Happy New Year -sachi shiksha hindi

Happy New Year खास तरीके से मनाएं नए साल का जश्न

नए साल का आगमन किसी पर्व या त्यौहार से कम नहीं है, बल्कि यह एक ‘ग्लोबल फेस्टीवल’ है जिसे पूरी दुनिया में एक साथ सेलिब्रेट किया जाता है। कहीं यह कई दिनों तक चलता है और कहीं यह फेस्टीबल सीमित रहता है। संचार-क्रांति के इस युग में इसका क्रेज प्रति वर्ष बढ़ रहा है। खासकर युवाओं में इसका उत्साह कुछ ज्यादा ही होता है। इसको सेलिब्रेट करना जीवन का शगल बन गया है। दोस्त मित्रों को ईमेल या व्हटस-अप मैसेज के जरिये अपने मन की बात करके नव वर्ष की खुशियां सांझा करने का प्रचलन रहता है। वहीं कई किटी पार्टी कर मौज-मस्ती करते हैं।

रेस्तरां में जाना, दोस्त मंडली के साथ मन माफिक पकवान खाने, धुमक्कड़ी करना इत्यादि युवाओं के शौक में शामिल होता है। ये सब नव वर्ष के आगमन पर किया जाता है। ये सब स्वच्छ व मर्यादित ढंग से किया जाए तो इसमें कुछ बुरा नहीं, लेकिन जब यहां पर मर्यादाओं की अनदेखी हो जाती है तब रंग में भंग पड़ते भी देर नहीं लगती। भारतीय सभ्यता और सांस्कृति विश्व में अपना सर्वोपरि स्थान रखती है। क्योंकि यहां पैदा हुए ऋषि-मुनियों, पीर-फकीरों ने इसे अपने संस्कारों की भावनाओं से गढ़ा है। यहां मेहमानों का स्वागत देवताओं की तरह किया जाता है। घर आए मेहमान को देवता सरीखा समझा जाता है और उसके आथित्य में दैवीय गुणों को अपनाया जाता है।

करें स्वागत:-

नये साल के आगमन का स्वागत भी मेहमान की तरह ही किया जाता है। इस मेहमान के स्वागत की खुशी में अपने दैवीय गुणों की चमक बिखेरें न कि इसके विपरित जाते हुए असुरी कृत्यों की झलक प्रस्तुत करें। आप सेलिब्रेट करना चाह रहे हैं तो खुशी से करें। अपने परिवार के साथ, दोस्त-मित्रों के साथ, आस-पड़ौस के साथ जैसा आपका प्लान है, खूब मनाएं, मौज-मस्ती करें। लेकिन करें सभ्य-संस्कारों के दायरे में ही। देखना इससे आप कितना आनंदित महसूस करेंगे। पूरा जनवरी माह इसके लिए है। जब चाहे आप सेलिब्रेट करें। एन्जॉय करें। मगर ऐसा जिससे हर कोई आपकी प्रशंसा करे।

कुछ नया और हट कर हो:-

आप भी इस नये वर्ष 2024 को सेलिब्रेशन करने की चाह में हैं तो कुछ हट कर करने की सोचें। इसके लिए कुछ क्रिएटिव प्लान होना चाहिए। शुभकामनाओं के मैसेज लगभग सभी करते हैं। उनमें ज्यादातर कॉपी को फारवार्ड कर देते हैं। यह तो एक औपचारिकता है। कुछ ऐसी रचनात्मकता का मूव बनाएं जो नई हो और हट कर हो। अर्थात् नई चीजों व स्वच्छ सोच को अपनाएं। उन पुराने अनुभवों को अपनी मेमोरी से रीमूव कर दें जिनसे आप का मूड अपसैट हो। जैसे कोई आपका दोस्त-मित्र, रिश्तेदार या पारिवारिक सदस्य जिनसे आपकी पिछले साल कहा-सुनी हो गई थी और आप में दरारें खिंच गई हैं, यह अवसर है उन पुरानी व जर्जर बातों को मिटाने का।

