थैंक यू – कब और कैसे
थैंक यू, सॉरी ये शब्द ऐसे हैं कि आम भाषा में इनका प्रयोग अधिकतर सभी करने लगे हैं। बड़े से छोटे तक ‘थैंक यू’ कई अवसरों पर हम बोलते हैं लेकिन इसे कहने का...
शादी से पहले उम्मीदें
शादी से पहले उम्मीदें
एक-दूसरे से अलग होते हुए भी स्त्री और पुरुष साथ चलते हैं, परिवार और रिश्ते निभाते हैं, मगर उनकी चाहतें अलग-अलग होती हैं। सफल रिश्ते के लिए दोनों को ये पता...
पाठशाला से पहले नन्हे की शिक्षा
पाठशाला से पहले नन्हे की शिक्षा
लद गए वह दिन जब बच्चे 7-8 साल के हो जाने पर स्कूल जाते थे। उससे पहले की शिक्षा घर पर बड़े बुजुर्गों के द्वारा होती थी। दादा दादी...
सर्दियों में त्वचा का रखें विशेष ध्यान
सर्दियों में त्वचा का रखें विशेष ध्यान
सर्दियों में त्वचा की सही देखभाल करना अपने आप में एक चिंता का विषय है। अधिकतर लोग पूरा ज्ञान न होने के कारण त्वचा की देखभाल सही तरीके...
बच्चों को सिखाएं टेबल मैनर
बच्चों को सिखाएं टेबल मैनर
बच्चे वही सीखते हैं जो उन्हें सिखाया जाता है। यूं तो हर माता-पिता बच्चों को हर तरह के शिष्टाचार का पालन करना सिखाते हैं लेकिन अक्सर कुछ बेसिक चीजें हैं...
सदाबहार चुस्ती-फुरती से जीना सीखें
सदाबहार चुस्ती-फुरती से जीना सीखें
भूख लगने पर ही खाएं:-
चुस्ती फुरती हेतु खाना तभी खाएं जब आप भूख महसूस करें। भूख न होने पर जबरदस्ती भोजन न ठूंसें। इससे शरीर आलसी होता है और पेट...
छोटा परिवार खुशियां बेशुमार | Small Family Happiness
छोटा परिवार खुशियां बेशुमार (Small Family Happiness)
जनसंख्या नियंत्रण:
ठोस कानून बनाने की जरूरत जिस गति से विश्व में जनसंख्या में वृद्धि हो रही है, उस अनुपात में 'अर्थ ओवरशूट डे' की अवधि भी सिमटती जा...
टीवी का शौक न पड़ जाए महंगा
Bad Effects of Watching TV: नई जेनरेशन को टीवी के बिना जिंदगी अधूरी लगती है। अब हर घर में हर कमरे में टीवी उपलब्ध हैं। कई बच्चे तो टीवी देखे बिना खाना ही नहीं...
कहीं समय से पीछे न रह जाएं
कहीं समय से पीछे न रह जाएं
आज की इस भागदौड़ की जिंदगी में सभी समय के साथ चलना चाहते हैं। कोई भी समय बर्बाद कर पीछे नहीं रहना चाहता। जो लोग समय बर्बाद करते...
शादी के बाद कैसे करें नए रिश्तों से एडजस्टमेंट
शादी के बाद कैसे करें नए रिश्तों से एडजस्टमेंट
शादी के बाद नई दुल्हन को नए माहौल में नए लोगों के साथ मधुर रिश्ता बनाने में कठिनाई महसूस तो होती ही है क्योंकि 22 से...
अब मेले की जगह मॉल
अब मेले की जगह मॉल
कभी हमारा वक्त आपसी इंटरएक्शन करते हुए रिश्तों को प्रगाढ़ बनाने, एक दूसरे को समझने व पहचान का दायरा बढ़ाने में गुजरता था। ऐसे में भावनाओं की भरपूर अभिव्यक्ति होती...
बेटी को आत्मनिर्भर बनाइए
बेटी को आत्मनिर्भर बनाइए
प्रत्येक माता-पिता का यह नैतिक दायित्व होता है कि वे अपनी प्यारी-दुलारी बिटिया को उच्च शिक्षा दिलाएं ताकि वह कोई नौकरी अथवा व्यवसाय करके आत्मनिर्भर बन सके। इससे वह आर्थिक रूप...