पॉलीटेक्निक डिप्लोमा कोर्स के बाद बेहतरीन करियर स्कोप्
क्या आपका पॉलीटेक्निक डिप्लोमा कोर्स अब समाप्त होने वाला है या फिर आप पॉलीटेक्निक डिप्लोमा कोर्स करने के विषय में सोच रहे हैं और इस बात को लेकर उहापोह की स्थिति में हैं कि आखिर इस कोर्स को करने के बाद रोजगार की कितनी संभावनाएं हैं। तो आपको इन परिस्थितियों में डरने तथा कुछ ज्यादा सोचने की जरुरत नहीं है।
polytechnic diploma course डिप्लोमा पॉलिटेक्निक कोर्स के पूरा होने के बाद बहुत अच्छे करियर विकल्प और अवसर मिलते हैं। पॉलिटेक्निक डिप्लोमा पाठ्यक्रमों का चयन करने का एक मुख्य कारण इसके द्वारा कम पैसे और कम समय में उत्कृष्ट करियर के अवसर उपलब्ध कराना है। पॉलिटेक्निक डिप्लोमा कार्यक्रम के पूरा होने के बाद इंजीनियरिंग ट्रेडों के साथ-साथ गैर-इंजीनियरिंग क्षेत्रों में भी छात्रों के पास कई प्रकार के करियर विकल्प मौजूद हैं।
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polytechnic diploma course आगे का अध्ययन:
यद्यपि पॉलिटेक्निक डिप्लोमा कार्यक्रम एआईसीटीई / अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद द्वारा संचालित और अनुमोदित पूर्ण तकनीकी डिग्री पाठ्यक्रम है, लेकिन इन पाठ्यक्रमों को विशेष रूप से संबंधित स्ट्रीम्स या विषय के व्यावहारिक पहलुओं और मूलभूत बातें सीखने में मदद करने के लिए विशेष रूप से जाना जाता है। इसलिए, यदि आप अपने टेक्नीकल ज्ञान के थियरेटिकल ज्ञान के साथ-साथ प्रैक्टिकल ज्ञान में भी वृद्धि करना चाहते हैं तो आपके द्वारा पॉलिटेक्निक डिप्लोमा कोर्स पूरा करने के बाद निम्नांकित विषयों के अध्ययन पर जोर दिया जाना चाहिए।
डिप्लोमा के बाद आगे अध्ययन करने का फायदा:
पॉलिटेक्निक डिप्लोमा एक टेक्नीकल डिग्री है। इससे आपको एक अच्छी नौकरी मिलने में मदद मिल सकती है। विविध प्रकार की नौकरियों में जॉब की संभावना और उच्च स्तर की नौकरियों के लिए अपनी योग्यता साबित करने के लिए डिप्लोमा करने के बाद भी अध्ययन करना जरुरी है। पॉलीटेक्निक डिप्लोमा के दौरान सम्बंधित डोमेन के व्यावहारिक पक्ष तथा आधारभूत तथ्यों पर ज्यदा जोर दिया जाता है लेकिन वे उच्च स्तर की नौकरी के लिए पर्याप्त नहीं होते हैं। पॉलीटेक्निक डिप्लोमा से प्रारंभिक स्तर पर जूनियर लेवल की जॉब आसानी से पाई जा सकती है, लेकिन उच्च स्तर की नौकरियों के लिए सिर्फ इससे काम नहीं चलता है। इसलिए सम्बन्धित डोमेन में सैद्धांतिक और व्यावहारिक दोनों ही स्तर पर पर्याप्त ज्ञान के लिए आगे अध्ययन करना बहुत जरुरी हो जाता है।
इसके लिए आप निम्नांकित कोर्सेज पर विचार कर सकते हैं –
बीटेक लेटरल एंट्री स्कीम:
