इस लेख में, हम Paramedical Course Kya Hota Hai, Paramedical Courses After 12th, पैरामेडिकल कोर्स लिस्ट, Course Types, Eligibility Requirements, List of Paramedical Courses, Colleges, Salary पर पूरी जानकारी जानने जा रहे हैं। आइए, बिना किसी देरी के शुरू करते हैं।
एक विज्ञान जो पूर्व-अस्पताल के आपातकालीन सेवाओं से संबंधित है, उसे पैरामेडिकल साइंस कहा जाता है। इस क्षेत्र में काम करने वाले व्यक्ति को एक सहायक चिकित्सक के रूप में संदर्भित किया जाता है।
जो उम्मीदवार पैरामेडिकल में करियर बनाना चाहते हैं उनको बता दें कि पैरामेडिकल विज्ञान के क्षेत्र में काम के प्रमुख क्षेत्रों में रीढ़ की हड्डी में चोट प्रबंधन, फ्रैक्चर प्रबंधन, प्रसूति, जलने और मूल्यांकन के प्रबंधन और सामान्य दुर्घटना के दृश्य का मूल्यांकन करते हैं।
कुशल परामर्श विशेषज्ञों की बढ़ती मांग ने युवा उम्मीदवारों के लिए कई कैरियर के अवसर खोले हैं। आप पैरामेडिकल कैसे कर सकते हैं, या पैरामेडिकल करने के लिए क्या योग्यता होनी चाहिए तथा इससे जुड़ी सारी जानकारी आपको यहां मिलेगी। कुछ लोकप्रिय पैरामेडिकल कोर्स नीचे दिए गए हैं। भारत में कई पैरामेडिकल संस्थान इस क्षेत्र में स्नातक, स्नातकोत्तर और डिप्लोमा स्तर पर कोर्स पेश कर रहे हैं।
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पैरामेडिकल में करियर
भारत में कई पैरामेडिकल कॉलेज हैं, जो स्नातक डिग्री के क्षेत्र में और स्नातक डिग्री और डिप्लोमा स्तर पर कोर्स प्रदान करते हैं। पात्रता के बारे में बात करते हुए, किसी को मान्यता प्राप्त बोर्ड/विश्वविद्यालय से विज्ञान धारा के साथ 10+2 का स्तर पारित करना होगा।
12वीं के बाद पैरामेडिकल कोर्सों की सूची
Paramedical Courses After 12th: पैरा-मेडिकल कोर्स 10वीं, 12वीं के बाद पूरा हो सकते हैं। पैरामेडिकल धारा में 10वीं कक्षा के बाद विभिन्न कोर्स हैं। लोकप्रिय एक साल के कोर्सों में से कुछ में रेडियोलॉजिस्ट, मेडिकल रिकॉर्ड तकनीशियन और आॅपरेशन थिएटर टेक्नोलॉजी शामिल हैं। आईसीयू तकनीशियन, ईसीजी तकनीशियन, फार्मेसी सहायक, सीटी तकनीशियन और एन्डोस्कोपी तकनीशियन, अपने 12 वीं कक्षा को पूरा करने के बाद कुछ छह महीने के कोर्स कर सकते हैं।
पैरामेडिकल कोर्स लिस्ट: 12वीं के बाद सर्वश्रेष्ठ पैरामेडिकल कोर्स हैं
- मेडिकल लैब प्रौद्योगिकी
- मेडिकल एक्स-रे टेक्नोलॉजी
- चिकित्सा रिकॉर्ड प्रौद्योगिकी
- आॅपरेशन थियेटर प्रौद्योगिकी
- डायलिसिस प्रौद्योगिकी
- स्वास्थ्य निरीक्षक
- नेत्र प्रौद्योगिकी
- चिकित्सकीय मैकेनिक
