Sohne Satguru came home to me... -Editorial -sachi shiksha hindi

सोहणे सतगुर आए घर मेरे… -सम्पादकीय

पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां ( पूज्य गुरु संत डॉ. एम एस जी ) मुबारक 15 अगस्त को अवतार धार इस धरा पर आए जो समूह साध संगत के लिए बहुत खुशी का दिन है। इस पावन अवतार दिवस को देश-विदेश में रहने वाले अनुयायी अपने-अपने अंदाज में उत्सव की तरह मनाते हैं। अपने सोहणे मुर्शिदे कामिल के परोपकारों का गुणगाण करते हैं।

धन अगस्त महीना और धन इस महीने की पावन 15 तारीख जिसने सोहणे सतगुर वाली दो जहान से मेल करवाया। ऐसा सतगुर जिसका कोई सानी नहीं है। ऐसा प्यारा मुर्शिद जो अनन्त ईलाही खुशियों, बरकतों को लेकर आया और आज करोड़ों लोग इन बरकतों से सराबोर हो रहे हैं।

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समूचा जगत, पूरी प्रकृति, खलकत इन रूहानी रहमतों से लबालब हो रही है। पूज्य गुरु जी अपने अथाह रूहानी पराक्रम, अनथक मेहनत सदका पूरी दुनिया के लिए प्रयासरत हैं और मानवता के लिए बेजोड़ स्तम्भ स्थापित किए हैं। जिस पर हर किसी को गर्व है। पूज्य गुरु जी ने मानवता के क्षेत्र में ऐसे मील के पत्थर साबित किए हैं जिसके लिए देश-दुनिया के लोग भी आभार व्यक्त करते नहीं थकते। पूज्य गुरु जी ने अपने बल से जो कर दिखाया है आज बच्चा-बच्चा भलीभांति जानकार है।

पूज्य गुरु जी के अनथक प्रयासों का ही महत्व है कि डेरा सच्चा सौदा आज किसी नाम का मोहताज नहीं है। हर घर में डेरा सच्चा सौदा का नाम गूंज रहा है। पूज्य गुुरु जी मानवता पर जो प्यार बेशुमार लूटा रहे हैं, समाज सुधार के लिए जो प्रयास कर रहे हैं उन्हें अपने शब्दों में ब्यां करना आसान नहीं है। विशेषकर वो रूहानी नजारे जो चाह कर भी नहीं बताए जा सकते। और अगर बताने वाले उन नजारों को बताने लग जाएं, लिखने लग जाएं तो इसका कोई अंत नहीं हो सकता। ऐसी रहमतों को, नजारों को ब्यान करते-करते पूरी उम्र गुजर जाएगी लेकिन उनका वर्णन असीमित है। यही कारण है कि आज करोड़ों अनुयायी अपने सतगुर के प्यार के दीवाने हैं, मस्ताने हैं।

अपने सतगुरु, रहबर के उपकारों के ऋणी हैं। उनके लिए पूरी दुनिया तो क्या खण्डों-ब्रह्मण्डों में भी कोई उस जैसा नहीं है और न ही होगा। अपने मुर्शिद का एक वचन उनके लिए सब कुछ है। और यही सच्ची रूहानियत है। क्योंकि रूहानियत में शिष्य और गुरु के बीच यही रिश्ता होता है कि जो गुरु ने अपने मुखारबिंद से कह दिया एक शिष्य के लिए उसे बिना-चूं-चरां किए सिर-मत्थे मानना है, उसको सिरे चढ़ाना है। और जो अपने गुरु के वचन को सत्य कह मानता है फिर रूहानी नजारे भी उस पर झमाझम बरसते हैं। सतगुर ऐसे शिष्यों पर अथाह रहमतें बरसाते हैं।

और इसके लिए पूज्य गुरु जी ने अब वचन फरमाए हैं कि पहले हम एक बूंद दे रहे थे अब जो वचनों को मानेगा उसके लिए समंदर बरसेगा। संत-सतगुर सबका भला ही करते हैं और अपने शिष्यों को भी ऐसी ही प्रेरणा देते हैं। अपने सतगुर प्यारे के अनमोल वचनों पर चलते हुए आज करोड़ों अनुयायी समाज भलाई में जुटे हुए हैं। अपने प्यारे मुर्शिद के पावन अवतार दिवस की खुशी पर साध-संगत इन भलाई कार्याें को और भी उत्साह से करती है।

सतगुर से ऐसा प्यार मिला है, एनर्जी मिली है कि सबके वारे न्यारे हो गए हैं। सतगुर भी अपने ऐसे शिष्यों पर समंदर बरसाने को आतुर हैं। सतगुर के इस पावन आगमन की जीअ भर के खुशियां मनाएं।
सम्पादक

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