बड़ी चुनौती थी कि जॉब के साथ मैं तैयारी कैसे करूं!
संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की परीक्षा में इस बार हरियाणा के होनहारों ने अपनी प्रतिभा का लौहा मनवाया है। सोनीपत के गांव तेवड़ी के रहने वाले प्रदीप सिंह मलिक ने पूरे देश में पहला रैंक प्राप्त किया है। एक साधारण किसान परिवार में जन्मे प्रदीप के लिए ये सफर आसान नहीं था। एक तरफ नौकरी करके घर चलाने की गरज थी तो दूसरी ओर आईएएस बनकर ख्वाब पूरा करने की उम्मीद।
नौकरी के साथ कोचिंग कर पाना उनके लिए मुश्किल था, क्योंकि नौकरी वो छोड़ नहीं सकते थे। प्रदीप का कहना है कि मेरे दादा जी भी चाहते थे कि मैं आईएएस बनूं। लेकिन मेरे लिए एक बड़ी चुनौती थी कि मैं जॉब छोड़कर तैयारी नहीं कर सकता था। ऐसे में मेरे सामने सबसे बड़ी चुनौती थी कि कैसे मैं जॉब के साथ तैयारी करूं। प्रदीप ने 12वीं के बाद कंप्यूटर साइंस में मुरुथल यूनिवर्सिटी से इंजीनियरिंग की। उसके बाद कस्टम में बतौर इंस्पेक्टर ज्वॉइन किया और पढ़ाई को जारी रखा। उन्होंने चार साल कस्टम डिपार्टमेंट में नौकरी की। प्रदीप ने चौथी बार यूपीएससी का एग्जाम दिया है। जिसमें से दो बार वो मेन्स एग्जाम क्लयिर नहीं कर पाए थे। साल 2018 में प्रदीप ने यूपीएससी में 260वां रैंक हासिल किया और आईआरएस में ज्वॉइन किया।
प्रदीप कुमार कहते हैं, आपकी लाइफ में हमेशा कोई न कोई मोटिवेटिंग फैक्टर होता है, उनसे जुड़े रहिए, बात करते रहिए और अगर आप पूरा दम लगाकर मेहनत करते हैं तो आपकी सफलता होगी। मेरी लाईफ में मेरे पिता सुखबीर सिंह मेरी प्रेरणा रहे हैं। एक बार नौकरी में लगा कि अब नौकरी के साथ तैयारी नहीं हो पाएगी लेकिन पिता ने कहा कि नहीं, आपको करना है… और उनकी प्रेरणा से ही मैंने दोबारा तैयारी की। प्रदीप ने अपनी सफलता का श्रेय कड़ी मेहनत और परिजनों को दिया है।
कविताएं लेखन व सामान्य विज्ञान में है रुचि
यूपीएससी टॉपर प्रदीप सिंह बताते हैं कि उनको कविताएं लिखना व सामान्य विज्ञान में रुचि है। वह कुछ समय कविता लेखन व सामान्य विज्ञान में बिताते थे। प्रदीप के परिवार में जहां उनके पिता सुखबीर सिंह हैं जो पेशे से किसान हैं और दो बार गांव के सरपंच रह चुके हैं। वहीं माता शीला देवी गृहणी हैं। प्रदीप की सफलता पर परिवार में खुशी का माहौल है।
सच्ची शिक्षा हिंदी मैगज़ीन से जुडे अन्य अपडेट हासिल करने के लिए हमें Facebook, Twitter, और Instagram, YouTube पर फॉलो करें।