Married Life: दांपत्य जीवन में कड़वाहट न आने दें
दांपत्य एक ऐसा रिश्ता है जो मीठे-कड़वे अनुभवों से भरा हुआ है। इस रिश्ते में सब कुछ मीठा भी सामान्य सा नहीं लगता, न...
सुखी जीवन के लिए क्रियाशील बनें
सुखी जीवन के लिए क्रियाशील बनें Be active for a happy life
जो लोग किसी न किसी काम में अपने शरीर और मन को लगा...
Food Serve: जितनी इच्छा थाली में उतना ही परोसें भोजन
अगर आप किसी भी भोज में देखें तो ऐसे बहुत से लोग मिल जायेंगें, जो परोस तो ज्यादा लेते हैं लेकिन खा नहीं पाते और जूठा छोड़ देते हैं। आप कहीं भी जाएं, हमेशा ध्यान रखें कि जो खाद्य पदार्थ आपको पसंद है, वो ही
परोसें और सिर्फ उतना ही लें, जितना आप खा सकते हैं। वहीं अगर यह प्रोग्राम आपके द्वारा या आपके घर पर आयोजित किया जा रहा है, तो विशेष ध्यान रखें कि खाने की जगह पर एक बैनर लगाकर भी लोगों को जूठन न
छोड़ने के लिए जागरूक कर सकते हैं।
Sukanya samriddhi yojana सुकन्या समृद्धि योजना
बेटी के भविष्य को सफल बनाएं 10 साल से कम उम्र की बच्ची के लिए उच्च शिक्षा और शादी के लिए बचत करने के लिहाज से केंद्र सरकार की सुकन्या समृद्धि योजना एक अच्छी निवेश योजना है। निवेश के इस विकल्प में पैसे लगाने से आपको इनकम टैक्स बचाने में भी मदद मिलती है। जो लोग शेयर बाजार के जोखिम से दूर रहना चाहते हों और फिक्स्ड डिपॉजिट (एफडी) में गिरते ब्याज दर से परेशान हों, सुकन्या समृद्धि योजना उनके लिए बेहतरीन कदम साबित हो सकती है।
ताकि दांत रहें आजीवन स्वस्थ
ताकि दांत रहें आजीवन स्वस्थ So that teeth remain healthy for a lifetime
स्वस्थ दांतों के लिए प्रतिदिन सुबह व रात को खाने के बाद...
नौकरीपेशा महिलाएं बनें शक्तिशाली
नौकरीपेशा महिलाएं बनें शक्तिशाली
कुछ नौकरीपेशा महिलाएं अत्यंत घमंडी किस्म की होती हैं। वे अपने समक्ष किसी को कुछ समझती ही नहीं। घर व आॅफिस,...
बेटियांजो बनींसमाज का गौरव
बेटियांजो बनींसमाज का गौरव Daughters who became the pride of society
किसी ने शायद ठीक ही कहा है कि बेटे यदि भाग्य से मिलते हैं...
ऐसा हो आपके सपनों का घर
ऐसा हो आपके सपनों का घर This should be your dream home घर से सुन्दर, सुरक्षित व आरामदेह जगह आपको पूरे विश्व में भी...
हैल्दी मैरिड लाइफ के सीक्रेट्स
आज की फास्ट लाइफ का प्रभाव जिंदगी और रिश्तों पर कुछ ऐसा पड़ा है कि पूरा माहौल ही बदल गया है। लोगों की सोच बदल गई है। सिंसियरिटी भी अब कम ही देखने को मिलती है। सब को अपनी ही पड़ी रहती है। ऐसे में क्या आश्चर्य कि शादी जैसा अहम रिश्ता भी अब स्वार्थ के आगे उतना अहम नहीं रह गया।
‘दूसरी मां’ होती है ‘बेटी’
एक गर्भवती स्त्री ने अपने पति से कहा, ‘‘आप क्या आशा करते हैं, लड़का होगा या लड़की?’’
इससे कोई फर्क नहीं पड़ेगा कि वो कहां है, क्योंकि बेटियाँ परी होती हैं, जो सदा बिना शर्त के प्यार और देखभाल के लिए जन्म लेती हैं। बेटियां सबके मुकद्दर में कहाँ होती हैं, जो घर ईश्वर को पसंद हो, वहां ही बेटी होती है।