agni mudra ke fayde - benefits - Sachi Shiksha

हमारे देश में योग का चलन सदियों से है। आज योग दुनिया भर में शांति और कल्याण का प्रतीक बन गया है। योग की उत्पत्ति योगियों ने की थी, जिन्होंने अपने मन, शरीर और सांस का उपयोग करके कुछ ऐसे आसनों की खोज की, जिससे हमारा शरीर स्वस्थ रह सके।

योग को पारंपरिक रूप से शरीर और दिमाग को स्वस्थ रखने के तरीके के रूप में किया जाता है। योग का एक प्रकार है अग्नि मुद्रा। अग्नि मुद्रा को सूर्य मुद्रा के रूप में भी जाना जाता है। यह मुद्रा अग्नि तत्व का प्रतिनिधित्व करती है। इस मुद्रा को करना शरीर में अग्नि ऊर्जा को सक्रिय करता है और शरीर के अग्नि संतुलन को बनाए रखने में मदद करता है। जानिए कैसे करते हैं अग्नि मुद्रा।

अग्नि मुद्रा को कैसे करें [Agni Mudra Ko Kaise Kare]

  • सबसे पहले आरामदायक आसान में बैठ जाएं।
  • फिर अनामिका उंगली को मोड़ लें और अंगूठे के निचले क्षेत्र पर अनामिका उंगली को ले आएं।
  • अपनी बाकी की उंगलियां सीधा रखें।
  • अंगूठे से अनामिका उंगली को हल्का सा दबाएं।
  • इस मुद्रा को खाली पेट सुबह-सुबह करें।
  • अग्नि मुद्रा को रोजाना 15 मिनट जरूर दोहराएं।

अग्नि मुद्रा के फायदे [Agni Mudra Ke Fayde]

मोटापा कम करने में लाभदायक

इस मुद्रा को करने से शरीर में अग्नि तत्व सक्रिय होते हैं। वजन घटाने की प्रक्रिया में, कई लोग खराब पाचन के कारण शरीर की फैट को कम करने में कई मुश्किलों का सामना करते हैं। अग्नि मुद्रा में मौजूद अग्नि तत्वों को शरीर में चयापचय को बढ़ाकर पाचन में सुधार करने के लिए जाना जाता है। नियमित अभ्यास से वसा कम करने में मदद मिलती है। यानी मोटापा दूर करने में यह मुद्रा लाभदायक है। अगर आपका वजन अधिक है तो उसे कम करने के लिए आपको इस मुद्रा का नियमित अभ्यास करना चाहिए।

आंखों की रोशनी बढ़ाए

इस मुद्रा को सूर्य मुद्रा भी कहा जाता है, इसे करने से हमारे शरीर में अग्नि तत्व की मात्रा बढ़ती है। इसलिए इसका एक नाम अग्निवर्धक मुद्रा भी है। इसके साथ ही यह मुद्रा हमारे शरीर में पृथ्वी मुद्रा को कम करने में भी मदद करती है। अग्नि तत्व को आंखों की रोशनी से भी जोड़ कर देखा जाता है। ऐसे में रोजाना, इस मुद्रा का अभ्यास करने से आंखें कमजोर नहीं होती और आंखों की रोशनी बढ़ती है।

मेटाबॉलिज्म को बढ़ाने में फायदेमंद

अग्नि मुद्रा को करने से अग्नि तत्व बढ़ता है और पृथ्वी तत्व कम होता है। जिससे शरीर के मेटाबॉलिज्म को ठीक बनाए रखने में मदद मिलती है। यह मुद्रा रक्त वाहिकाओं में जमा अतिरिक्त कोलेस्ट्रॉल को हटाने के लिए काम करती है। यही नहीं, इससे हार्ट अटैक का जोखिम कम होता है और परोक्ष रूप से यह मुद्रा मधुमेह को ठीक करने में भी मदद करती है।

सर्दी-जुकाम में राहत

अग्नि मुद्रा को नियमित रूप से करने से अग्नि तत्व बढ़ता है जिससे सर्दी-जुकाम में होने वाली समस्याओं में राहत मिलती है। इसके नियमित अभ्यास से सिर दर्द और माईग्रेन भी ठीक हो जाता है। गले की खराश को दूर करने में भी यह मुद्रा प्रभावी है।

पाचन क्रिया को रखे ठीक

अग्नि मुद्रा पाचन क्रिया को ठीक बनाए रखने में भी सहायक है। इसे करने से पेट की कई समस्याएं जैसे भूख नहीं लगना या कब्ज आदि दूर होती हैं।

किन परिस्थितियों में न करें यह योग

कुछ खास परिस्थितियों में योग के कुछ आसन और मुद्राएं आपके लिए हानिकारक हो सकती हैं। यह मुद्रा शरीर को गर्म करती है ऐसे में अगर किसी को बुखार है तो उसे यह मुद्रा करने की सलाह नहीं दी जाती। जो लोग कमजोर हैं या जिनका वजन कम है उन्हें अग्नि मुद्रा को कम समय के लिए करना चाहिए। क्योंकि यह मुद्रा वजन को कम करती है। गर्भावस्था में आप कुछ समय तक इस मुद्रा को कर सकते हैं, लेकिन इसे करने से पहले योग विशेषज्ञ और डॉक्टर की सलाह अवश्य लें।

इन बातों का रखें विशेष ध्यान

अग्नि मुद्रा को करने से पहले या करते हुए आपको कुछ चीजों का खास ध्यान रखना चाहिए। आइए जानें, कौन-कौन सी हैं वो सावधानियां जिन्हें आप अवश्य बरतें इस मुद्रा को करते हुए।

खाली पेट ही करें

अग्नि मुद्रा को हमेशा खाली पेट ही करना चाहिए। इसलिए इसे सुबह के समय करना अधिक प्रभावकारी होता है। हालांकि, आप इसे शाम को भी कर सकते हैं लेकिन ध्यान रहे इसे करने से पहले दो घंटों तक कुछ न खाएं। खाली पेट इस मुद्रा को करना ही आपके लिए अधिक लाभदायक होगा।

ध्यान न भटकने दें

इस मुद्रा को करते हुए आपका ध्यान इधर-उधर नहीं भटकना चाहिए। यह मुद्रा एकाग्रता को बढ़ाने में भी लाभदायक सिद्ध हो सकती है। इसे करते हुए पूरा ध्यान अपनी मुद्रा या सांसों के आने-जाने पर ही रखें।

रोजाना करें

अगर आप अग्नि मुद्रा से होने वाले अधिक से अधिक लाभों को पाना चाहते हैं तो आप इस मुद्रा को रोजाना करें। आप शुरूआत में इसे पांच मिनट से शुरू कर सकते हैं। उसके बाद इसे करने की अवधि को बढ़ाएं। अभ्यास होने पर आप 15 से 45 मिनट तक इस मुद्रा को कर सकते हैं।

इसमें कोई संदेह नहीं है कि योग के सभी आसनों के अपने-अपने लाभ हैं। लेकिन योग के किसी भी आसन या मुद्रा को अपनी मर्जी से नहीं करना चाहिए। यदि आप योग करना चाहते हैं तो सबसे पहले अपने डॉक्टर से सलाह लें। फिर किसी योग विशेषज्ञ से सीखें और उनके मार्गदर्शन में ही इसे करें।

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