- दांत की सफाई
- पैरामेडिकल कोर्स
पैरामेडिकल कोर्स 3 मुख्य स्वरूपों में उपलब्ध हैं
- बैचलर डिग्री कोर्स
- डिप्लोमा सर्टिफिकेट कोर्स
- प्रमाण-पत्र कोर्स
कुछ लोकप्रिय पैरामेडिकल कोर्स
भौतिक चिकित्सा (फिजिओथैरेपी)
फिजियोथैरेपी एक हेल्थकेयर व्यवसाय है जो मुख्य रूप से विकलांगों और विकलांगों के उपचार से जुड़ा है और परीक्षा, मूल्यांकन, निदान और शारीरिक हस्तक्षेप के माध्यम से गतिशीलता, कार्यात्मक क्षमता, जीवन की गुणवत्ता और गतिशीलता को बढ़ावा देना है।
एक फिजियोथैरेपिस्ट शारीरिक व्यायाम उपचार, गर्मी, विकिरण, पानी, बिजली आदि जैसे अन्य चिकित्सीय एजेंटों का उपयोग करता है और कमजोरियों का इलाज करने और क्षतिग्रस्त मांसपेशियों, जोड़ों और हड्डियों के पुनर्निर्माण के लिए मालिश करता है।
कोर्स
बैचलर आॅफ फिजियोथैरेपी (बीपीटी) 6 महीने की इंटर्नशिप के साथ 4 साल का कार्यक्रम है।
प्रवेश के लिए आवश्यक योग्यता
एक उम्मीदवार जीव विज्ञान, भौतिकी और व्यावहारिक सहित रसायन विज्ञान में कम से कम 50% अंक के साथ कक्षा 12वीं पास होनी चाहिए। आवेदन करने के लिए आवेदक को कम से कम 17 वर्ष आयु का होना चाहिए। इस कोर्स में उम्मीदवार का प्रवेश योग्यता और प्रवेश परीक्षा में प्रदर्शन पर निर्भर करता है।
नौकरी की संभावनाएं
फिजियोथैरेपिस्ट को अस्पतालों में कहीं भी रोजगार मिल सकता है आईसीयू या गेरियाट्रिक्स निजी प्रैक्टिस के लिए भी अवसर है।
व्यावसायिक चिकित्सा (आॅक्यूपेशनल थैरेपी)
व्यावसायिक चिकित्सा उपचार लोगों को अपने जीवन के सभी क्षेत्रों में स्वतंत्रता प्राप्त करने में मदद करने पर केंद्रित है। ओटी विभिन्न जरूरतों वाले बच्चों की मदद कर सकता है, उनके संज्ञानात्मक, शारीरिक और मोटर कौशल में सुधार कर सकता है और उनके आत्मसम्मान और उपलब्धि की भावना को बढ़ा सकता है।
एक व्यावसायिक चिकित्सक शारीरिक रूप से विकलांग और मानसिक रूप से मंद व्यक्तियों का पुनर्वसन करता है। हस्तकला, मैनुअल और औद्योगिक कला, मनोरंजन और दैनिक जीवन की गतिविधियों जैसे विभिन्न गतिविधियों में शामिल होने के माध्यम से यह एक तरह का उपचार प्रदान किया गया है।
कोर्स
बैचलर आॅफ आॅक्यूपेशनल थैरेपी (बीओटी) 6 महीने की इंटर्नशिप के साथ 4 साल का कार्यक्रम है।
प्रवेश के लिए आवश्यक योग्यता
उम्मीदवार को भौतिकी, रसायन विज्ञान और जीवविज्ञान के साथ कक्षा 12 उत्तीर्ण होना चाहिए। बीओटी स्नातक कार्यक्रम में प्रवेश के लिए प्रवेश परीक्षा में सभी उम्मीदवारों के लिए आवेदन करना अनिवार्य है।
नौकरी की संभावनाएं
