नौसेना की ताकत बना पहला स्वदेशी युद्धपोतआईएनएस विक्रांत
नौसेना की ताकत बना पहला स्वदेशी युद्धपोतआईएनएस विक्रांत
भारत का पहला स्वदेशी विमानवाहक पोत (आईएनएस) विक्रांत अब भारतीय नौसेना का हिस्सा बन गया है। 45 हजार टन वजन वाले इस युद्धपोत को 20 हजार करोड़...
रोम-रोम पुलकित करती सावन की बारिश
रोम-रोम पुलकित करती सावन की बारिश
सावन की मौज-मस्ती हर किसी को मतवाला बना देती है। सावन की ठंडी ब्यार तन-मन को शीतलता से भर जाती है। रोम-रोम में ताजगी का उफान उठने लगता है।
कुदरत...
10 वर्षीय पर्लमीत इन्सां ने बनाया एक और एशिया बुक और इंडिया बुक आॅफ...
10 वर्षीय पर्लमीत इन्सां ने बनाया एक और एशिया बुक और इंडिया बुक आॅफ रिकॉर्ड
उपलब्धि: अद्भुत बुद्धि कौशल से चुटकियों में बताए तीन शताब्दियों की अलग-अलग तारीख के दिन
दो वर्ष पूर्व बनाया...
3 कृषि कानूनों के खिलाफ सड़क परअन्नदाता Farm Bills
देश की राजधानी दिल्ली की सीमावर्ती क्षेत्रों में किसानों के शुरू हुए पडाव पर दुनियाभर की निगाहें टिकी हुई हैं। इस किसान आंदोलन की शुरूआत केंद्र सरकार द्वारा पारित तीन कृषि अध्यादेशों से जुड़ी...
कर्मफल का विधान
कर्मफल का विधान
कर्मफल का विधान क्या है? वह किस प्रकार निर्धारित किया जाता है? यह एक अनसुलझा रहस्य है। इस अबूझ पहेली को हमारे ऋषि-मुनि हल करने का सदा ही प्रयास करते रहे। ग्रन्थों...
फलों की रानी लीची
फलों की रानी लीची
‘आम’ को ‘फलों का राजा’ कहा जाता है, तो ‘लीची’ को ‘फलों की रानी’ माना गया है। लीची, ऐसा फल है, जिसका नाम सुनते ही मुंह में पानी आ जाता है।...
Save Human Life: दुर्गम पहाड़ों पर इंसानी जीवन को बचाने की जद्दोजहद
Save Human Life कुछ विरले शख्स ऐसे होते हैं जो खुद की सुरक्षा के बजाय दूसरों की सुरक्षा को ज्यादा अहमिसत देते हैं। अमरनाथ, चारधाम जैसी दुर्गम यात्राओं के दौरान तीर्थयात्रियों के समक्ष सबसे...
सौंदर्य प्रसाधनों में उबटन का महत्व घर पर ही बनाएं उबटन
सौंदर्य प्रसाधनों में उबटन का महत्व घर पर ही बनाएं उबटन
नारी अपने सौंदर्य के प्रति प्राचीन काल से ही सजग रही है। प्राचीन काल में सौंदर्य प्रसाधनों में उबटनों का बड़ा ही महत्त्व था,...
पैर कटे, पर जीवन को फिर पटरी पर ले आए अमर सिंह
जिंदगी में हमारी अगर दुश्वारियां ना होती तो लोगों को हमपे यूं हैरानियां ना होती। यह बात उस इंसान पर सटीक बैठती है, जिसने एक ट्रेन हादसे में अपने दोनों पैर गंवा दिये। इतनी अधिक शारीरिक अक्षमता के बाद भी उसने जीवन को नये सिरे से शुरू किया। आज वह बिना पांव के न केवल शरीर का बेहतर बैलेंस बनाकर रखता है,
पहिए का आविष्कार
पहिए का आविष्कार
पहिया का आविष्कार आज से लगभग 5000 साल पहले यानी महाभारत काल युग में भारत में ही हुआ था। उस समय पहिए का उपयोग रथों में किया जाता था। कहा जाता है...