पॉलीटेक्निक डिप्लोमा धारकों के लिए सबसे लोकप्रिय विकल्प, खासकर इंजीनियरिंग डोमेन से, बी.टेक या बीई का चयन करना है। इसके लिए उम्मीदवारों को कॉलेज और पाठ्यक्रम के लिए संबंधित इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा में शामिल होना पड़ेगा। कई इंजीनियरिंग कॉलेज इंजीनियरिंग डिप्लोमा धारकों को लेटरल एंट्री प्रदान करते हैं। लेटरल एंट्री का मतलब है कि आप सीधे दूसरे वर्ष में इंजीनियरिंग कार्यक्रम में शामिल हो सकते हैं या बी.टेक/ बीई के तीसरे सेमेस्टर में शामिल हो सकते हैं। कुछ कॉलेजों में डिप्लोमा धारकों को लेटरल एंट्री योजना के माध्यम से प्रवेश के लिए अलग से प्रवेश परीक्षा आयोजित की जाती है।
लेटरल एंट्री स्कीम वाले शीर्ष कॉलेज:
- गुरू नानक देव इंजीनियरिंग कॉलेज, लुधियाना
- डीएवी इंस्टिट्यूट आॅफ इंजीनियरिंग और टैक्नोलॉजी, जालंधर
- इंजीनियरिंग कॉलेज आॅफ इंजीनियरिंग, पुणे
- गुरु तेगबाहदुर प्रौद्योगिकी संस्थान, दिल्ली
- एमिटी स्कूल आॅफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी, नोएडा
- दिल्ली टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी, दिल्ली
- थापर इंस्टीट्यूट आॅफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी, पटियाला
- नेताजी सुभाष इंस्टीट्यूट आॅफ टेक्नोलॉजी, दिल्ली
- केआईआईटीएस यूनिवर्सिटी, ओडिशा
- गुरु गोबिंद सिंह आईपी यूनिवर्सिटी, दिल्ली
- पंजाब टेक्नीकल यूनिवर्सिटी, जलंधर
- पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़
- चंडीगढ़ समूह कॉलेज, चंडीगढ़
- पंजाबी यूनिवर्सिटी पटियाला
- हार्कोर्ट बटलर टेक्नोलॉजिकल इंस्टिट्यूट, कानपुर
- चित्रकारा यूनिवर्सिटी, चंडीगढ़
- सेंट लौंगोवाल इंस्टीट्यूट आॅफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी, लौंगोवाल संगरूर
- एसबीएस कॉलेज आॅफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी, फिरोजपुर
स्टडी डोमेन में ग्रेजुएशन:
बीटेक और बीई कोर्सेज के अलावा पॉलिटेक्निक डिप्लोमा धारकों के पास अपने सम्बन्धित डोमेन में तीन साल के नियमित ग्रेजुएशन कोर्स में शामिल होने का विकल्प भी मौजूद है। यह विकल्प गैर-इंजीनियरिंग प्रोग्राम्स, बीएससी, बीए, बीसीए और बीकॉम जैसे तीन साल के रेगुलर ग्रेजुएशन प्रोग्राम्स की अपेक्षा डिप्लोमा धारकों के लिए विशेष रूप से व्यावहारिक है, लेकिन इसके लिए उम्मीदवार के पास 12वीं का रिजल्ट तथा डिप्लोमा का सर्टिफिकेट होना आवश्यक है, तभी उन्हें इसमें एडमिशन मिल सकता है।
रोजगार के अवसर:
उत्कृष्ट क्षेत्र और विभिन्न करियर के अवसर प्रदान करने के कारण पॉलिटेक्निक डिप्लोमा को कई छात्र करियर के शॉर्ट-कट का नाम देते हैं। 10वीं पास करने के बाद आर्थिक समस्याओं से जूझ रहे छात्रों को यह रोमांचक और आकर्षक करियर विकल्प प्रदान करता है। ऐसे में वे पीएसयू की नौकरी कर सरकारी सेवा क्षेत्र में शामिल होने, निजी कंपनियों के साथ नौकरियां लेने या यहां तक कि अपना खुद का व्यवसाय शुरू करने और स्व-नियोजित होने का विकल्प चुन सकते हैं।
सार्वजनिक क्षेत्र:
