आधुनिक युग में लड़कियां भी हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही हैं। वे किसी से कम नहीं रहना चाहती। चाहे क्षेत्र नौकरी का हो, खेलों का या बिजनेस का, वे हर क्षेत्र में अपना झंडा गाड़ना चाहती हैं। मुश्किल तब आती है जब पत्नी पति से कमाई में या प्रफेशनल स्टेटस में आगे बढ़ जाती हैं। ऐसे में मेल ईगो सामने आ जाता है और हैल्दी मेरिड लाइफ में तनाव आना प्रारंभ हो जाता है।
एक रिसर्च के अनुुसार ऐसे पति जिनकी वाइफ उनसे ज्यादा कमाती हैं या प्रफेशनली स्टेटस में ज्यादा हैं, खुश नहीं रहते और धीरे धीरे स्ट्रेस में रहने लगते हैं। अगर आप भी इस समस्या से जूझ रहे हैं और अपने रिश्ते सुधारना चाहते हैं तो इन बातों पर गौर करें।
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तलाक नहीं है आप्शन
अगर आपकी बैटर हॉफ ऐसी किसी स्थिति में आपसे कमाई में आगे निकल गई हो तो स्टेटस में तालमेल बना कर रखना ही हैल्दी आप्शन है न कि तलाक। वैसे तलाक की नौबत शादी के शुरूआती सालों में अधिक आती है क्योंकि तब मेल ईगो सामने अधिक आता है। पति और पत्नी को सोचना चाहिए कि घर तो आप दोनों से है। आफिस में आप जहां भी स्टैंड करते हों पर घर में बराबर स्थान पर हैं, इस बात का विशेष ध्यान रखें।
कभी कभी प्रमोशन के बाद या जॉब अच्छी होने पर पत्नियां अधिक बोल्ड हो जाती हैं और कई बड़े फैसले भी स्वयं ले लेती हैं। यह गलत है। घरेलू फैसले मिल कर लेने चाहिएं। बोल्डनेस कुछ हद तक तो ठीक है पर अधिक बोल्डनेस आपके गृहस्थ जीवन को खराब कर सकती है। पत्नी को कभी भी अपने से अधिक स्ट्रांग,पावरफुल और इंडिपेंडेंट नहीं समझना चाहिए। पत्नी को घर में एक पत्नी, बहू, मां की भूमिका में ही रहना चाहिए न कि बॉस की।
कई वजह और भी हैं
मेल ईगो के अलावा हमारा समाज पुरुष प्रधान है। कहीं न कहीं यह बात पतियों के दिमाग में घुसी रहती है। उन्हें लगता है कि घर चलाना पति का हक है। पत्नियों को बाहर कमाने के लिए बस परिवार के सपोर्ट हेतु बाहर भेजा जाता है। कहीं न कहीं यह बातें उनके जहन में होती हैं।
पति घर आकर चाहते हैं
पति घर आकर चाहते हैं कि पत्नियां घर पर आफिस से आने के बाद उन्हें उतना समय दें जितना नान वर्किंग महिलाएं देती है। वे इस बात पर राजी नहीं होते कि वर्किंग वाइफ के पास इतना समय कैसे होगा। इसी गलत उम्मीद के चलते भी दोनों के रिश्तों में दरार आ जाती है। पति पत्नी से उम्मीद करते हैं कि वह बस एक आम औरत की तरह घर के काम को परफेक्टली करे। वह उसकी हाई प्रोफाइल पोजिशन को नजरअंदाज करते हुए पूरी उम्मीदें लगाकर बैठते हैं। कभी कभी आर्थिक रूप से भी पति पत्नी के खर्चों पर पूरी नजर रखते हैं और बार-बार राय देते हैं कि संभल कर खर्च करो। यह भी एक कारण होता है आपस मे तनाव का।
ऐसे बनें, तब होगा सब सही
अपनी गृहस्थी को खराब होने से पहले बचा लेने में ही भलाई है। अगर पत्नी को प्रोमोशन मिली है या नई नौकरी में तनख्वाह ज्यादा तो उसकी रिस्पेक्ट करें। वह जो भी कमाएगी, परिवार की भलाई के लिए ही। उसकी पोस्ट के साथ अगर जिम्मेदारी बढ़ गई हो तो घर के काम में मदद करें या काम में बाहरी मदद लें ताकि घर गृहस्थी भली प्रकार चलती रहे।
रिश्तेदारी की जिम्मेदारी को मिलकर निपटाएं। किसी भी तरह का ताना न कसें। कभी कभी बाहर घूमने का प्रोग्राम भी बनाएं, ताकि वह अपने बिजी शेड्यूल से थोड़ा फ्री महसूस कर सके। रिश्ते में गिफ्ट देते समय भी आपस में डिसकस अवश्य कर लें। तेरा-मेरा से बचें और हमारा में विश्वास करें।
पत्नी को भी चाहिए कि कुछ जरूरी घरेलू फैसले मिल कर लें। आर्थिक अर्थव्यवस्था का सदुपयोग कैसे करना है, आपस में विचार विमर्श करें। स्वयं को कभी भी पावरफुल न दिखाएं। अपना व्यक्तित्व सीधा ही रखें। उसमें कंप्लीकेशन पैदा न करें। अपने घर की जिम्मेदारी को दिल से पूरा करने का प्रयास करें। अपने पति को प्यार और अपनापन देती रहें। लेट आना हो, आफिस में काम अधिक हो, मीटिंग में रुकना हो तो समय पर पति को इंफार्म करें ताकि गलतफहमी न हो। मिलकर ध्यान रखेंगे तो बैटर हॉफ भी खुश रहेगी और आप स्वयं भी।
– नीतू गुप्ता