मीठीबाई क्षितिज व मोबिस्टोरम समर्थित क्षितिज कार्निवल ने मचाया धमाल
मीठीबाई क्षितिज व मोबिस्टोरम समर्थित क्षितिज कार्निवल ने मचाया धमाल
इस बार मीठीबाई क्षितिज और मोबिस्टोरम ने सांझे तौर पर क्षितिज कार्निवल की मेजबानी की, इसने कॉलेज में एक सामान्य दिन को मस्ती, मुस्कुराहट तथा...
पुरुषों को उपहार में क्या दें
पुरुषों को उपहार में क्या दें : रिश्तों में करीबी लाने में उपहार अहम् भूमिका निभाते हैं। एक-दूसरे को उपहार देकर हम आनंद का अनुभव करते हैं।
उससे हमें यह अहसास होता है कि हम...
मेहंदी लगाना भी एक कला है
मेहंदी लगाना भी एक कला है
हर उम्र की महिलाओं द्वारा खास मौकों पर सुन्दर दिखने के लिए हाथों-पैरों पर मेहंदी लगायी जाती है, जिसके लिए भारतीय, अरेबिक, पाकिस्तानी और राजस्थानी डिजाइनों से अपने पैरों...
नई नवेली दुल्हन को ऐसे रखें खुश
new bride नई नवेली दुल्हन को ऐसे रखें खुश
नई नवेली दुल्हन जब मायके से ससुराल आती है तो उसे वहां के तौर-तरीके सीखने में थोड़ा समय तो लगेगा ही। ऐसे में अगर उससे कुछ...
जायके का सफर ‘बाटी’ के साथ
स्वादिष्ट व्यंजनों का नाम सुनते ही मुँह में पानी आ जाता है ,चाहे पेट भरा हो या खाली हो, ऐसे ही एक सर्वव्यापी व्यंजन का नाम है ‘बाटी’। हम सभी इस नाम से परिचित हैं। राजस्थान का ‘दाल बाटी चूरमा’ और बिहार का ‘बाटी चोखा’ विश्व प्रसिद्ध है।
पैरों की करें उचित देखभाल
पैरों की करें उचित देखभाल
पैरों में कई तरह के घाव होते हैं, कई प्रकार की पीड़ा होती है किंतु स्त्री हो या पुरूष, सभी इसके प्रति लापरवाह दिखते मिल जाते हैं। जो पैर शरीर...
ऐसे होेते हैं सोलह शृंगार
ऐसे होेते हैं सोलह शृंगार
लड़की से दुल्हन बनने तक की राह लंबी होती है। सजते-संवरते, बनते-निखरते उसे सोलह श्रृंगारों से गुजरना होता है। सोलह शृंगार से ही हर लड़की के नैसर्गिक सौंदर्य में ऐसा...
Properly: धन और ज्ञान मात्र संग्रह ही नहीं, सदुपयोग भी जरूरी है
Properly एक गाँव में धर्मदास नामक एक व्यक्ति रहता था। बातें तो बड़ी ही अच्छी-अच्छी करता था पर था एकदम कंजूस। कंजूस भी ऐसा वैसा नहीं बिलकुल मक्खीचूस। चाय की बात तो छोड़ो, वह...
ऊर्जा बढ़ाती है सर्दियों की धूप
ऊर्जा बढ़ाती है सर्दियों की धूप
सर्दियों में मनोदशा विकार होना आम है। लोग अवसाद का शिकार होने लगते हैं, जिसे मौसमी मनोदशा विकार (सीजनल मूड डिसआॅर्डर) के नाम से जाना जाता है।
इस मौसम में...
दूसरों के कष्ट में सहृदयता का भाव रखें
दूसरों के कष्ट में सहृदयता का भाव रखें
दूसरे के कष्ट का मनुष्य को तभी ज्ञान होता है जब तक वह स्वयं उसका स्वाद नहीं चख लेता। अपनी परेशानियों से मनुष्य बहुत ही दुखी होता...