How to Celebrate Holi carefully - Sachi Shiksha Hindi

वर्षभर कोरोना वायरस की जद में रहने के बाद आखिरकार इस रोग की वैक्सीन आ चुकी है। सरकार द्वारा लोगों को वैक्सीन लगाने का कार्य भी चल रहा है।

ऐसे में 29 मार्च को होली का रंगारंग त्यौहार भी आ रहा है। रंगों के इस त्यौहार को हर कोई शौक से मनाना चाहता है। मगर कोरोना वायरस को देखते हुए इस साल ज्यादा सावधानी बरतनी जरूरी है। यदि डॉक्टरों की मानें तो हर वर्ष होली के त्यौहार पर त्वचा सम्बंधी, आंख सम्बंधी व रंगों सम्बंधी सावधानियां रखने की जरूरत होती है,

मगर इस बार कोरोना वायरस को भी ध्यान में रखना बेहद जरूरी है

  • होली के दिन होली खेलने से पहले सैनेटाइजर से हाथों को अच्छी तरह से साफ करें।
  • भीड़-भाड़ वाली जगह पर जाने से बचें। बेहतर रहेगा कि आप अपने घर पर ही एक-दूसरे के साथ होली खेलें।
  • अगर कोई बाहरी व्यक्ति आपके घर आ रहा है तो उसे सेनेटाइजर इस्तेमाल कराने के बाद ही रंग लगाने दें।
  • सार्वजनिक जगहों पर जाते वक्त मास्क पहनना बिल्कुल न भूलें।
  • होली आप एक-दूसरे को पूरी तरह से रंग में भिगोने की जगह माथे पर तिलक लगाकर भी त्यौहार मना सकते हैं।
  • होली के दिन बाजार की बनी मिठाई के बजाए घर की बनी मिठाइयां प्रयोग में लाएं।
  • बच्चों का विशेष ध्यान रखें। आप स्वयं उनके साथ खेलें। यदि बच्चों के दोस्त होली खेलने आएं, तो उनके हाथ सैनेटाइज करके बच्चों के साथ थोड़ा खेलने दे सकते हैं।
  • घर में यदि किसी व्यक्ति को सर्दी, जुकाम या हल्का बुखार है, तो वो होली न खेले।

त्वचा सम्बंधी सावधानियां

  • चेहरे पर गुलाल या रंग लगाने से पहले हाथों को बिल्कुल अच्छे तरीके से साफ कर लें।
  • रंग खेलने से पहले पूरे शरीर पर नारियल के तेल का प्रयोग अवश्य करें।
  • होली खेलते समय पूरे शरीर को ज्यादा से ज्यादा ढक कर रखें।
  • ड्राय स्किन वालों को रंग खेलने से पहले ज्यादा सावधानी की जरूरत होती है।
  • शरीर के ऐसे हिस्से जो थोड़े छुपे रहते हैं जैसे कान के पीछे का हिस्सा, वहां तेल अच्छे से लगाएं।
  • रंग छुड़ाते वक्त स्किन को ज्यादा नहीं रगड़ें, वरना स्किन छिलने का डर रहता है।
  • चेहरे का रंग छुड़ाने के लिए कॉटन में जैतून का तेल लगाकर प्रयोग करें।
  • अपने नाखून पर गाढ़ा नेल पॉलिश लगाएं।
  • रंग उतारने के लिए शरीर पर ठंडे पानी का इस्तेमाल करें। होली खेलने से एक घंटा पहले बालों में तेल लगा कर अच्छे से मसाज करें। तेल आप की त्वचा पर सुरक्षा की एक परत बनाएगा और इस से रंग आसानी से निकल जाएगा।
  • अपने साथ रूमाल या साफ कपड़ा जरूर रखें, ताकि आंखों में रंग या गुलाल पड़ने पर उसे तुरंत साफ कर सकें।

बनाएं प्राकृतिक रंग

होली के सूखे रंगों को गुलाल कहा जाता है। मूल रूप से यह रंग फूलों और अन्य प्राकृतिक पदार्थों से बनता है जिनमें रंगने की प्रवृत्ति होती है। इस बार हम आपको गुलाल बनाना सिखाते हैं जो बाज़ार के रासायनिक गुलाल से कहीं ज़्यादा बेहतर होगा और साथ ही सुरक्षित भी। तो आइए, खुद तैयार किए गए इस गुलाल से परिवार के साथ-साथ दोस्तों को भी सराबोर कीजिए और होली का आनंद उठाइए!

