Vishwa Ki Sabse Badi Jheel Konsi Hai - Sachi Shiksha

संपूर्ण पृथ्वी पर झीलें तो असंख्य हैं लेकिन कुछ झीलें जो अपनी विलक्षण एवं रहस्यमयी प्रवृत्ति के कारण सारे विश्व के आकर्षण का केन्द्र बन गई हैं, इन्हें देखकर ऐसा लगता है कि प्रकृति ने असंख्य रहस्यों एवं आश्चर्यों का संग्रह कर इन झीलों का निर्माण किया है। मानव-मन इन्हें देखकर रोमांचित हो उठता है।

पृथ्वी पर पाई जाने वाली विचित्र एवं रहस्यमयी झीलें मानव को हमेशा से रोमांचित करती रही हैं। अमेरिका में साबुन की असंख्य झीलें हैं। छह एकड़ भूमि में फैली हुई ये झीलें चालीस फुट से भी अधिक गहरी है। दरअसल इन झीलों की तली में क्षार जमा हुआ है। नीचे से तेल निकलकर क्षार के साथ मिलकर साबुन का निर्माण करता है।

वेस्टइंडीज के त्रिनिदाद द्वीप में कोलतार से भरी हुई एक झील है। एक मील लंबी एवं उनतीस फीट गहरी इस झील में ठोस रूप में कोलतार रहता है। कभी-कभी यह तरल हो जाता है एवं इसमें से बुलबुले उठने लगते हैं।

आयरलैंड एक आश्चर्यजनक झील के लिए विख्यात है। इस झील की विशेषता यह है कि इसमें कोई भी वस्तु डालने पर वह पत्थर बन जाती है। जो पूरी तरह पत्थर नहीं बन पाती। उनके चारों ओर पत्थर की एक कठोर तह जम जाती है। वैज्ञानिक इस रहस्य को सुलझाने में असफल सिद्ध हुए हैं।

आस्टेÑलिया में रंग बदलने वाली एक विचित्र झील Natural lakes है। मौसम के अनुसार इसका रंग बदलता रहता है। नवम्बर-दिसम्बर माह में इसका रंग गहरा नीला रहता है। जून में गहरा हरा एवं अगस्त-सितम्बर में दूध की तरह सफेद हो जाता है। यह आश्चर्य की बात है कि रंग परिवर्तन के बावजूद इसका पानी एकदम स्वच्छ रहता है। हवाई द्वीप में एक झील है जो मोना नामक ज्वालामुखी के मुहाने पर बनी है। इस झील में हमेशा आग की लपटें एवं धुंआ निकलता रहता है।

संसार में कुछ झीलें ऐसी भी है जो पूर्णत: खारे पानी से भरी हुई हैं। अफ्रीका की असाल झील समुद्र से दस गुना अधिक खारी है। समुद्र तल से 510 फुट नीचे स्थित इस झील में यदि कोई जानवर गिर जाये तो तुरंत मर जाता है। ‘ग्रेट साल्ट लेक‘ समुद्र से आठ गुना अधिक खारी झील है। इसमें तैरना आसान है। इसमें कोई डूब नहीं सकता। लोग इसमें मजे से तैरने का आनंद लेते हैं। हर वर्ष इसमें तीन मिलियन टन नमक की वृद्धि होती है।

फ्रेंच नाइजीरिया में एक विचित्र झील है। इस झील में सोडा भरा हुआ है। पांच मील लंबी एवं 1312 फीट गहरी यह झील हर वर्ष बड़ी होती जा रही है। इसके निकट तिदिची में एक ज्वालामुखी है जो निरंतर सोडियम कार्बोनेट उगलता रहता है। इसी कारण यह झील सोडे से परिपूर्ण हो गयी है।

आस्ट्रेलिया में विश्व की सबसे बड़ी झील ‘आयर‘ Natural lakes है। इसकी विशेषता यह है कि अधिक वाष्पीकरण के कारण इसका पानी पूरी तरह सूख जाता है। 3600 वर्ग मील में फैली हुई यह झील वर्षा की तेज बौछारों के बाद कुछ समय के लिए जीवन्त हो जाती है।

आयरलैंड की लोघारिया झील के नीचे एक भूमिगत नहर है। इस नहर के कारण कभी-कभी यह पूरी तरह से खाली हो जाती है। तिब्बत के बर्फीले यंगवजैन क्षेत्र में एक गर्म पानी की झील है। 61 मीटर गहरी एवं 7350 वर्गमीटर में फैली इस झील का तापमान 45 से 57 डिग्री सेंटीग्रेड तक रहता है। इतना अधिक तापमान होेने के कारण तिब्बती लोग इसमें चाय गर्म करते हैं।

कोस्टारिका के पास एक ज्वालामुखी पर्वत के मुंह के सामने गर्म पानी की एक झील Natural lakes है। 37 एकड़ भूमि में फैली हुई यह झील 1000 मीटर गहरी है। इसके बीचों-बीच बना हुआ 350 मीटर ऊंचा पानी का स्तम्भ इसे एक आश्चर्यजनक झील की उपमा से अलंकृत करता है।

भारवतर्ष में भी ऐसी असंख्य झीलें हैं जो सारे संसार में अपनी विलक्षणताओं के कारण प्रसिद्ध हैं। इन झीलों में राजस्थान की ‘सांभर झील‘ के नाम से प्रसिद्ध झील आठ माह में दो लाख टन नमक का उत्पादन करती है लेकिन अगले चार माह में इसका खारापन बिल्कुल समाप्त हो जाता है।

वर्षा के दिनों में इसका जल शुद्ध एवं मीठा होता है। अपने स्वाद परिवर्तन की विशेषता के कारण यह सारे संसार में विख्यात है। भारत के महाराष्टÑ में स्थित अमरावती की ‘बेगमघाट झील‘ भी वर्ष भर पानी से भरी रहती है एवं अगले दो वर्ष तक इसमें पानी की एक बूंद भी नहीं दिखाई पड़ती। जल की प्रचुरता एवं जल का एकाएक लुप्त हो जाना इसकी विशेषता है।
सुनील परसाई

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