पढ़ाई में मन नहीं लगता तो इन बातों का रखें ध्यान
बच्चों का दिमाग बेहद तेज़ तो होता है, लेकिन अक्सर बच्चों का पढ़ने में मन नहीं लगता। इसका मतलब यह नहीं है कि वे कुशाग्र नहीं होते।

जानिये कुछ ऐसे उपाय जिन्हें अपनाकर आप अपना मन पढ़ाई में लगा सकेंगे।

स्कूल के कार्यों का घर में करें अभ्यासः

कई शिक्षक बच्चों को खुले दिमाग से सीखने का अवसर देते हैं और उन पर दवाब भी नहीं डालते। यह एक सही तरीका है। ऐसे में आप स्कूल में क्या सीखते हैं इन बातों का आपको विशेष ध्यान रखना। आपको स्कूल में जो पाठ पढ़ाया जाता है, उसका अभ्यास घर पर हो, इसके लिए आपको प्रयास करना चाहिए। बच्चों आज के दौर में आप खुद अपने बुनियादी कौशल को विकसित करने की कोशिश करें।

स्टडी करने का एक समय करें निर्धारितः

आप निश्चित समय पर पढ़ने की आदत डालें। बेहतर यह होगा कि पढ़ाई के दौरान ज़ोर- ज़ोर से पाठ पढ़ने की आदत डालें। साथ यह भी ज़रूरी है कि आप पढ़ने किस समय बैठते हैं। यदि आप शाम को पढ़ने बैठेंगे तो बिल्कुल भी मन नहीं लगेगा क्योंकि इस समय आपके अधिकांश दोस्त मैदान में खेलते हुए मिलेंगे। उन्हें देख आपका वैसे भी पढ़ाई में मन नहीं लगेगा। इसलिए बेहतर यह होगा कि आप अपने अनुसार एक निश्चित टाइम टेबल बनाकर ही पढ़ाई करें। इससे आपको फायदा मिलेगा।

पढ़ने वाले बच्चों की हो संगत :

बच्चां यदि आप स्कूल जाते हैं तो यह देखना ज़रूरी है कि आपके दोस्त कौन-कौन हैं? उनकी संगत में रहकर आप क्या सीखते हैं? जिनके साथ आप रहते हैं उनका फैमिली बैकग्राउंड कैसा है, यह भी आप खुद पता कर सकते हैं। क्योंकि आपके दोस्त यदि पढ़ाई में अच्छे हैं, तो उनकी संगत में रहकर आपमें भी उनसे अच्छा करने का कॉम्पीटशन की भावना आएगी, लेकिन आपकी संगत ठीक नहीं है तो इसका नुकसान आपको ही होगा। इसलिए अच्छे बच्चों के साथ रहें और पढ़ाई के साथ उनकी अच्छी बातें सीखें।

तो बढ़ेगा जनरल नॉलेज :

बच्चों आपकी जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है, दुनिया के बारे में आपकी समझ में भी बदलाव होता जाता है। आप स्कूल या दुनिया की घटनाओं के बारे में अपने आप से सवाल करें और देखें कि कैसे जवाब आपको मिलते हैं। बढ़ती उम्र के बच्चों को आसपास घटित होने वाले समाचारों से उपडेट रहना भी ज़रूरी है। इससे आपका जनरल नॉलेज तो बढ़ता ही है, साथ ही आई क्यू भी बढ़ता है, जो कहीं न कहीं पढ़ाई में काम आता है।

खेलने से पढ़ाई में जागेगी रूचिः

यदि आप अपने स्कूल की शिक्षा के अतिरिक्त एक्स्ट्रा करिकुलर एक्टिविटी में भी भाग लेना चाहते हैं या कोई डांस, म्यूजिक को समय देना चाहते हैं तो आपको यह ध्यान रखना चाहिए कि आप अपने पढ़ाई के कार्यक्रम में किसी प्रकार की बाधा न डालें। यदि हमेंशा व्यस्त रहेंगे तो आपकी प्रतिभा प्रभावित होगी। वैसे आपके लिए यह अच्छा रहेगा कि आप रोजाना खेलें ज़रूर, क्योंकि खेल-खेल के ज़रिये तो आप पढ़ाई के तनाव को दूर करते हैं।

इससे आपका मन पढ़ाई में लगने लगता है। यदि आप खेल के साथ, डांस, पेंटिंग जैसी अपनी रूचि की गतिविधियों में शामिल होंगे तो निश्चित ही आप पढ़ाई के प्रति भी और उत्सुक होने लगेंगे।

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