बीओटी स्नातकों को फ्रीलांस सेवाओं की पेशकश के अलावा अस्पतालों, पुनर्वास केंद्रों और नैदानिक केंद्रों में रोजगार मिल सकता है।
रेडियोग्राफी
डायग्नोस्टिक टेस्ट, रेडियोग्राफी में रेडिएशन के माध्यम से किया जाता है। आपको बता दें कि इसमें एक्स-रे, अल्ट्रा साउंड, सीटी स्कैन तथा एमआरआई आदि शामिल हैं। एक रेडियोग्राफर मेडिकल टीम के साथ कार्य करता है।
कोर्स: साइंस स्ट्रीम से 12वीं उत्तीर्ण स्टूडेंट बीएससी इन रेडियोग्राफी कोर्स कर सकते हैं। इसके अलावा सर्टिफिकेट तथा डिप्लोमा कोर्स का भी आॅप्सन हैं।
नौकरी की संभावनाएं
एक रेडियोग्राफर सरकारी या प्राइवेट चिकित्सालय, नर्सिग होम तथा डायग्नोस्टिक सेंटर में नौकरी पा सकता है।
मेडिकल लेबोरेटरी
आपको बता दें कि मेडिकल लेबोरेटरी टेक्नोलोजी को क्लीनिकल लेबोरेटरी साइंस भी कहा जाता है। इसमें डायग्नोसिस तथा रोगों से संबंधित टेस्ट होते हैं। इसमें क्लीनिकल टेक्नोलोजी, माइक्र बायोलोजी, ब्लड बैंक तथा इम्यूनोलोजी प्रमुख में आते हैं। मेडिकल टेक्निशियन लेबोरेटरी में टेक्नोलोजिस्ट एवं सुपरवाइजर के निर्देशन में रुटीन टेस्ट से संबंधित कार्य करते हैं।
नौकरी की संभावनाएं
यह कोर्स करने वाले सरकारी एवं प्राइवेट चिकित्सालय, ब्लड डोनेशन सेंटर, इमरजेंसी सेंटर तथा क्लीनिक में जॉब्स करते हैं।
आॅप्टोमेट्री
इसके अन्तर्गत मनुष्य के आंख की संरचना तथा उसकी कार्य विधि शामिल है। इसमें आंखों के प्रारंभिक लक्षण, लेंस का प्रयोग एवं अन्य परेशानियों को परखा जाता है। आप आॅप्टोमेट्रिक्स में डिग्री या डिप्लोमा कोर्स कर सकते हैं। इसमें बैचलर आॅफ क्लीनिकल आॅप्टोमेट्री, डिप्लोमा इन आॅप्थलमिक टेक्नीक प्रमुख कोर्स में आते हैं।
नौकरी की संभावनाएं
इसके बाद नेत्र चिकित्सालय तथा क्लिनिक में नौकरी आसानी से मिल जाता है।
फार्मासिस्ट
इसमें फार्मास्युटिकल प्रोडक्ट्स बनाने,फार्मास्युटिकल प्रोडक्शन के तरीके विकसित करने और क्वालिटी कंट्रोल आदि कार्य आते हैं। फार्मासिस्ट ड्रग मैन्युफेर्क्चंरग कंपनियों, रिसर्च से जुड़े प्राइवेट या सरकारी संस्थानों, डिस्पेंसरी और मेडिकल स्टोर्स आदि में काम कर सकते हैं। डॉक्टरों द्वारा लिखी दवाओं की डिलीवरी का काम भी फार्मासिस्ट करते हैं। फार्मासिस्ट मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव के तौर पर भी कार्य कर सकते हैं।
कोर्स
इसके लिए दो वर्षों का डिप्लोमा इन फामेर्सी (डीफार्मा) कर सकते है। जो लोग बैचलर करना चाहते हैं उनको बता दें कि बीफार्मा की अवधि चार वर्ष की है। और आपको बता दें कि एमफार्मा की अवधि डेढ़ या दो वर्षों की हो सकती है।
प्रसिद्ध बैचलर डिग्री पैरामेडिकल कोर्स
