जिन्दगी जवाब है, जंग नहीं – आपके अन्दर कितनी भी प्रतिभा और लगन हो, परन्तु जब तक आप आलस्य और सुस्ती की गिरफ्त में हैं, तब तक आपको मनचाही कामयाबी हासिल नहीं होगी। सही अर्थों में आलस्य और प्रमाद, ये दो हमारे आंतरिक शत्रु हैं जो बिना शत्रुता के ही हमसे दुश्मनी निभाते रहते हैं। एक पुरानी कहावत है ‘जान है तो जहान है’।
मतलब जीवन में अगर ओज नहीं, तेज नहीं तो जीवन नहीं। जीवन में एक चमक, एक लपक नहीं, तब तक जीवन नहीं। जीवन में प्रकाश हो, विकास हो, तब जीवन है, तब जिन्दगी एक जवाब है।
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जिन्दगी एक जवाब हो जाए, इसके लिए कुछ विशेष बातों पर विशेष ध्यान दिया जाए, तो जिन्दगी जंग बनने से बच जाएगी।
सुबह उठने की आदत डालें-
सुबह उठने के कई फायदे हैं। पहला तो यह कि सुबह का समय दिल-दिमाग को कुछ ज्यादा ही शांति व सक्रि यता प्रदान करता है। दूसरा सुबह के समय आप शांत माहौल में चिंतन-मनन अच्छे तरीके से कर सकते हैं। सुबह के समय वायुमण्डल में आॅक्सीजन की मात्रा अधिक होने के कारण आप स्वस्थता का अनुभव अधिक करेंगे, साथ ही आप किसी विषय पर सकारात्मक विचार अधिकाधिक कर सकते हैं।
खान-पान पर ध्यान दें
भोजन हमेशा भूख से कम लें। चाय, काफी एवं कोल्ड ड्रिंक आदि के सेवन में सावधानी बरतें। यदि हो सके तो इसके स्थान पर तो दूध-दही का ही सेवन करें। इससे पाचन शक्ति बढ़ने के साथ-साथ मस्तिष्क में ताजगी भी बनी रहती है।
सिद्धांत अपनाएं
सिद्धांतों के बिना जिन्दगी वैसी ही हो जाती है जैसे बिना पतवार की नाव। यदि आप अपनी जिन्दगी में स्थाई तौर पर सफलता हासिल करना चाहते हैं तो कुछ नैतिक मूल्यों और सिद्धांतों को अमल में लाना होगा। ईमानदारी का जीवन में एक विशिष्ट मूल्य है।
इसके साथ ही सामने आए हुए कार्य को सहर्ष स्वीकारें, चाहे आपके पसंद का हो या नहीं, और सामने आए हुए सभी कार्यों को समय पर निपटाने का निश्चय करें। जीवन में अहम फैसले जल्दबाजी में न लें। फैसला लेने से पहले खूब सोच-विचार करें और फैसला एक बार लें। बार-बार फैसला बदलने से आपके व्यक्तित्व पर बुरा असर पड़ सकता है।
योग-व्यायाम करें
सुबह के समय योगासन या व्यायाम करने से दिन भर चुस्ती और फुर्ती बनी रहती है। सुबह के समय टहलें अवश्य और टहलते समय गहरी सांस लेकर धीरे-धीरे छोड़ें।
स्वयं पर भरोसा
जीवन में पहले स्वयं पर भरोसा रखें, क्योंकि ईश्वरी शक्ति उसी की मदद पहले करती है जिसको स्वयं पर पूर्ण विश्वास होता है या स्वयं की मदद करता है। जीवन में भिन्न-भिन्न लोगों से सजी दुनिया है। इसी में कुछ ऐसे लोग होते हैं जो ईर्ष्यावश हतोत्साहित करते रहते हंै। ऐसे में आत्मविश्वासी बनें और अपने लिए समय निकालने की आदत डालें।
जब आप खाना-पीना, घूमना-फिरना रोज कर सकते हैं तो खुद के लिए समय भी निकालना जरूरी है। इसके लिए रोज 5 मिनट के लिए एकान्त में बैठना सीखें और इस वक्त आप कुछ भी न सोचें। हो सके तो आंख बन्द कर बैठने के बाद अपने आप को भी भूल जाएं कि आप कुछ हैं। बस यूं समझिये उस 5 मिनट के लिए आप कोई अधिकारी, कोई सेठ, कोई नौकर या यूं कहिए कि आप मनुष्य भी नहीं, कुछ भी नहीं हैं। यदि इस तरीके को अपनाया गया तो उठने के बाद आप अपने आपको एक दम तरोताजा अनुभव करेंगे। इस क्रि या से आप कि आपको कोई भी निर्णय लेने में कम समय और सटीक कार्य होना शुरू हो जाएगा।
सामना करें, टालें नहीं
किसी भी समस्या को टालें नहीं, बल्कि आत्मविश्वास से समस्या का सामना करें। जी न चुराएं। ऐसा करने से समस्या का समाधान नहीं मिलता, बल्कि समस्या और उलझ कर बड़ी हो जाती है। किसी समस्या के समाधान के उपायों पर जितना बेहतर चिंतन आप तन्हाई में, एकान्त में रहकर कर सकते हैं, उतना दूसरी जगह नहीं, इसलिए एकान्त में रहने की आदत डालें।
एकान्त में समस्या के मूल बिन्दु पर ध्यान एकाग्र करने पर उन समस्याओं का भी समाधान निकलता नजर आएगा, जो जटिल समस्याएं हैं और जिन समस्याओं का समाधान निकालना असंभव सा लगता था। आशा है उपरोक्त बातें आपके जीवन की जंग में सहायक होंगी और जिन्दगी जवाब साबित होगी जिसमें समस्या नाम की कोई चीज नहीं होगी।
-राधे गोपाल स्वरूप