जैसा सोचा, जैसा मांगा, वैसा ही मिला -सत्संगियों के अनुभव
जैसा सोचा, जैसा मांगा, वैसा ही मिला :सत्संगियों के अनुभव -पूज्य हजूर पिता संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां की अपार रहमत
प्रेमी...
तुम्हें शूल नहीं लगने देंगे’ -सत्संगियों के अनुभव
‘तुम्हें शूल नहीं लगने देंगे’ -सत्संगियों के अनुभव पूजनीय सार्इं शाह मस्ताना जी महाराज का रहमो-करम
प्रेमी लखपत राय इन्सां सुपुत्र सचखंडवासी श्री प्रमुख जी...
मालिक का हाथ तुम्हारे सिर पे है, तुम्हारा बाल बाँका नहीं हो सकता
मालिक का हाथ तुम्हारे सिर पे है, तुम्हारा बाल बाँका नहीं हो सकता
पूजनीय परमपिता शाह सतनाम सिंह जी महाराज की अपार रहमत
सत्संगियों के अनुभव
बहन...
पूज्य डॉ. एमएसजी हजूर पिता जी की दया-मेहर,‘‘खुशियां तो बहुत आती हैं, पर…।’’
पूज्य डॉ. एमएसजी हजूर पिता जी की दया-मेहर,‘‘खुशियां तो बहुत आती हैं, पर...।’’
सत्संगियों के अनुभव
सतगुरु जी की अपार रहमत का उपरोक्त अनुसार वर्णन 29...
बख्शिशें जो गिनाई नहीं जा सकती -सत्संगियों के अनुभव
बख्शिशें जो गिनाई नहीं जा सकती -सत्संगियों के अनुभव
पूज्य हजूर पिता संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां की अपार रहमत
सूबेदार बलबीर सिंह...
चल उठ भक्ता! वायदा किया था नाम जपने का…Experiences of Satsangis
7पूजनीय बेपरवाह सार्इं मस्ताना जी महाराज का पावन रहमो-करम
‘‘चल उठ भक्ता! वायदा किया था नाम जपने का...’’ "Come on, devotee! Promised to recite the...
जो मांगा वही देता गया मेरा सार्इं
सत्संगियों के अनुभव : पूजनीय सार्इं शाह मस्ताना जी महाराज का रहमो-करम - जो मांगा वही देता गया मेरा सार्इं
प्रेमी हरीचंद पंज कल्याणा सरसा शहर(हरियाणा) से पूज्य बेपरवाह मस्ताना जी महाराज की अपार दया मेहर का वर्णन इस प्रकार करता है:-
गऊ को रोटी खिलाना हमारी पुरातन संस्कृति, गायों की संभाल के लिए बने नैचुरली...
गऊ को रोटी खिलाना हमारी पुरातन संस्कृति, गायों की संभाल के लिए बने नैचुरली वातावरण : पूज्य गुरु जी
गाय को भारतीय संस्कृति का अभिन्न...
अनाथ मातृ-पितृ सेवा मुहिम: बहन हनीप्रीत इन्सां ने बुजुर्गों की सेवा कर मनाया मदर्स-डे
अनाथ मातृ-पितृ सेवा मुहिम: बहन हनीप्रीत इन्सां ने बुजुर्गों की सेवा कर मनाया मदर्स-डे
पूज्य गुरु संत डा. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां की...
सच्चा सौदा सुख दा राह… 72वें रूहानी स्थापना दिवस
सच्चा सौदा सुख दा राह...
72वें रूहानी स्थापना दिवस (29 अप्रैल) पर विशेष
सच्चा सौदा यानी ‘सच’ मालिक, अल्लाह, वाहेगुरु, राम, गॉड, खुदा, रब्ब और ‘सौदा’...














































































