‘दूसरी मां’ होती है ‘बेटी’
एक गर्भवती स्त्री ने अपने पति से कहा, ‘‘आप क्या आशा करते हैं, लड़का होगा या लड़की?’’
इससे कोई फर्क नहीं पड़ेगा कि वो कहां है, क्योंकि बेटियाँ परी होती हैं, जो सदा बिना शर्त के प्यार और देखभाल के लिए जन्म लेती हैं। बेटियां सबके मुकद्दर में कहाँ होती हैं, जो घर ईश्वर को पसंद हो, वहां ही बेटी होती है।
Home Decorations: सर्दी में डेकोरेशन से घर बनाएं और भी बेहतर
इस मौसम में चलती सर्द हवाओं में जहां बाहर निकलते ही शरीर में कंपकंपी की एक लहर दौड़ जाती है, वहीं घर के अंदर बैठकर सुकून मिलता है। आपका आशियाना भी ठंड के मौसम में गर्म रहे इसके लिए आपको अपने घर की सजावट में थोड़ा बदलाव लाना होगा ताकि घर सर्दी से सुरक्षित भी रहे और देखने में भी सुंदर नजर आए।
Heat House: कम खर्च में कर सकते हैं अपने घर को गर्म
कड़कदार सर्दी से बचने के लिए आप अपने घर को गर्म रखने के चक्कर में इस समय हजारों रुपए के रूम हीटर खरीदने की सोच रहे होंगे। इस पर तो आप हजारों रुपया खर्च होगा ही, साथ ही आपको मोटा बिल भी भरना पड़ेगा, लेकिन थोड़ी सी समझदारी बरत कर आप बिना कुछ खर्चे अपने घर को गर्म कर सकते हैं।
Relationship: हंसते-मुस्कुराते निभाएं अपने रिश्ते
हमारे जीवन में हंसने-मुस्कुराने की क्या अहमियत है, इस बात से हम भली-भांति परिचित हैं। सोचिए, रिश्तों में भी यह बात शामिल हो, तो ये कितने खुशहाल बन जाएंगे। माहौल को सदा हल्का-फुल्का बनाये रखें। हालाँकि छोटी-मोटी नोक-झौंक से थोड़ी बहुत खट्टी-मीठी टकराहट भी कभी-कभी रिश्तों को मजबूती देने के लिए जरूरी है।
Mother in-law Relationship: गरिमा बनाए रखें सास के रिश्ते की
जब मां बेटे की शादी करती है तो वह खुशी से फूली नहीं समाती परन्तु कुछ समय बाद यह खुशी मुरझाने लगती है।
Guest: मेहमान कहीं आपकी परेशानी का कारण तो नहीं बन रहा
मेहमान को भगवान का रूप माना जाता है और उसके स्वागत सत्कार में कोई कमी नहीं रहनी चाहिए। यह बात कहने और सुनने में तो अच्छी लगती है पर क्या आज अतिथि वाकई भगवान का रूप हैं? शायद नहीं। आज अतिथि की सोच बदल गई है।
Kids about Friends: बच्चों को दोस्तों के प्रति आगाह रखें
किशोरावस्था जीवन का महत्वपूर्ण पड़ाव है। Kids about Friends इस उम्र में बच्चों में बहुत बदलाव आते हैं। बच्चों को इस उम्र में समझ पाना जितना जटिल काम है उतना कभी नहीं। बच्चों के...
School Children Mobile: स्कूली बच्चे हो गये मोबाइल के आदी
वह समय भी था कि मोबाइल तो कोई जानता नहीं था। फोन भी इक्का दुक्का घरों में होते थे। जरूरी बात करनी होती थी तो वहीं जा कर की जाती थी। आज हर व्यक्ति...
घर पर ही बनाएं कुछ स्वादिष्ट और हैल्दी | Make something delicious and healthy...
हम लोग बहुत से ऐसे खाद्य पदार्थ बाजार से खरीदते हैं, जो रूटीन में यूज होते हैं। बाजार से मिलने वाले डिब्बा बंद खाद्य पदार्थ एक तरफ जहां अधिक महंगे होते हैं, वहीं स्वास्थ्य की दृष्टि से भी सही नहीं होते।
खास मुश्किल नहीं है अच्छा पड़ोसी बनना | good neighbor
आमतौर पर यह माना जाता है कि अच्छे पड़ोसी पाना भाग्य की बात है। आज के भौतिकवादी युग में ऐसे बहुत कम लोग हैं जो अपने पड़ोसियों से नि:स्वार्थ भाव से मेल मिलाप रखना अपना फर्ज समझते हैं। महानगरों से लेकर गावों तक लोगों में आत्मकेंद्रित व एकाकी रहने की प्रवृत्ति बढ़ चली है।