- आॅपरेशन थियेटर प्रौद्योगिकी में बीएससी
- एक्स रे टेक्नोलॉजी में बीएससी
- रेडियोग्राफी और मेडिकल इमेजिंग में बीएससी
- डायलिसिस प्रौद्योगिकी में बीएससी
- मेडिकल रिकॉर्ड टेक्नोलॉजी में बीएससी
- चिकित्सा प्रयोगशाला प्रौद्योगिकी में बीएससी
- आॅप्थाल्मिक टेक्नोलॉजी में बीएससी
- बैचलर आॅफ आॅक्यूपेशनल थैरेपी
- बैचलर आॅफ फिजियोथैरेपी
- भाषण थेरेपी में बीएससी
- बीएएसएलपी कोर्स
- आॅडियोलॉजी में बीएससी
- एनेस्थेसिया टेक्नोलॉजी में बीएससी
- आॅडियोलॉजी और स्पीच थैरेपी में बीएससी
- आॅप्टोमेट्री में बीएससी
- डिप्लोमा पैरामेडिकल कोर्स
पैरामेडिकल नौकरियां
पैरामेडिकल कोर्स करने के बाद अभ्यार्थी पैरामेडिकल नौकरियों के बारे में भी जानना चाहते हैं। डिप्लोमा या प्रमाण पत्र एमएलटी कोर्स पूरा करने के बाद, कोई अस्पताल, क्लीनिक, सार्वजनिक स्वास्थ्य केंद्र या वाणिज्यिक प्रयोगशालाओं में चिकित्सा प्रयोगशालाओं में प्रयोगशाला तकनीशियन या सहायक के रूप में काम कर सकता है।
इसके अलावा अन्य अवसर में शामिल हैं
सरकारी अस्पताल, निजी अस्पताल, इन-हाउस लैब के साथ क्लीनिक, वाणिज्यिक लैब्स, सार्वजनिक स्वास्थ्य केंद्र।
इन पदों के लिए निकल सकती हैं सरकारी नौकरियां
- उप-निरीक्षक (स्टाफ नर्स)
- उप-निरीक्षक (फिजियोथैरेपी)
- सहायक उप-निरीक्षक (फार्मासिस्ट)
- सहायक उप-निरीक्षक (इलेक्ट्रो कार्डियोग्राफी तकनीशियन)
- हेड कांस्टेबल (नर्स / एएनएम)
- हेड कांस्टेबल (मैराथन)
इस प्रकार, पैरामेडिकल साइंस एक ऐसा क्षेत्र है जो बेहतर काम की संभावना और चिकित्सकीय क्षेत्र में मदद करने के पेशेवरों के लिए संतोष की भावना प्रदान कर सकता है।
प्रसिद्ध पैरामेडिकल संस्थान
- दिल्ली पैरामेडिकल एंड मैनेजमेंट एंड इंस्टीट्यूट
- एम्स; नई दिल्ली, सीएमसी; लुधियाना
- प्रास्थैटिक्स एंड आथोर्पीडिक्स (सफदरजंग अस्पताल; नई दिल्ली)
- सीएमसी; बेंगलुरु, जसलोक हॉस्पिटल; मुंबई, एम्स; नई दिल्ली
- केएमसी; वैलूर, एम्स; नई दिल्ली,
वेतन
पैरामेडिकल करने के बाद आपकी सैलरी आपके द्वारा किए गए कोर्स और आपके अनुभव, आपकी स्किल्स और अर्गनाइजेसन पर निर्भर करती है। आपका सैलरी पैकेज 2,00,000 से 5,00,000 प्रति साल तक हो सकता है।
अलग अलग जॉब की सैलरी अलग-अलग होती है। जैसे
- रेडियोलॉजी तकनीशियन (लगभग 10,000 से 50,000 प्रति माह)
- हेल्थ केयर एसिस्टेंस (लगभग 5000 से 15000 प्रति माह)
- डायलिसिस एसिस्टेंस (लगभग 20,000 से 50,000 प्रति माह)
- लेब तकनीशियन (लगभग 10,000 से 70,000 प्रति माह)
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