दूसरों के कष्ट में सहृदयता का भाव रखें
दूसरों के कष्ट में सहृदयता का भाव रखें
दूसरे के कष्ट का मनुष्य को तभी ज्ञान होता है जब तक वह स्वयं उसका स्वाद नहीं चख लेता। अपनी परेशानियों से मनुष्य बहुत ही दुखी होता...
‘तू ज्योंदा ही मत्थे लग गया…’ -सत्संगियों के अनुभव
‘तू ज्योंदा ही मत्थे लग गया...’ -सत्संगियों के अनुभव
पूजनीय बेपरवाह सार्इं शाह मस्ताना जी महाराज की दया-मेहर
प्रेमी शगुन लाल इन्सां पुत्र सचखण्डवासी श्री पाली राम जी, निवासी श्री गंगानगर (राज.) से पूजनीय बेपरवाह सार्इं...
सतगुरु जी ने बख्शी अपनी अपार रहमतें -सत्संगियों के अनुभव
सतगुरु जी ने बख्शी अपनी अपार रहमतें -सत्संगियों के अनुभव
पूजनीय परमपिता शाह सतनाम सिंह जी महाराज की अपार कृपा
एसडीओ श्री करम सिंह जी इन्सां पुत्र स. जलौर सिंह जी, निवासी गांव नानकसर जिला फरीदकोट...
सतगुरु जी की रहमत से ही पुत्र की दात प्राप्त हुई -सत्संगियों के अनुभव
सतगुरु जी की रहमत से ही पुत्र की दात प्राप्त हुई -सत्संगियों के अनुभव
पूज्य हजूर पिता संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां का रहमो-करम
प्रेमी रण सिंह इन्सां सुपुत्र श्री राम लाल इन्सां...
मीठे बोल जीत सकते हैं सबका मन
मीठे बोल जीत सकते हैं सबका मन
जीवन की आपाधापी एवं भागमभाग में हम एक-दूसरे के लिए कम समय ही निकाल पाते हैं और इसमें भी मिठास की जगह कठोर शब्दों के बोलचाल की अधिकता...
खुद पर हो विश्वास, तो सफलता आपके साथ
खुद पर हो विश्वास, तो सफलता आपके साथ
कोई भी मनुष्य सफलता की उँचाइयों को छू सकता है। मानव को अपने जीवन में सफल होने तथा सबका प्रिय बनने के लिए कुछ विशेष बातों का...
भड़ास निकालने के लिए बोलना अहितकारी
भड़ास निकालने के लिए बोलना अहितकारी
वाणी पर संयम बहुत जरूरी है। शायद इसीलिए कहा भी गया है, ‘कम बोल अच्छा बोल’। बंदूक से निकली गोली वापस नहीं होती, ठीक उसी तरह मुख से निकली...
बढ़ाएं अपना आत्मविश्वास
बढ़ाएं अपना आत्मविश्वास
कहते हैं कि हम कड़ी लगन एवं मेहनत के जरिए मंजिल पर पहुंचने का सुगम रास्ता तो बना सकते हैं किंतु ठोस इरादों के बलबूते ही मंजिल तक पहुंचा जा सकता है।...
काम के साथ रखें फिटनेस का ध्यान
काम के साथ रखें फिटनेस का ध्यान
भागदौड़ भरी जिंदगी में वर्किंग लोगों के पास अपनी सेहत या फिट रहने का बिलकुल समय नहीं होता। घर, आॅफिस और दूसरे कामों में दिन इतनी तेजी से...
बजटिंग की आदत बनाइये
बजटिंग की आदत बनाइये
अंग्रेजी कैलेण्डर के हिसाब से शासकीय रूप से 1 अप्रैल से 31 मार्च का समय वित्त वर्ष के रूप में माना जाता है। यही कारण है कि राज्य व केंद्र सरकार...