प्रगट सिंह! तकड़ा हो, असीं आए। -सत्संगियों के अनुभव
पूजनीय परमपिता शाह सतनाम सिंह जी महाराज की अपार कृपा
सत्संगियों के अनुभव
प्रेमी प्रगट सिंह पुत्र सचखण्ड वासी नायब सिंह गांव नटार जिला सरसा(हरियाणा)।
अक्तूबर 1991 की बात है। मैं दिल्ली में मार्किट में से सामान...
अपने आप मशहूरी हो गई -सत्संगियों के अनुभव
पूजनीय बेपरवाह शाह मस्ताना जी महाराज की रहमत
सचखंडवासी ज्ञानी दलीप सिंह रागी कल्याण नगर, सरसा, शहनशाहों के शहनशाह मस्ताना जी महाराज के एक अलौकिक करिश्मे का इस प्रकार वर्णन करते हैं :-
सन् 1956 की...
‘‘बेटा! सरसे तों तैनूं नाम मिल जावेगा…’’ सत्संगियों के अनुभव
पूजनीय परम पिता शाह सतनाम जी महाराज की अपार रहमत
प्रेमी प्रगट सिंह पुत्र सचखंड वासी नायब सिंह गांव नटार जिला सरसा(हरियाणा)
सन् 1967 की बात है। हम दोनों बहन-भाई होस्टल में पढ़ते थे। हमें स्कूल...
सतगुरु की रहमत से बच्चे की आंख हुई ठीक -सत्संगियों के अनुभव
पूज्य हजूर पिता संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां का रहमो-करम
प्रेमी जगजीत सिंह पुत्र सचखंडवासी हीरा सिंह गांव जंडवाला मीरा सांगला जिला फाजिल्का (पंजाब) से बताते हैं कि 13 मार्च 1993 की...
सच्चा सौदा में कुछ भी खुटने वाला नहीं है -सत्संगियों के अनुभव
पूजनीय बेपरवाह शाह मस्ताना जी महाराज की रहमत
साधु भाई दादू पंजाबी डेरा सच्चा सौदा सरसा से शहनशाह मस्ताना जी महाराज के एक अलौकिक करिश्मे का इस प्रकार वर्णन करता है:-
करीब 1957 की बात है। प्रेमी खेम...
बेटा! दो महीने दे अन्दर अन्दर तुहाडी बदली हो जावेगी। -सत्संगियों के अनुभव
पूजनीय परम पिता शाह सतनाम जी महाराज की अपार रहमत
बहन सन्तोष कुमारी इन्सां पत्नी प्रेमी राम गोपाल इन्सां, आदमपुर मंडी, जिला हिसार से परम पूजनीय परम पिता शाह सतनाम सिंह जी महाराज की अपार...
बेटा! दस साल के लिए तेरे पास हैं तेरे पापा। -सत्संगियों के अनुभव
पूज्य हजूर पिता संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां का रहमो-करम
मैं कमलजीत कौर इन्सां (सुजान बहन) पत्नी दवेन्द्र सिंह ब्लाक मोहाली, जिला साहिबजादा अजीत सिंह नगर, मोहाली (पंजाब) सतगुरु द्वारा किए हुए...
लो पुट्टर, तेरे को नूरी बॉडी का पहना हुआ कोट देते हैं…-सत्संगियों के अनुभव
पूजनीय सार्इं शाह मस्ताना जी महाराज का रहमो-करम
सेवादार दादू पंजाबी डेरा सच्चा सौदा सरसा से शहनशाह मस्ताना जी महाराज के एक अनोखे करिश्मे का इस प्रकार वर्णन करता है:-
करीब 1957 की बात है डेरा...
उसको तो मालिक सचखण्ड ले गए…-सत्संगियों के अनुभव
पूज्य हजूर पिता संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां की अपार दया-मेहर
प्रेमी भरपूर सिंह इन्सां सुपुत्र श्री गुरबचन सिंह गांव जण्डवाला सिखान ब्लाक संगरिया जिला हनुमानगढ़ (राज.) आंखों देखे एक अद्भुत करिश्मे...
प्रेम की तलवार सब को देती जोड़ जी
पूज्य हजूर पिता जी के पवित्र वचनों पर आधारित शिक्षादायक सत्य प्रमाण
पूजनीय हजूर पिता संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां ने फरताते हैं कि बेशक जुबान का फट (कड़वे वचनों के घाव)...