Guest: मेहमान कहीं आपकी परेशानी का कारण तो नहीं बन रहा
मेहमान को भगवान का रूप माना जाता है और उसके स्वागत सत्कार में कोई कमी नहीं रहनी चाहिए। यह बात कहने और सुनने में तो अच्छी लगती है पर क्या आज अतिथि वाकई भगवान का रूप हैं? शायद नहीं। आज अतिथि की सोच बदल गई है।
Kids about Friends: बच्चों को दोस्तों के प्रति आगाह रखें
किशोरावस्था जीवन का महत्वपूर्ण पड़ाव है। Kids about Friends इस उम्र में बच्चों में बहुत बदलाव आते हैं। बच्चों को इस उम्र में समझ...
School Children Mobile: स्कूली बच्चे हो गये मोबाइल के आदी
वह समय भी था कि मोबाइल तो कोई जानता नहीं था। फोन भी इक्का दुक्का घरों में होते थे। जरूरी बात करनी होती थी...
खास मुश्किल नहीं है अच्छा पड़ोसी बनना | good neighbor
आमतौर पर यह माना जाता है कि अच्छे पड़ोसी पाना भाग्य की बात है। आज के भौतिकवादी युग में ऐसे बहुत कम लोग हैं जो अपने पड़ोसियों से नि:स्वार्थ भाव से मेल मिलाप रखना अपना फर्ज समझते हैं। महानगरों से लेकर गावों तक लोगों में आत्मकेंद्रित व एकाकी रहने की प्रवृत्ति बढ़ चली है।
रिश्तों को सुधारें , कुछ यूं मनाएं सुरक्षित दिवाली
परिवार और रिश्तेंदारों की अपेक्षा पड़ोसी ही हमारे सबसे नजदीक होते हैं। चाहने पर भी वो हमेशा हमारी मदद के लिए अक्सर नहीं पहुंच पाते हैं। ऐसे समय पड़ोसी ही मदद के लिए पहुंचते हैं। ऐसे में पड़ोसियों से अपने रिलेशन को अच्छा बना कर रखना बहुत जरूरी होता है
सिंगल मदर छोटे बच्चे की देखभाल कैसे करें
इत्यादि ऐसे किसी भी कारण से बच्चे को अकेले पालने की जिम्मेदारी मां पर आ सकती है। ऐसे में पहली दो स्थितियों में मां स्वयं मानसिक रूप से तनाव ग्रस्त होती है, उस पर मानसिक तनाव के साथ-साथ आर्थिक समस्या भी होती है कि अकेले छोटे बच्चे को कैसे पाल पोस कर संस्कारी बना सके।
बॉडी शेमिंग एन अनसॉलिसिटेड एडवाइज
बॉडी शेमिंग एन अनसॉलिसिटेड एडवाइज
‘अरे! तूने आजकल बड़ा वेट पुट आॅन कर लिया है। कुछ कर! यूं ही फूलती रही न, तो कोई शादी...
छोटा परिवार खुशियां बेशुमार | Small Family Happiness
छोटा परिवार खुशियां बेशुमार (Small Family Happiness)
जनसंख्या नियंत्रण:
ठोस कानून बनाने की जरूरत जिस गति से विश्व में जनसंख्या में वृद्धि हो रही है, उस...
सुखी रहे अन्नदाता
सम्पादकीय
सुखी रहे अन्नदाता
कृषि भारतीय अर्थ-व्यवस्था का मेरूदण्ड है। जहां एक ओर यह एक प्रमुख रोजगार प्रद्त क्षेत्र है, वहीं देश की सकल घरेलू उत्पाद...
पति काम करें तो औरतें ही देती हैं ताना
पति काम करें तो औरतें ही देती हैं ताना
‘हमारा सतीश तो मानता ही नहीं है। रेखा के साथ बर्तन मंजवाता है। सब्जी कटवाता है।...