हां, आप औरों को शुभकामनाएं भेज रहे हैं, वहीं आप उनके साथ भी इन खुशियों को शेयर करें, गिफ्ट भेजें, शुभकामनाएं प्रेषित करें। आप पहल करें। उनसे रिश्तों को मधुर बनाएं। जीवन में ये ऐसे कुछ अवसर होते हैं जिसके जरिये हम बीच की दरारों को पाटने का प्रयास करें तो जिंदगी खुशगवार हो जाती है। बेशक यह ईजी नहीं है लेकिन इम्पासिबल भी नहीं है। हैप्पी रहने के ऐसे अवसर जरूर भुनाएं। तन-मन को रीफ्रेश करें।

चेहरे को वास्तविक स्माईल से सजाएं। खिले हुए चेहरे से निकली खुशी की तरंगे आपके इर्द-गिर्द को भी खुशनुमा बना देंगी। ऐसा एटीच्यूट आपको असीम जॉय से भर देगा। आपका यह सेलिब्रेशन अविस्मरणीय हो जाएगा। हैप्पी न्यू यीअर विद् बेस्ट कम्पलीमेंट।

डेरा सच्चा सौदा के लिए जनवरी का महीना रूहानी प्यार, उत्साह का पैगाम लेकर आता है। इसलिए डेरा सच्चा सौदा के अनुयायी बड़े इत्मीनान के साथ जनवरी का इंतजार करते हैं और नववर्ष का स्वागत बड़ी धूमधाम के साथ किया जाता है। पूरी दुनिया में डेरा श्रद्धालु इसकी खुशियों को बड़ी शिद्दत के साथ मनाते हैं। डेरा परिसर में इसका नजारा देखते ही बनता है। इसके लिए अर्धरात्रि को ही मस्ती मनाती हुई श्रद्धालुओं की टोलियां पूरे परिसर को रंग-ओ-रौणक से भर देती हैं। कहीं कोई आतिशबाजी करने में मशगूल दिखता है, कहीं कोई ढोल-नगाड़ों की थाप पर नाच रहे होते हैं और कहीं रंग-गुलाल में रंगे श्रद्धालु इस नववर्ष की खुशियां मना रहे दिखते हैं।

कहीं सिरों पर क्लश उठाए और मंगलगान गा रहे मस्तों के टोले झूम-झूम कर जनवरी के स्वागत में वातावरण को नशेया रहे होते हैं। पूरा डेरा परिसर इन रूहानी, मस्तानी खुशियों में नहा जाता है। हर गली व चौराहा खुश्बूओं से महक उठता है। रूहें मस्ती की अनन्त छटा में तरो-ताजा हुई इलाही ऊर्जा से भर जाती हैं। भीगा-भीगा आलम आनन्द-अतिरेक की लहरों से तरंगित हो उठता है। पत्ता-पत्ता निखार पा जाता है। मुहूर्त की इन लजीज खुशियों में रंगारंग श्रद्धालु पूरा महीना मानव भलाई के कार्यों को बढ़-चढ़कर करते हैं और अपने तन-मन को रूहानी प्यार की भेंट चढ़ाए रखते हैं।

इस पावन अवतार माह में डेरा श्रद्धालु हर रोज बुराइयों को त्यागने का प्रण करके अपनी आत्मा को पाक-पवित्र बनाते हैं, ताकि सतगुरु जी के नूरी जलाल के दर्श-दीदार को प्राप्त किया जा सके। पूज्य गुरु संत गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां अपने मुरीदों पर इस पावन अवतार माह में तमाम रहमतें बरसाते हैं, उन्हें अपने कर-कमलों से प्यार के रूप में अनमोल प्रेम निशानियां प्रदान करते हैं। ऐसे भाग्यशाली लाखों मुरीद अपने सतगुरु प्यारे की इनायतों को पाकर लबालब हो जाते हैं। अत: सतगुरु जी के अखुट खजाने की अनमोल दातें पाने के लिए पावन अवतार माह ‘जनवरी’ का हर कोई बेसब्री से इंतजार करता है और तभी इसके स्वागत का जुनून भी अलहदा होता है, जिसका नजारा देखते ही बनता है।

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