सरकार या उनके सहयोगी सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयां पॉलिटेक्निक डिप्लोमा धारकों को बेहतरीन करियर के अवसर प्रदान करती हैं। ये कंपनियां जूनियर लेवल पोजिशन और तकनीशियन स्तर की नौकरियों के लिए डिप्लोमा धारकों को हायर करती हैं।
पॉलीटेक्निक डिप्लोमा ग्रेजुएट्स की भर्ती करने वाली शीर्ष कंपनियां:
- रेलवे
- भारतीय सेना गेल:
- गैस अथॉरिटी आॅफ इंडिया लिमिटेड
- ओएनजीसी: तेल और प्राकृतिक गैस निगम
- डीआरडीओ : रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन
- भेल: भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड
- एनटीपीसी : नेशनल थर्मल पावर कॉपोर्रेशन
- लोक कार्य विभाग
- बीएसएनएल: भारत संचार निगम लिमिटेड
- सिंचाई विभाग
- बुनियादी ढांचा विकास एजेंसियां
- एनएसएसओ: राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण संगठन
- आईपीसीएल : इंडियन पेट्रो केमिकल्स लिमिटेड
- निजी क्षेत्र:
सार्वजनिक क्षेत्र की तरह ही निजी क्षेत्र की कंपनियां भी विशेष रूप से विनिर्माण, निर्माण और इलेक्ट्रॉनिक्स और संचार डोमेन में काम करने वाले पॉलिटेक्निक डिप्लोमा धारकों को हायर करती हैं। हालांकि, ये नौकरियां जूनियर लेवल की होती हैं और इसमें प्रोमोशन के आसार कम होते हैं। आप इन निजी क्षेत्रों की कंपनियों में जॉब कर सकते हैं।
- एयरलाइंस – इंडिगो, स्पाइसजेट, जेट एयरवेज इत्यादि
- निर्माण फर्म – यूनिटेक, डीएलएफ, जेपी एसोसिएटेड, जीएमआर इंफ्रा, मित्स इत्यादि
- संचार फर्म : भारती एयरटेल , रिलायंस कम्युनिकेशंस, आइडिया सेल्युलर इत्यादि।
- कम्प्यूटर इंजीनियरिंग फर्म – टीसीएस, एचसीएल, विप्रो, पोलारिस इत्यादि।
- आॅटोमोबाइल : मारुति सुजुकी, टोयोटा, टाटा मोटर्स, महिंद्रा, बजाज आॅटो इत्यादि।
- इलेक्ट्रिकल / पावर फर्म : टाटा पावर, बीएसईएस, सीमेंस, एलएंडटी, इत्यादि।
- मैकेनिकल इंजीनियरिंग फर्म – हिंदुस्तान यूनिलीवर, एसीसी लिमिटेड, वोल्टस इत्यादि।
- स्व रोजगार:
पॉलिटेक्निक डिप्लोमा धारकों के लिए एक और उत्कृष्ट करियर विकल्प स्व-रोजगार है। पॉलिटेक्निक संस्थानों द्वारा पेश किए गए सभी डिप्लोमा कोर्सेज विशेष रूप से संबंधित विषय के व्यावहारिक या अनुप्रयोग सम्बन्धी पहलुओं पर छात्रों को प्रशिक्षित करते हैं।
यह छात्रों को विषय की मूल बातें सीखने के लिए तैयार करता है और अपना खुद का व्यवसाय शुरू करने के योग्य बनाता है। उदाहरण के लिए, कंप्यूटर इंजीनियरिंग में डिप्लोमा रखने वाले छात्र आसानी से कंप्यूटर की मरम्मत के लिए एक व्यवसाय शुरू कर सकते हैं या आॅटोमोबाइल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा रखने वाला कोई भी छात्र अपना गेराज या आॅटोमोबाइल मरम्मत स्टोर शुरू कर सकता है। इसलिए पॉलिटेक्निक डिप्लोमा पाठ्यक्रम छात्रों को स्व-रोजगार के महत्वपूर्ण अवसर प्रदान करते हैं।