Dera Sacha Sauda
God's form is Father on Father's Day - Special (June 19)

ईश्वर का रूप है पिता -फादर्स-डे (19 जून) पर विशेष

ईश्वर का रूप है पिता -फादर्स-डे (19 जून) पर विशेष वैसे तो हमारी भारतीय संस्कृति में माता-पिता का स्थान पहले ही सर्वोच्च रहा है, किन्तु...
Tips to make your child self dependent - Sachi Shiksha

Child Self Dependent: अपने बच्चों को बनाएं आत्मनिर्भर

Child Self Dependent सिम्मी अपने मां-बाप की लाडली बिटिया थी। बचपन में उसकी हर फरमाइश पूरी होती व मां बाप उसके आगे-पीछे घूमते कि...
love compassion and motherhood

प्रेम, संवेदना और ममत्व की पराकाष्ठा मां 

प्रेम, संवेदना और ममत्व की पराकाष्ठा मां संतों ने मां को भगवान का दूसरा रूप बताया है। मां की महत्ता के बारे में पूज्य गुरु...
Control home expenses - Home Management

घर खर्चों पर लगाएं लगाम -होम मैनेजमेंट

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घर खर्चों पर लगाएं लगाम -होम मैनेजमेंट पिछले एक साल से कोरोना वायरस के चलते देश की आर्थिक स्थिति बुरी तरह से लड़खड़ा गई है। आर्थिक...
Save money

जीवनशैली में बदलाव कर करें बचत

जीवनशैली में बदलाव कर करें बचत पूजनीय गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां के सभी साध-संगत के लिए ये सांझे वचन हैं...
खाना बनाएं, तनाव भगाएं

खाना बनाएं, तनाव भगाएं

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Daughters who became the pride of society

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बेटियांजो बनींसमाज का गौरव Daughters who became the pride of society किसी ने शायद ठीक ही कहा है कि बेटे यदि भाग्य से मिलते हैं...
If the environment is good then the kids will also be good -sachi shiksha hindi

माहौल अच्छा हो तो बच्चे भी अच्छे होंगे

माहौल अच्छा हो तो बच्चे भी अच्छे होंगे - घर-परिवार का माहौल अच्छा हो तो बच्चे शिष्ट और सुसंस्कृत बनते हैं। अगर घर का...
14 मई हैप्पी मदर्स डे मां तुझे प्रणाम

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Serve as much food as you wish

Food Serve: जितनी इच्छा थाली में उतना ही परोसें भोजन

अगर आप किसी भी भोज में देखें तो ऐसे बहुत से लोग मिल जायेंगें, जो परोस तो ज्यादा लेते हैं लेकिन खा नहीं पाते और जूठा छोड़ देते हैं। आप कहीं भी जाएं, हमेशा ध्यान रखें कि जो खाद्य पदार्थ आपको पसंद है, वो ही परोसें और सिर्फ उतना ही लें, जितना आप खा सकते हैं। वहीं अगर यह प्रोग्राम आपके द्वारा या आपके घर पर आयोजित किया जा रहा है, तो विशेष ध्यान रखें कि खाने की जगह पर एक बैनर लगाकर भी लोगों को जूठन न छोड़ने के लिए जागरूक कर सकते हैं।

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सत्संगियों के अनुभव पूज्य हजूर पिता जी की रहमत प्रेमी विजय कुमार इन्सां (विजय बंसरी वाला) सुपुत्र प्रेमी सतपाल इन्सां मेला ग्राउंड शाह सतनाम जी...

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