children superstitious: बच्चों को अंधविश्वासी न बनाएं
children superstitious बच्चों को अंधविश्वासी न बनाएं
रमेश घर से खरीदारी के लिए निकल रहा था कि अचानक उसकी पत्नी ने उसे आवाज देते हुए रोका। इस पर रमेश पत्नी पर बरस पड़ा कि घर...
शादी के बाद कैसे करें नए रिश्तों से एडजस्टमेंट
शादी के बाद कैसे करें नए रिश्तों से एडजस्टमेंट
शादी के बाद नई दुल्हन को नए माहौल में नए लोगों के साथ मधुर रिश्ता बनाने में कठिनाई महसूस तो होती ही है क्योंकि 22 से...
Relationship: हंसते-मुस्कुराते निभाएं अपने रिश्ते
हमारे जीवन में हंसने-मुस्कुराने की क्या अहमियत है, इस बात से हम भली-भांति परिचित हैं। सोचिए, रिश्तों में भी यह बात शामिल हो, तो ये कितने खुशहाल बन जाएंगे। माहौल को सदा हल्का-फुल्का बनाये रखें। हालाँकि छोटी-मोटी नोक-झौंक से थोड़ी बहुत खट्टी-मीठी टकराहट भी कभी-कभी रिश्तों को मजबूती देने के लिए जरूरी है।
रिश्तों में हमेशा मिठास रहे
रिश्तों में हमेशा मिठास रहे
अपने संबंधों को और करीब लाने के लिए हमें सुख और दु:ख दोनों में साथ रहना चाहिए क्योंकि सुख और दुख दोनों जीवन से जुड़े हुए हैं। यदि आप हर...
रिश्तों को सुधारें , कुछ यूं मनाएं सुरक्षित दिवाली
परिवार और रिश्तेंदारों की अपेक्षा पड़ोसी ही हमारे सबसे नजदीक होते हैं। चाहने पर भी वो हमेशा हमारी मदद के लिए अक्सर नहीं पहुंच पाते हैं। ऐसे समय पड़ोसी ही मदद के लिए पहुंचते हैं। ऐसे में पड़ोसियों से अपने रिलेशन को अच्छा बना कर रखना बहुत जरूरी होता है
पैरों की करें उचित देखभाल
पैरों की करें उचित देखभाल
पैरों में कई तरह के घाव होते हैं, कई प्रकार की पीड़ा होती है किंतु स्त्री हो या पुरूष, सभी इसके प्रति लापरवाह दिखते मिल जाते हैं। जो पैर शरीर...
अपने पिता को दें खास उपहार
फादर्स डे (18 जून) अपने पिता को दें खास उपहार
वह भले ही मां की तरह आपकी पहली शिक्षिका न हों, लेकिन जिंदगी के बहुत से जरूरी सबक आपको सिखाया है। भले ही वह आपसे...
मेहमानों से शिष्टाचार निभाएं
मेहमानों से शिष्टाचार निभाएं
शिष्टाचार जीवन के लिए एक निहायत जरूरी चीज है। इसके अभाव में उत्तम समाज, आदर्श परिवार तथा सफल और संतुलित जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती है।
यह अधिकार और कर्तव्य...
जरूरी है सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग
प्रत्येक महिला में अपनी सुरक्षा स्वयं कर सकने की क्षमता होना समय की पहली आवश्यकता बन गई है। घर में दोपहर का समय हो या अंधेरा होने के बाद बाहर निकलना हो, अकेले यात्रा...
Food Serve: जितनी इच्छा थाली में उतना ही परोसें भोजन
अगर आप किसी भी भोज में देखें तो ऐसे बहुत से लोग मिल जायेंगें, जो परोस तो ज्यादा लेते हैं लेकिन खा नहीं पाते और जूठा छोड़ देते हैं। आप कहीं भी जाएं, हमेशा ध्यान रखें कि जो खाद्य पदार्थ आपको पसंद है, वो ही
परोसें और सिर्फ उतना ही लें, जितना आप खा सकते हैं। वहीं अगर यह प्रोग्राम आपके द्वारा या आपके घर पर आयोजित किया जा रहा है, तो विशेष ध्यान रखें कि खाने की जगह पर एक बैनर लगाकर भी लोगों को जूठन न
छोड़ने के लिए जागरूक कर सकते हैं।