Buy Hallmark Gold अब सिर्फ हॉलमार्क सोने की खरीददारी
भारत में अब सोने के आभूषण की खरीददारी को लेकर अप्रैल से नए नियम लागू हो गए हैं। वैसे भारत सरकार ने जून 2021 में ही नकली सोने की बिक्री और आभूषणों की चोरी रोकने के लिए हॉलमार्किंग को अनिवार्य कर दिया था। लेकिन अप्रैल 2023 से इस योजना को पूरी तरह से अमलीजामा पहनाया गया है।
अब कोई भी सुनार बिना हॉलमार्क से आभूषण या सोना नहीं बेच पाएगा। सरकार ने हॉलमार्किंग को लेकर कंफ्यूजन दूर करने के लिए हॉलमार्क नंबर 4 की बजाय 6 अंकों का कर दिया है। एक अप्रैल से सिर्फ छह अंकों वाले अल्फान्यूमेरिक हॉलमार्किंग ही मान्य होंगे।
नया हॉलमार्क नंबर सभी सोने, सोने से बने ज्वेलरी, बिस्किट और सिक्कों के लिए जारी होंगे। हालांकि, ज्वैलर्स उपभोक्ताओं से बिना हॉलमार्क के पुराने सोने के आभूषण, बिस्किट और सिक्के वापस खरीदना जारी रख सकते हैं। वहीं ग्राहकों के पास पुरानी योजनाओं वाले हॉलमार्क आभूषण मान्य रहेंगे। लोग अपनी पुरानी ज्वैलरी को बेच सकते हैं। वहीं यदि आप हॉलमार्क वाले पुराने सोने को बेचने जाएंगे तो ज्वैलर्स इसे बिना कटौती के उस वक्त की कीमत पर खरीदेगा।
Also Read :-
- निखारें अपना सांवला सलोना सौंदर्य
- डिजीटल गोल्ड में करें निवेश, एक रुपये में खरीदें सोना
- ऐसे होेते हैं सोलह शृंगार
- चांदी के सिक्के खरीदने के पहले
- नथ के बिना अधूरा है नारी शृंगार
Table of Contents
हॉलमार्क का नया नियम फिलहाल सिर्फ सोना के लिए ही है।
सोने की शुद्धता तय करेगा बीआईएस
जो सोना आप खरीद रहे हैं, वह शुद्ध है या नहीं है। इसकी जांच भारतीय मानक ब्यूरो यानी बीआईएस करती है। यह संस्था सोना, चांदी और दूसरी कीमती धातुओं से बनी ज्वेलरी या कलाकृतियों की जांच करती है। अगर धातु शुद्ध है तो इसे एक टैग दिया जाता है। इस पूरी प्रक्रिया को ही हॉलमार्क कहा जाता है। अब बिना हॉलमार्क लगाए सुनार सोने की बनी कोई चीज नहीं बेच पाएंगे। हॉलमार्किंग लागू करने का उद्देश्य बाजार में नकली सोने पर लगाम लगाना है। भारत दुनिया में सोने का दूसरा सबसे बड़ा उपभोक्ता है। पहले नंबर पर चीन है।
हर ज्वैलरी पर होगी यूनिक आईडी
हॉलमार्क लगे सोने की पहचान करना काफी आसान होगा। आधार कार्ड की भांति सोने पर 6 अंकों का हॉलमार्क कोड होगा। इसे हॉलमार्क यूनीक आइडेंटिफिकेशन नंबर यानी एचयूआईडी कहते हैं। देशभर में सोने पर ट्रेड मार्क देने के लिए 940 सेंटर बनाए गए हैं।
हॉलमार्क कोड बनाएगा सोने की प्योरिटी
- हर ज्वैलरी पर भारतीय मानक ब्यूरो का ट्रेडमार्क यानी लोगो होगा।
- हर ज्वैलरी की कैरेट या फाइनेंस में प्योरिटी होगी।
- उदाहरण के तौर पर सोने पर 22के94.6 अंकित है तो इसका अर्थ हुआ कि सोना 22 कैरेट है और उसमें 94.6 प्रतिशत शुद्धता है।
सजा का प्रावधान:
नियम तोड़ा तो ज्वैलरी की कीमत से 5 गुणा चुकाना होगा जुर्माना।
सोने की शुद्धता तय करने के लिए बनाए गए नए नियम को तोड़ने वाले ज्वैलर्स को ज्वेलरी की कीमत से पांच गुना ज्यादा जुर्माना भरना होगा। वहीं एक साल की कैद भी हो सकती है या दोनों हो सकते हैं।
कोई भी सोने का मैनुफैक्चरर, होलसेलर और रिटेलर जो सोना या सोने की ज्वैलरी को खरीदते-बेचते हैं, उनको भारतीय मानक ब्यूरो में रजिस्ट्रेशन करवाना होगा।