Secret tips for married couples to be happy forever in hindi - Sachi Shiksha

रिश्तों को और बेहतर बनाना मुश्किल काम नहीं। बस कुछ छोटी-छोटी बातों का ख्याल रखना होगा और इसकी शुरूआत आपको रिश्ते में बंधने के पहले दिन से ही करनी होगी। इस दुनिया में कोई भी परफेक्ट नहीं होता। इसलिए अपने पार्टनर से भी परफेक्शन की उम्मीद न करें।

ध्यान रखें कि दूसरों को उनकी कमियों के साथ स्वीकारना ही सच्चा प्यार है। ये सच है कि शादी के बाद भी आपकी अपनी जिंदगी होती है, कुछ फैसले आपके अपने होते हैं, फिर भी ऐसे फैसले, जिसका असर दोनों पर पड़ता हो, उसे अकेले न लें, जैसे नौकरी बदलना, लोन लेना या किसी बड़ी चीज की खरीदारी-इन फैसले में अपने पार्टनर को भी शामिल करें।

शादी होते ही एक-दूसरे को बदलने की मुहिम न छेड़ दें। ये विचार दिमाग से निकाल दें कि अब पार्टनर को आपके अनुसार चलना होगा। इससे मन-मुटाव हो सकता है। एक-दूसरे को कमियों-खूबियों के साथ स्वीकार करें। अगर पार्टनर में आप कुछ बदलाव चाहती भी हैं, जो उनके हित में हो, तो इसकी शुरूआत आलोचना से न करें। इसे बड़े केयरफुली हैंडल करें। उन्हें प्यार से समझाएं। साथ ही एक ही वक्त में बदलाव की उम्मीद भी न करें।

छोटी-छोटी खुशियां बांटना भी सीखें। चाहे कहीं बाहर जाकर परिवार के साथ खाना वगैहरा खाना। ढलते सूरज को देखना-इसमें भी एक खास खुशी छिपी होती है। इसे एन्जॉय करें। किसी बड़ी खुशी के इंतजार में न बैठे रहें। छोटी-छोटी खुशियां बांटना भी सीखें। जिंदगी की हर छोटी-बड़ी खुशियों का लुत्फ उठाएं। रिश्ते में कभी कम्युनिकेशन गैप न आने दें। रिश्तों में खामोशी प्यार की सबसे बड़ी दुश्मन होती है। इसलिए हर हाल में कम्युनिकेशन बनाए रखें। अपने पार्टनर से अपने मन की बात, अपनी भावनाएं शेयर करें। उनकी कोई बात अच्छी लगने पर उनकी तारीफ करें। उन्हें कॉम्प्लीमेंट देना न भूलें।

समय की कमी का रोना न रोएं। यदि आपको लगता है कि आपके बिजी शेड्यूल की वजह से रिश्ते प्रभावित हो रहे हैं तो तुरंत कोई सोल्यूशन निकालें और रिश्ते को समय देने की कोशिश करें। हर समय मोबाइल, टीवी, लैपटॉप या सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर ही व्यस्त न रहें, न आॅफिस और दोस्तों के चक्कर में परिवार को अनदेखा करें। हर हाल में बैलेंस बनाए रखें। जीवन में उतार-चढाव तो आते ही रहते हैं।

फाइनेंशियल या फैमिली प्रॉब्लम भी आ सकती है, लेकिन इसके लिए पार्टनर को दोष देने की बजाय उसका समाधान निकालने की कोशिश करें। मन में किसी प्रकार का फ्रस्ट्रेशन न आने दें। बल्कि हंसी-खुशी रहने की कोशिश करेंगे तो आपको पता भी नहीं चलेगा कि प्रॉब्लम कैसे चुटकियों में दूर हो गई।

जिन मुद्दों पर आपके विचार नहीं मिलते, उन पर अनावश्यक बहस करने या अपनी बात मनवाने की जिद्द करने से बचें। इससे रिश्ते में बेवजह स्ट्रेस बढ़ता है। इस बात का ध्यान रखें कि आप जो भी समय साथ बिता रहे हैं वो क्वांटिटी टाइम न हो, बल्कि क्वालिटी टाइम हो। आप एक-दूसरे से अपने एहसास, अपने आइडियाज, विचार शेयर करें, लेकिन इस बात का ध्यान रखें कि शेयरिंग के नाम पर केवल शिकायतें ही करने न बैठ जाएं। इससे रिश्ते में कड़वाहट और खीझ बढ़ती है।

अपने रिश्ते का, स्वयं का मूल्यांकन करें। यह जानने की कोशिश करें कि आपके व्यवहार में कौन-सी ऐसी बातें हैं जो आपके लाइफ पार्टनर को पसंद नहीं हैं। खुद से ये वादा करें कि ऐसा कुछ भी नहीं करेंगे, जिससे आपके साथी की भावनाओं को ठेस पहुंचे। रिश्तों के बीच अहंकार बिल्कुल भी न आने दें। इससे रिश्तों में दूरियां आएंगी। जिम्मेदारियां लेने से घबराएं नहीं और उन्हें पूरी ईमानदारी के साथ निभाएं।

बेहतर होगा कि घर-परिवार को लेकर अपनी जिम्मेदारियां बांट लें। यदि एक ही पार्टनर पर ज्यादा जिम्मेदारियां होंगी तो फ्रस्ट्रेशन बढ़ेगा और ये फ्रस्ट्रेशन रिश्ते में भी नजर आएगा। चाहे बच्चों की पढाई हो या छोटे-मोटे काम, आपका रवैया सहयोगात्मक होना चाहिए, खासकर वर्किंग कपल्स के लिए तो ये बेहद जरूरी है। इससे सामंजस्य बढ़ता है और आपसी रिश्ता मजबूत होता है।

पति-पत्नी के बीच शिष्टाचार जरूरी है। इसलिए बातचीत में हमेशा शिष्टाचार बनाए रखें। प्रत्येक पति-पत्नी में छोटे-मोटे झगड़े और मतभेद तो होते ही हैं, लेकिन इतना भी आपा न खो दें कि आपके मुंह से बुरे शब्द निकल जाएं। एक-दूसरे से वादा करें कि कोई भी झगड़ा अगले दिन की सुबह नहीं देखेगा। झगड़ों को बिस्तर पर जाने से पहले ही निपटा लें। हर बार साथी से ही झुकने की अपेक्षा न करें। एक बार आप भी झुककर देखें। मिनटों में सारे झगड़े और गुस्सा गायब हो जाएगा। लड़ाई-झगड़े को अधिकार जमाने के अधिकार के तौर पर इस्तेमाल न करें।

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