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जब चलने लगे बच्चा घुटनों के बल

बच्चे के जन्म के बाद माता-पिता बच्चों की हर अदा पर फिदा होते हैं और एक-एक कदम उनको खुशी प्रदान करता है। जब बच्चा पहली बार हंसना, हाथ-पांव चलाना, रिस्पांस देना, पहचानना, बैठना, पासा पलटना शुरू करता है तो पहली बार बने माता-पिता की खुशी का ठिकाना नहीं रहता और जब बैठने के बाद घुटनों के बल चलना शुरू करता है तब माता-पिता सपने देखने लगते हैं कि कब वो नन्हे पैरों से डगमगाता हुआ, झूमता हुआ चलेगा।

अक्सर बच्चे 8 माह से 10 माह तक घुटनों के सहारे चलना शुरू कर देते हैं पर कभी-कभी कुछ बच्चे बैठने के बाद सीधा चलना शुरू कर देते हैं। ऐसे में घबराना नहीं चाहिए। बस बच्चों के डॉक्टर से सलाह अवश्य ले लें। घुटनों के बल भी बच्चे अलग अलग तरह से चलते हैं। कुछ पंजों के बल पर, कुछ घुटनों और हथेलियों के बल पर, कुछ एक ही घुटने के बल, कुछ पीछे की ओर, कुछ तिरछे और कुछ आगे बढ़ते हुए चलते हैं। ऐसे में चिंताग्रस्त नहीं होना चाहिए।

जब बच्चा खिसकना या घुटनों के बल चलना शुरू करता है तो ऐसे में मां की जिम्मेदारी थोड़ी अधिक बढ़ जाती है कि बच्चा स्वयं को कोई नुकसान न पहुंचा पाये।

ध्यान दें कुछ जरूरी बातों पर।

  • बच्चों को घुटनों से ऊपर वाले वस्त्र पहनाएं। घुटनों से नीचे के वस्त्रों में फंस कर बच्चा गिर सकता है। ऐसे में उसे कम घेरे वाले झबले, टी शर्टस और पैन्टीज पहनाएं। सर्दियों में कम मोरी वाली पजामी पहनाएं।
  • बच्चों को न अधिक ढीले, न अधिक चुस्त वस्त्र पहनायें।
  • प्लग प्वाइंटों पर स्टॉपर या बिजली का टेप लगाएं ताकि बच्चा उसमें उंगली न डाल सके।
  • बच्चों को कभी कमरे में अकेला न छोड़ें।
  • बच्चों से आसानी से टूटने वाले सामान को दूर रखें। नुकीले, चोट पहुंचाने वाले सामान को भी दूर रखें ताकि वे घिसटते हुए उस पर गिर न जाए।
  • सेन्ट्रल टेबल पर कुछ भी ऐसा न रखें कि वे उसके सहारे खड़े होकर कुछ गिरा दें या फिर किसी गर्म खाद्य पदार्थ में हाथ डालें। सेन्ट्रल टेबल, साइड टेबल पर टेबल क्लॉथ न बिछाएं नहीं तो बच्चा उसके सहारे खड़े होने का प्रयास करेगा और जो कुछ भी उस पर रखा होगा, वो उस पर गिर सकता है। साइड टेबल्स पर लैंप शेड्स, डेकोरेशन पीसेस न रखें।
  • कैंची, बटन आदि भी बच्चों की पहुंच से दूर रखें।
  • घुटनों के बल पर चलने वाले बच्चे अपने हाथ, घुटने और वस्त्र जल्दी गंदे कर देते हैं। ऐसे में उनके घुटने व हाथ दिन में कम से कम चार-पांच बार अच्छी तरह धोकर साफ करें। हाथ तो हर थोड़ी देर बाद धुलवायें ताकि बच्चा मुंह में गंदी उंगली न डाल सके।
  • फर्श पर कुछ भी खाने का सामान न गिरने दें नहीं तो बच्चे जमीन से उठा कर एकदम मुंह में डाल लेंगे।
  • मुख्य प्रवेश द्वार पर हमेशा चिटखनी लगाकर रखें ताकि बच्चा घिसटते हुए बाहर न निकल जाए। ऐसे में आप यदि ऊपर के मकान में रहते हों तो बच्चा सीढ़ियों से गिर भी सकता है।
  • खिड़कियों पर ग्रिल अवश्य लगवायें ताकि बच्चे के गिरने का खतरा न बने। खिड़की के पास बच्चे को कभी अकेला न छोड़ें।
  • बच्चों को नरम और हलके खिलौने दें ताकि बच्चा स्वयं को नुकसान न पहुंचा सके।
  • रात्रि में सोने से पूर्व बच्चे को कुनकुने पानी से नहला दें।
  • थोड़ी सी अतिरिक्त देखभाल कर घुटने के बल चलने वाले बच्चे को आप पूरी तरह सुरक्षित रख सकते हैं।

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