लाल गुलाल तैयार करने की विधि

पिसा हुआ लाल चंदन जिसे रक्तचंदन या लाल चंदन भी कहा जाता है, खूबसूरत लाल रंग का होता है। यह त्वचा के लिए भी अच्छा होता है। यह सूखा रंग गुलाल की तरह इस्तेमाल किया जा सकता है। इसके अलावा इस रंग के दो छोटे चम्मच पाँच लीटर पानी में उबाला जाए, तो उससे बीस लीटर रंगीन पानी तैयार किया जा सकता है।

छाया में सुखाए गए गुड़हल या जवाकुसुम के फूलों के पाउडर से लाल रंग तैयार किया जा सकता है।
सिंदूरिया के ईंट से लाल बीजों को भी बतौर रंग या गुलाल इस्तेमाल किया जा सकता है।
लाल अनार के छिलकों को पानी में उबाल कर भी सुर्ख लाल रंग बनाया जा सकता है।
आधे कप पानी में दो चम्मच हल्दी पाउडर के साथ चुटकी भर चूना मिलाइए। फिर एक लीटर पानी के घोल में इसे अच्छी तरह मिलाइए, आपका होली का रंग तैयार है।
टमाटर और गाजर के रस को भी पानी में मिला कर रंग तैयार किया जा सकता है।

प्राकृतिक रूप से तैयार हरा गुलाल

मेहँदी या हिना पाउडर को भी बतौर गुलाल इस्तेमाल किया जा सकता है और पानी मिला कर रंग भी तैयार हो सकता है, पर इस रंग के दाग आसानी से नहीं छूटते। यह दीगर बात है कि यह रंग बालों के लिए बहुत लाभदायक होता है। गुलमोहर के पत्तों को अच्छी तरह सुखा कर पीस लें और आपका प्राकृतिक हरा गुलाल तैयार है।

गेहूँ की हरी बालियों को अच्छी तरह पीसकर गुलाल तैयार करें। पालक, धनिया या पुदीने के पत्तों के पेस्ट को पानी में मिलाकर रंग तैयार किया जा सकता है। गुलाबी चुकंदर के टुकड़ों को या चुकंदर को एक लीटर पानी में एक पूरी रात भीगने के लिए छोड़ दीजिए और रंगीन पानी बनाने के लिए इस घोल में पानी मिलाकर होली का लुत्फ़ उठाइए।

चटक केसरिया गुलाल

पारंपरिक तौर पर भारत में यह चटक केसरिया गुलाल टेसू के फूलों से बनता है, जिसे पलाश भी कहा जाता है। टेसू के फूलों को रात भर के लिए पानी में भीगने के लिए छोड़ दीजिए। और सुबह रंग का आनंद उठाइए! कहा जाता है इस पानी में औषधिय गुण होते हैं। चुटकी भर चंदन पाउडर एक लीटर पानी में मिलाने पर केसरिया रंग तैयार हो जाता है।

केसर की पत्तियों को कुछ समय के लिए दो चम्मच पानी में भीगने के लिए छोड़ दें और फिर उन्हें पीस लें। अपने इच्छानुसार गाढ़ा रंग पाने के लिए इसमें धीरे-धीरे पानी मिलाए, ज़्यादा पानी से रंग फीका या हल्का हो जाता है! यह त्वचा के लिए अच्छा तो होता ही है साथ ही साथ बहुत महँगा भी होता है।

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