बच्चों का नेल बाइटिंग करना आम है। अक्सर हम बच्चों को उनकी इस आदत पर टोकते हैं। आइए जानें, बच्चे नाखून क्यों कुतरते हैं। यह भी जरूरी है कि ऐसी स्थिति में बच्चों को कैसे समझाया जाए। नेल बाइटिंग कोई गंभीर समस्या नहीं है। बच्चे अक्सर नाखून काटने की आदत में रहते हैं। हालांकि समय के साथ-साथ यह आदत ज्यादातर केसेस में अपने आप ही छूट जाती है। फिर भी बच्चे नाखून कुतरें, तो इन बातों का ख्याल रखना जरूरी है।
उन्हें पनिश न करें
बच्चा नेल बाइटिंग करे, तो उसे डांटें नहीं। साथ ही पनिश भी न करें। बच्चा अचेतन मन से बाइटिंग करता है। यह नेचुरल हैबिट है, जो समय के साथ चली जाती है।
बातचीत करें
बच्चा आदतन मुंह से अपने नाखून काट रहा हो, तो उसे इस बुरी आदत के बारे में बताएं। यही नहीं, उनसे लगातार बातचीत करें, क्योंकि बच्चे का अंगूठा चूसना, नेल बाइटिंग, नर्वस हैबिट के लक्षण माने जाते हैं। यह ज्यादातर अच्छा नहीं होता है। ऐसे में उसे समझाएं कि यह अच्छी आदत नहीं है। इससे नुक्सान ही होगा।
ध्यान बंटाएं
जब बच्चा नाखून कुतर रहा हो तो उसका ध्यान बंटाएं। यदि वह मेहमानों के सामने नाखून कुतर रहा हो, तो उसे इशारे से पहले उंगली दिखाएं। उंगली के एक्शन से उसे बताने का प्रयास करें कि वह नेल बाइटिंग न करें, ताकि मेहमानों को पता न चल सके।
चिंता को जानें
बच्चा कई कारणों से नाखून चबाता है। नर्वस हैबिट के कारण या पेरेंट्स के झगड़े या दूसरे शहर में ट्रांसफर हो जाना, टीचर या स्कूल का नया होना।
ऐसी स्थिति में बच्चा अकेलापन महसूस करता है और नेल बाइटिंग करने लगता है। उसे अकेलेपन से बचाएं और कारण जानें।
विकल्प सुझाएं
बच्चा ज्यादातर उस स्थिति में नाखून कुतरता है, जब वह खाली बैठा हो। ऐसे समय में उसे स्माइली बॉल दे दें और कहें कि उसे दोनों हाथों से बारी-बारी से प्रेस करें। इस प्रक्रिया में बच्चा एंगेज रहेगा तो वह नाखून नहीं काटेगा।
नाखून साफ करें
लगातार नाखून काटने की समस्या हो तो एमरीबोर्ड पर बच्चे के नाखून घिस दें और नियमित अंतराल में नाखून को नेल कटर से काटते रहें। ऐसा करने से नाखून छोटे रहेंगे और उसे धीरे-धीरे नेल बाइटिंग से छुटकारा मिल जायेगा।
तो है खतरे की निशानी
वैसे तो नेल बाइटिंग बच्चों के लिए साधारण सी बात है, क्योंकि बाल्यावस्था से निकलते ही यह आदत छूट जाती है। लेकिन इसकी अति से नुक्सान हो सकता है।
यदि बच्चे की उंगलियों में खून दिखाई दे रहा या उंगली छिली हुई हो तो यह परेशानी का कारण है। नाखून के मैल के माध्यम से गंदगी भी अंदर जाती है। ऐसी स्थिति में तुरंत स्पेशलिस्ट को दिखाएं। -डॉ. राजकुमार
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