्रा बीच में नहीं छोड़ी|

अमेरिका में एक रेस्तरां मालिक ने पाया कि आज अमेरिका में लोग खाने के बहुत शौक़ीन हो गए हैं, खाते हैं, व सिर्फ खाते हैं| उसने एक नवीन प्रयोग किया कि लोगों को उसी मूल्य पर अधिक खाने के आइटम्स ऑफर किये|

नतीजन उसका रेस्तरां चलने लगा, चलने नहीं दौड़ने लगा| आज वहां खाना लेने के लिए कतारें लगती हैं व पहले आओ पहले पाओ का सिद्धांत लागू होता है|

हमें भी ज़िंदगी में सदैव नवीन प्रयोग करते रहना चाहिए| याद रखें कि यदि सूर्य की तरह चमकना चाहते हो तो उसकी तरह तपना भी सीखना होगा|

कोई भी व्यक्ति नवीन विचारों के साथ कहीं भी विजय हासिल कर सकता है| सदैव नवीन विचारों से ओत प्रोत रहें व जीवन को बोर होने से बचाएँ|

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