Now Fastag is mandatory for all vehicles - Sachi Shiksha

अब फास्टैग अनिवार्य
देश के किसी भी नेशनल हाईवे के टोल प्लाजा को क्रॉस करते समय आपको अपने वाहन का टोल अब कैश में नहीं चुकाना पड़ेगा। क्योंकि केंद्र सरकार ने गत 15 फरवरी से सभी चार पहिया गाड़ियों को टोल चुकाने के लिए फास्टैग लगवाना जरूरी कर दिया है। फास्टैग न लगवाने वाले वाहन चालकों पर इसकी दोहरी मार पड़ेगी, क्योंकि कैश काउंटर खत्म होने के चलते जिस वाहन पर फास्टैग नहीं होगा उस वाहन को टोल क्रॉस करने के लिए टोल पर्ची की दोगुणी राशि चुकानी होगी। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने 2019 में फास्टैग से टोल लेने की शुरूआत की थी।

जनवरी 2021 तक देशभर में 2.49 करोड़ से ज्यादा फास्टैग यूजर थे। देश के कुल टोल कलेक्शन में फास्टैग की 80% हिस्सेदारी है। जनवरी में फास्टैग के जरिए रोजाना करीब 77 करोड़ रुपए के टोल टैक्स की वसूली हुई। एक स्टडी के मुताबिक टोल प्लाजा पर 100% टोल कलेक्शन फास्टैग से हो तो सालाना करीब 12 हजार करोड़ रुपए की बचत होगी। नोएडा की स्टार्टअप बुल्सआई टेक्नोलॉजी ने 2019 में ये स्टडी की थी। इसमें कहा गया है कि 35% पैसा तो सिर्फ पेट्रोल-डीजल की बचत का है, जो टोल प्लाजा पर इंतजार के दौरान चलने वाली गाड़ियों से खर्च होता है।

बाकी 55% इसकी वजह से होने वाले समय की बचत से बचेगा। इसके अलावा टोल प्लाजा पर इंतजार के दौरान होने वाले कार्बन उत्सर्जन की वजह से जो खर्च होता है, उससे भी करीब 10% पैसे की बचत होगी। आइये जानते हैं कि फास्टैग क्या है, कैसे काम करेगा, आप इसे कैसे लगवा सकते हैं?

फास्टैग क्या है?

फास्टैग एक इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन सिस्टम है। जो एक स्टीकर के रूप में होता है। ये आपको अपनी कार या गाड़ी की विंडशील्ड पर लगाना होगा। ये फास्टैग रेडियो-फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन टेक्नोलॉजी से काम करता है। हर फास्टैग सम्बंधित गाड़ी के रजिस्ट्रेशन डिटेल के साथ जुड़ा होता है। इसे लगवाने के बाद आपको टोल प्लाजा पर रुककर टोल फीस के पैसे कैश के रूप में नहीं देने होंगे।

कैसे काम करता है फास्टैग?

जब आप टोल प्लाजा से गुजरेंगे तो टोल प्लाजा पर लगा फास्टैग रीडर आपके फास्टैग के बारकोड को रीड करेगा। इसके बाद टोल फीस आपके बैंक अकाउंट से कट जाएगी। इसके चालू होने के बाद टोल प्लाजा पर गाड़ियों की लंबी-लंबी लाइनें नहीं लगेंगी। ये फास्टैग अभी दो पहिया वाहनों के लिए नहीं है। आरएफआईडी को नेशनल पेमेंट्स कोआॅपरेशन आॅफ इंडिया ने बनाया है।

फास्टैग कहां से खरीद सकते हैं?

देश के किसी भी टोल प्लाजा से आप फास्टैग खरीद सकते हैं। इसके अलावा एक्सिस बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, एचडीएफसी बैंक, एसबीआई, कोटक बैंक की ब्रांच से भी आप इसे खरीद सकते हैं। पेटीएम, अमेजन, गूगल-पे जैसे आॅनलाइन प्लेटफॉर्म से भी आप इसे खरीद सकते हैं। इनमें से ज्यादातर डिस्काउंट समेत अलग-अलग तरह से आॅफर भी दे रहे हैं। फास्टैग खरीदते समय आपके पास आईडी प्रूफ और गाड़ी का रजिस्ट्रेशन डॉक्यूमेंट होना जरूरी है।

माई फास्टैग ऐप से जान सकते हैं अपने फास्टैग का स्टेटस

सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने लोकसभा में यह जानकारी देते हुए बताया था कि कई लोगों के फास्टैग की वैलिडिटी खत्म हो जाने के कारण फास्टैग लेन में गाड़ियों की लाइन लग जाती है। कभी-कभी बिना फास्टैग वाली गाड़ियों के फास्टैग लेन में आ जाने से भी गाड़ियों की लाइन लग जाती है। अगर आपकी गाड़ी में फास्टैग लगा है, तो आप उससे जुड़ी हर जानकारी माई फास्टैग नाम के यूपीआई ऐप पर देख सकते हैं।

इसे नेशनल हाईवे मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड ने तैयार किया है। ये ऐप आपकी गाड़ी के फास्टैग का स्टेटस भी बताता है। इसके साथ ही आप अपने फास्टैग अकाउंट को इस ऐप से लिंक करके पेमेंट भी कर सकते हैं। आप चाहें तो अपने बैंक अकाउंट को इस ऐप से लिंक कर सकते हैं। इससे जब भी आप किसी टोल प्लाजा से गुजरेंगे तो टोल टैक्स आपके अकाउंट से कट जाएगा।

फास्टैग कितने का मिलेगा और कितने समय के लिए वैलिड होगा?

फास्टैग की कीमत दो चीजों से तय होती है। पहला आपकी गाड़ी कौन सी है और दूसरा आप इसे कहां से खरीद रहे हैं। बैंकों के आॅफर के हिसाब से भी इसकी कीमत में कुछ अंतर मिलेगा। आप जिस बैंक से फास्टैग लेते हैं, वो इश्यू फी और सिक्योरिटी डिपॉजिट के रूप में कितना पैसा चार्ज करता है, उससे भी इसकी कीमत में अंतर आता है। हालांकि अधिकारियों का कहना है कि इसकी वन टाइम फीस 200 रुपए है।

रि-ईश्यू करने की फीस 100 रुपए और रिफंडेबल सिक्योरिटी डिपॉजिट 200 रुपए है। एक बार खरीदा गया फास्टैग स्टिकर पांच साल के लिए वैलिड होगा। एसबीआई जैसे बैंक अनलिमिटेड वैलिडिटी का फास्टैग आॅफर कर रहे हैं। जैसे- अगर आप पेटीएम से कार के लिए फास्टैग खरीदते हैं तो आपको इसके लिए 500 रुपए खर्च करने होंगे।

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