व्यक्तित्व का दर्पण है ढंग से बोलना
अच्छी नौकरी पाने की लालसा हो या फिर दूसरे पर अपना इंप्रेशन जमाने की बात, हर जगह पर आपका बोलना बहुत ही मायने रखता है क्योंकि आपका जरा सा बोलना मात्र ही आपके व्यक्तित्व और अर्जित योग्यता का परिचय करा देता है।
हो सकता है बोलते वक्त कभी आपने इस ओर कोई खास ध्यान न दिया हो परन्तु याद रखें कि आपका बोलना ही आपके व्यवहार को सामने वाले के समक्ष भली-भांति खोलकर रख देता है, इसीलिए जब भी किसी अनजान शख्स से बात करें तो यह सुनिश्चित कर लें कि आपकी वाणी मधुर होने के साथ-साथ प्रभावशाली ढंग से परिपूर्ण होनी चाहिए, तभी आप दूसरे व्यक्ति पर अपनी अमिट छाप छोड़ सकते हैं।
इस बारे में प्रख्यात विद्वानों का मत हैं कि जब आपको किसी सम्मेलन या मीटिंग में भाग लेना अति आवश्यक हो और आप उस विषय के बारे में सटीक जानकारी नहीं रखते तो ऐसे समय में चुप रहना ही श्रेष्ठकर होगा जबकि नपे तुले शब्दों का उपयोग करके सोच-समझकर प्रभावशाली ढंग से बोलना आपके गंभीर व्यक्तित्व के साथ -साथ आत्मविश्वास के दर्शन करवायेगा।
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निस्संदेह, व्यक्ति का प्रभावशाली ढंग से बोलना ही उसके व्यक्तित्व का दर्पण होता है और आपके बोलने का ढंग सही होगा तो अवश्य ही आपके व्यक्तित्व में बदलाव तो आएगा ही, साथ ही सम्मुख बैठा व्यक्ति भी प्रभावित हुए बगैर नहीं रह पायेगा। यकीनन, अपनी मृदुभाषी आवाज से जहां गुस्से से गर्म होकर आए व्यक्ति को शांत किया जा सकता है, वहीं बिगड़े हुए काम को भी ठीक करवाया जा सकता है।
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आइये जानते हैं उन खास टिप्स को जिनके बलबूतों पर आप किसी दूसरे व्यक्ति पर अपना एक खास इंप्रेशन छोड़ सकते हैं।
आंखें मिलाकर बातें करें:-
याद रखिए, आंखें झुकाकर या चुराकर बात करने से सम्मुख बैठे व्यक्ति को आत्मविश्वास न होने की स्थिति का भली-भांति अंदाजा हो जाता है जिसका भविष्य में अच्छा परिणाम नहीं निकलता है। इसलिए साक्षात्कार देते समय आंखें नीची करके या फिर उधर-उधर नजरें घुमाते हुए बोलने की बजाय सम्मुख व्यक्ति से आंखें मिलाकर अपनी बात कहें बेहतर होगा। आंखें मिलाकर बातचीत करते से आपका आत्मविश्वास झलकता है।
मुंह से लार या थूक न निकालें:-
कई दफा देखने में आता है कि जब दो व्यक्ति आपस में बातें कर रहे होते हैं तो बातचीत के दौरान उनके मुंह से कम या अधिक लार या थूक बाहर निकलने लगता है जिससे दूसरा व्यक्ति बोर हो जाता है। इसलिए बातचीत करते समय लार या थूक मुंह से निकलने की समस्या के लिए आप खुद ही जिम्मेदार हैं। इसके लिए जरा-सा प्रयास करने से खुद-ब खुद सुधार होकर समस्या का समाधान किया जा सकता है।
शब्दों का सही उच्चारण करें:-
अगर आपको लगता है कि बोलते समय उच्चारण ठीक से नहीं निकल रहा है और बोलने में बार-बार अटक रहे हैं तो इस परेशानी का निदान करने हेतु दर्पण के सामने किताब के पृष्ठों की कुछ लाइनें जोर-जोर से ऊंची आवाज में पढ़ें। निश्चय ही कुछ दिनों बाद कुछ बदलाव होता नजर आएगा। अपनी आवाज रिकॉर्ड करके सुनने के जरिए भी लाभ उठाया जा सकता है।
बोलने से पूर्व ध्यानपूर्वक सुनें:-
आप यदि बोलने में अच्छे हैं तो यह गर्व की बात है पर इससे भी जरूरी एक और बात है जो आपको दूसरों पर अपना इंप्रेशन डालने में सहायता कर सकती है और वह है सुनना। जी हां, आपको अच्छी बोलचाल के साथ-साथ अच्छा सुनने वाला भी होना चाहिए। किसी की बात पूरी होने से पूर्व उसे कभी भी बीच में टोक कर अपनी बात नहीं करनी चाहिए, क्योंकि अधिक बोलने के चक्कर में अपनी ही हांकते रहने से लोग आपसे दूर रहने लगेंगे।
साथ ही झूठ बोलने से भी दूरी बनाये रखें ताकि बाद में पोल खुलने पर बेइज्जती न हो।
इस प्रकार, आप अपनी कमियों पर ध्यान देकर, सुधार करके सामने वाले को प्रभावित कर दुनियां में नाम कमा सकते हैं और लोग आपकी बातों के कायल हुए बगैर नहीं रह पायेंगे। -अनूप मिश्रा