कोरोना के दौर में जल्द ही सबसे बड़ी राहत की खबर मिल सकती है। ब्रिटेन में फाइजर और बायोएनटेक की वैक्सीन के इस्तेमाल को मंजूरी मिल गई। इसके साथ ही ब्रिटेन यूरोप का पहला देश बन गया, जिसने इसके इस्तेमाल को मंजूरी दे दी है। ब्रिटेन के हेल्थ डिपार्टमेंट के मुताबिक फाइजर और बायोएनटेक की वैक्सीन कोरोना के खिलाफ 95% तक इफेक्टिव है। मंजूरी मिलने के बाद वैक्सीनेशन शुरू की जाएगी।
फाइजर अमेरिकी और बायोएनटेक जर्मन कंपनी है। भारत में कोरोना वैक्सीन का इंतजार खत्म होने वाला है। भारत में भी तीन वैक्सीन ने अपने लिए इमरजेंसी अप्रूवल पर सरकार का प्रोसेस चल रहा है। भारत में इमरजेंसी अप्रूवल मांगने वालों में अमेरिकी कंपनी फाइजर भी शामिल है, जिसने जर्मन सहयोगी बायोएनटेक के बनाए एमआरएन वैक्सीन बनाई है। फाइजर के ट्रायल्स भारत में नहीं हुए हैं। इस वजह से ड्रग रेगुलेटर उसे भारत में कुछ लोगों पर ट्रायल्स की संभावना है।
वहीं, दिसंबर की शुरूआत में सीरम इंस्टिट्यूट आॅफ इंडिया और भारत बायोटेक ने भी अपने-अपने वैक्सीन के लिए इमरजेंसी अप्रूवल की मांग की है। दोनों के ही वैक्सीन भारत में फेज-3 ट्रायल्स में है। भारत सरकार के वैक्सीन के मुताबिक, इस समय भारत में 9 वैक्सीन पर काम चल रहा है। इसमें तीन वैक्सीन प्री-क्लिनिकल स्टेज यानी फिलहाल लैब्स में हैं। इसके अलावा 6 वैक्सीन क्लिनिकल ट्रायल्स के किसी न किसी फेज में हैं।
एक नजर भारत में बनी कुछ वैक्सीन पर
कोवीशील्ड
एस्ट्राजेनेका ने 23 नवंबर को इसके फेज-3 क्लीनिकल ट्रायल्स के नतीजे घोषित किए। इसके मुताबिक, जब एक हाफ और एक फुल डोज दिया गया तो वह 90% तक असरदार रही। वहीं, दो फुल डोज देने पर 62% असरदार रही। भारत में पुणे के एसआईआईने इस वैक्सीन के डोज मैन्यूफैक्चर करने का करार किया है। पूनावाला की कंपनी ने 7 दिसंबर को इस वैक्सीन के इमरजेंसी अप्रूवल के लिए अप्लाई किया, जिस पर सरकार जल्द फैसला लेगी। फरवरी तक करीब एक करोड़ वैक्सीन उपलब्ध हो सकती हैं। सरकार को 250 रुपए और आम भारतीयों को 500 रुपए में वैक्सीन का एक डोज मिलेगा।
कोवैक्सीन
हैदराबाद की कंपनी भारत बायोटेक द्वारा तैयार कोवैक्सीन के दो फेज के ट्रायल्स हो चुके हैं। किसी भी वॉलंटियर में गंभीर साइड-इफेक्ट नहीं दिखाई दिया है। कंपनी ने नवंबर में ही 25 जगहों पर 25,800 वॉलंटियर्स पर इसके फेज-3 ट्रायल्स शुरू किए हैं। कंपनी का दावा है कि जनवरी के बाद यह वैक्सीन मिलने लगेगी। इसकी कीमत अभी तय नहीं हुई।
स्पुतनिक-5: डॉ. रेड्डीज लैबोरेटरीज लिमिटेड और रशियन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट फंड ने रूसी वैक्सीन स्पुतनिक-5 के भारत में फेज-2/3 क्लीनिकल ट्रायल्स शुरू किए हैं। वैक्सीन पहले डोज के 28 दिन बाद 91.4% असरदार रही और पहले डोज के 42 दिन बाद 95% असरदार रही। मार्च के बाद वैक्सीन अप्रूवल पा सकती है। इसके एक डोज की कीमत 700 रुपए के आसपास का दावा है।
जायकोव
अहमदाबाद की कंपनी जायडस कैडिला द्वारा तैयार प्लास्मिड डीएनए वैक्सीन जायकोव-डी के फेज-2 में रिजल्ट्स अच्छे रहे हैं। 2021 की दूसरी तिमाही तक वैक्सीन बाजार में उपलब्ध कराने की तैयारी है। कंपनी ने इसकी कीमत तय नहीं की है।
वैक्सीन लगाने का ब्लूप्रिंट तैयार
कोरोना वैक्सीन आने से पहले भारत में प्रायरिटी ग्रुप तय हो गया है। पहले फेज में 31 करोड़ लोगों को वैक्सीन लगाई जाएगी। इनमें हेल्थकेयर वर्कर्स, पुलिस, 50 साल से ज्यादा उम्र के प्रायरिटी ग्रुप मेंबर और हाई रिस्क ग्रुप के युवा भी शामिल रहेंगे। 31 करोड़ लोगों की पहचान कर ली गई है, जिन्हें मार्च से मई के बीच में वैक्सीन लगाई जाएगी। हमारे देश में एक करोड़ हेल्थ वर्कर्स, राज्यों और केंद्र सरकार की पुलिस, आर्म्ड फोर्सेस, होमगार्ड्स, सिविल डिफेंस के 2 करोड़, 50 वर्ष से ज्यादा उम्र के प्रायरिटी ग्रुप के 26 करोड़ मेंबर्स और 50 वर्ष से कम उम्र के हाई रिस्क ग्रुप के 1 करोड़ मेंबर्स को सबसे पहले वैक्सीन लगाई जाएगी।
-के. विजयराघवन, प्रिंसिपल साइंटिफिक एडवाइजर